भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (250 words) [UPSC 2022]
संसदीय संप्रभुता: ब्रिटिश और भारतीय दृष्टिकोणों की तुलना ब्रिटिश दृष्टिकोण: "संसदीय संप्रभुता की परिभाषा": ब्रिटिश संविधान में संसदीय संप्रभुता (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत मान्यता प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि ब्रिटिश संसद की विधायी शक्ति सर्वोच्च होती है। संसद द्वारा पारित कोई भी कानून सRead more
संसदीय संप्रभुता: ब्रिटिश और भारतीय दृष्टिकोणों की तुलना
ब्रिटिश दृष्टिकोण:
- “संसदीय संप्रभुता की परिभाषा”: ब्रिटिश संविधान में संसदीय संप्रभुता (Parliamentary Sovereignty) का सिद्धांत मान्यता प्राप्त है, जिसका अर्थ है कि ब्रिटिश संसद की विधायी शक्ति सर्वोच्च होती है। संसद द्वारा पारित कोई भी कानून सर्वोच्च होता है और अदालतें उस पर कानूनी चुनौती नहीं कर सकतीं।
- “अविवादित सर्वोच्चता”: ब्रिटेन में, संसद की शक्ति को निरंतर और अद्वितीय माना जाता है, और संविधान की कोई भी अभिव्यक्ति संसद के कानून को प्रभावित नहीं कर सकती। यह एक अप्रत्यक्ष संविधान प्रणाली है जिसमें संसद की संप्रभुता अनिवार्य है।
भारतीय दृष्टिकोण:
- “संवैधानिक संप्रभुता”: भारतीय संविधान संसदीय संप्रभुता को संविधानिक संप्रभुता के साथ संयोजित करता है। भारतीय संसद की संप्रभुता संविधान द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर होती है। अदालतें संविधान के अनुसार संसद के कानूनों की समीक्षा कर सकती हैं।
- “संवैधानिक समीक्षा”: भारत में, संविधान सर्वोच्च होता है और संसद केवल संविधान के दायरे में कानून बना सकती है। इस प्रकार, भारतीय दृष्टिकोण में संसदीय संप्रभुता संविधानिक संप्रभुता के अधीन होती है, जो अदालतों को संसद के कानूनों की समीक्षा का अधिकार देती है।
निष्कर्ष: ब्रिटिश दृष्टिकोण में संसदीय संप्रभुता सर्वोच्च होती है, जबकि भारतीय दृष्टिकोण में संसदीय संप्रभुता संविधान के भीतर सीमित होती है, जहाँ संविधान और अदालतें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See less
भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया 1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं।Read more
भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया
1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया संघीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व का मिश्रण सुनिश्चित करती है।
निर्वाचन मंडल की संरचना:
मतदान प्रणाली:
हालिया उदाहरण: 2022 के भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को निर्वाचित किया गया। इस चुनाव में सांसदों और राज्य विधायकों के मतों का समावेश किया गया, जो संघीय और राष्ट्रीय स्वार्थों का संतुलन दर्शाता है।
2. फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: फ्रांस में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष लोकप्रिय मतदान के माध्यम से होता है, जो सीधे लोकतंत्र को दर्शाता है।
निर्वाचन प्रक्रिया:
हालिया उदाहरण: 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव में एमानुएल मैक्रों को दूसरे दौर में Marine Le Pen के खिलाफ विजय प्राप्त हुई, जिससे उनकी दूसरी बार राष्ट्रपति पद पर चुने गए।
तुलना:
निष्कर्ष: भारत और फ्रांस की राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रियाएँ उनके राजनीतिक और संवैधानिक ढाँचों को दर्शाती हैं। भारत की प्रणाली संघीय संतुलन और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देती है, जबकि फ्रांस की प्रणाली सीधा लोकप्रिय मतदान पर निर्भर करती है। दोनों प्रक्रियाएँ प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करती हैं, लेकिन भिन्न तंत्रों के माध्यम से।
See less