भारत एवं यू० एस० ए० दो विशाल लोकतंत्र हैं। उन आधारभूत सिद्धांतों का परीक्षण कीजिए जिन पर ये दो राजनीतिक तंत्र आधारित है। (250 words) [UPSC 2018]
भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता का उपागम फ्रांस के लिए कई महत्वपूर्ण सीखें प्रदान कर सकता है: 1. धर्मनिरपेक्षता का व्यावहारिक दृष्टिकोण: भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता को सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के रूप में लागू करता है। इसमें धर्म को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के हिस्सRead more
भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता का उपागम फ्रांस के लिए कई महत्वपूर्ण सीखें प्रदान कर सकता है:
1. धर्मनिरपेक्षता का व्यावहारिक दृष्टिकोण:
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता को सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के रूप में लागू करता है। इसमें धर्म को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के हिस्से के रूप में मान्यता दी जाती है, जबकि सरकार का धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप सीमित होता है। फ्रांस भी धर्मनिरपेक्षता को संप्रभुता के हिस्से के रूप में मान्यता देता है, लेकिन कभी-कभी इसे अधिक सख्ती से लागू किया जाता है।
2. धर्म और राज्य के बीच संतुलन:
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता के तहत धर्म और राज्य के बीच संतुलन बनाए रखता है, जहां राज्य सभी धर्मों के प्रति निष्पक्ष रहता है, लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा भी करता है। फ्रांस को इस संतुलन को समझने और लागू करने में मदद मिल सकती है, ताकि धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक व्यवस्था के बीच बेहतर संतुलन बनाया जा सके।
3. धार्मिक विविधता का सम्मान:
भारत का संविधान धार्मिक विविधता और बहुलता को स्वीकार करता है और उसे प्रोत्साहित करता है। यह फ्रांस को धार्मिक विविधता का सम्मान और इसे समाज में समावेशिता का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
इस प्रकार, भारत का धर्मनिरपेक्षता का उपागम फ्रांस के लिए धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता के निर्माण में उपयोगी सबक हो सकता है।
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भारत और अमेरिका: आधारभूत सिद्धांतों का परीक्षण भारत और अमेरिका दोनों विशाल लोकतंत्र हैं, लेकिन उनके राजनीतिक तंत्र अलग-अलग आधारभूत सिद्धांतों पर आधारित हैं। भारत: 1. संसदीय लोकतंत्र: भारत का राजनीतिक तंत्र संसदीय लोकतंत्र पर आधारित है। इसमें सरकार का गठन संसद द्वारा होता है और प्रधानमंत्री संसद का सRead more
भारत और अमेरिका: आधारभूत सिद्धांतों का परीक्षण
भारत और अमेरिका दोनों विशाल लोकतंत्र हैं, लेकिन उनके राजनीतिक तंत्र अलग-अलग आधारभूत सिद्धांतों पर आधारित हैं।
भारत:
1. संसदीय लोकतंत्र: भारत का राजनीतिक तंत्र संसदीय लोकतंत्र पर आधारित है। इसमें सरकार का गठन संसद द्वारा होता है और प्रधानमंत्री संसद का सदस्य होता है। संसद के दो सदन हैं: लोकसभा और राज्यसभा।
2. संघीय प्रणाली: भारत में संघीय प्रणाली है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति का वितरण होता है। राज्यों को संविधान के तहत विशेष अधिकार और स्वायत्तता प्राप्त है, जबकि केंद्र सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रीय मुद्दों पर होती है।
3. धर्मनिरपेक्षता: भारत धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें राज्य धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता और सभी धर्मों को समान मान्यता और संरक्षण प्राप्त है।
4. बहुलवाद: भारत का राजनीतिक तंत्र बहुलवादी है, जिसमें विभिन्न जातियों, धर्मों और भाषाओं के समूहों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। यह विविधता को सम्मानित करता है और समाज के विभिन्न हिस्सों के हितों को संतुलित करता है।
अमेरिका:
1. राष्ट्रपति प्रणाली: अमेरिका का राजनीतिक तंत्र राष्ट्रपति प्रणाली पर आधारित है। राष्ट्रपति को सीधे जनसंघ द्वारा चुना जाता है और वह सरकार के प्रमुख होते हैं। कांग्रेस, जो दो सदनों (सिनेट और प्रतिनिधि सभा) में विभाजित है, कानून बनाती है, जबकि राष्ट्रपति उसे लागू करता है।
2. संघीय प्रणाली: अमेरिका में भी संघीय प्रणाली है, जिसमें संघीय सरकार और राज्य सरकारों के बीच शक्ति का वितरण होता है। राज्यों को संविधान के तहत विस्तृत अधिकार प्राप्त हैं, और संघीय सरकार केवल उन शक्तियों का प्रयोग कर सकती है जो संविधान में निर्दिष्ट हैं।
3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता: अमेरिका में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। अमेरिकी संविधान का बिल ऑफ राइट्स व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं और अधिकारों की सुरक्षा करता है, जैसे स्वतंत्रता की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, और प्रेस की स्वतंत्रता।
4. पार्टी प्रणाली: अमेरिका की राजनीति में पार्टी प्रणाली प्रमुख भूमिका निभाती है, जिसमें दो प्रमुख दल—डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी—अधिकांश चुनावी परिदृश्य को नियंत्रित करते हैं। यह प्रणाली राजनीतिक स्थिरता और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करती है।
उपसंहार:
भारत और अमेरिका दोनों ही विशाल लोकतांत्रिक तंत्र हैं, लेकिन उनके राजनीतिक सिद्धांत और संरचनाएं अलग-अलग हैं। भारत का संसदीय लोकतंत्र, संघीय प्रणाली, धर्मनिरपेक्षता और बहुलवाद के सिद्धांतों पर आधारित है, जबकि अमेरिका का राष्ट्रपति प्रणाली, संघीय प्रणाली, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पार्टी प्रणाली पर जोर देता है। ये आधारभूत सिद्धांत उनके राजनीतिक तंत्रों की विशेषताएँ और कार्यप्रणाली को परिभाषित करते हैं।
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