संसदीय संप्रभुता के प्रति ब्रिटिश एवं भारतीय दृष्टिकोणों की तुलना करें और अंतर बताएं । (150 words)[UPSC 2023]
भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया 1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं।Read more
भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया
1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया संघीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व का मिश्रण सुनिश्चित करती है।
निर्वाचन मंडल की संरचना:
- सांसद: सांसदों के मतों की मूल्यवत्ता राज्यों की जनसंख्या के आधार पर तय की जाती है।
- राज्य विधानसभाएँ: प्रत्येक राज्य की विधानसभा के सदस्यों के मतों का भी वजन जनसंख्या के आधार पर होता है।
मतदान प्रणाली:
- चुनाव में एकल स्थानांतरणीय वोट प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
- मतदान गोपनीय मतदान द्वारा किया जाता है।
हालिया उदाहरण: 2022 के भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को निर्वाचित किया गया। इस चुनाव में सांसदों और राज्य विधायकों के मतों का समावेश किया गया, जो संघीय और राष्ट्रीय स्वार्थों का संतुलन दर्शाता है।
2. फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: फ्रांस में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष लोकप्रिय मतदान के माध्यम से होता है, जो सीधे लोकतंत्र को दर्शाता है।
निर्वाचन प्रक्रिया:
- पहले दौर: यदि कोई उम्मीदवार पूर्ण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त नहीं करता है, तो शीर्ष दो उम्मीदवार दूसरे दौर में जाते हैं।
- दूसरे दौर: दूसरे दौर में सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति चुना जाता है.
हालिया उदाहरण: 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव में एमानुएल मैक्रों को दूसरे दौर में Marine Le Pen के खिलाफ विजय प्राप्त हुई, जिससे उनकी दूसरी बार राष्ट्रपति पद पर चुने गए।
तुलना:
- भारत: चुनाव प्रणाली अप्रत्यक्ष है, जो संघीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व का संतुलन बनाती है।
- फ्रांस: चुनाव प्रणाली प्रत्यक्ष है, जो तात्कालिक जनमत और लोकतंत्र को प्रमुखता देती है।
निष्कर्ष: भारत और फ्रांस की राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रियाएँ उनके राजनीतिक और संवैधानिक ढाँचों को दर्शाती हैं। भारत की प्रणाली संघीय संतुलन और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देती है, जबकि फ्रांस की प्रणाली सीधा लोकप्रिय मतदान पर निर्भर करती है। दोनों प्रक्रियाएँ प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करती हैं, लेकिन भिन्न तंत्रों के माध्यम से।
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संसदीय संप्रभुता: ब्रिटिश और भारतीय दृष्टिकोणों की तुलना
ब्रिटिश दृष्टिकोण:
भारतीय दृष्टिकोण:
निष्कर्ष: ब्रिटिश दृष्टिकोण में संसदीय संप्रभुता सर्वोच्च होती है, जबकि भारतीय दृष्टिकोण में संसदीय संप्रभुता संविधान के भीतर सीमित होती है, जहाँ संविधान और अदालतें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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