एक समावेशी, निम्न-उत्सर्जन वाली और जलवायु अनुकूल विकास एजेंडा को अपनाने से भारत के घरेलू सार्वजनिक व्यय की प्रभावशीलता में काफी वृद्धि होगी। भारत में जलवायु परिवर्तन अनुकूल बजटिंग के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 (FRBMA) भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन और बजट प्रबंधन में सुधार लाना है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देना: FRBMA का उद्देश्य सरकारी वित्तीय प्रबंधन में अनुशासनRead more
राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 (FRBMA) भारत सरकार द्वारा लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कानून है जिसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन और बजट प्रबंधन में सुधार लाना है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देना: FRBMA का उद्देश्य सरकारी वित्तीय प्रबंधन में अनुशासन लाना और सरकारी घाटे को नियंत्रण में रखना है।
- उचित बजट प्रबंधन: यह अधिनियम बजट में स्पष्टता और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, जिससे सरकार के वित्तीय निर्णयों में सुधार होता है।
- राजकोषीय स्थिरता: FRBMA का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और दीर्घकालिक वित्तीय स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है।
प्रमुख विशेषताएँ:
- राजकोषीय घाटा और उधारी की सीमा: अधिनियम ने राजकोषीय घाटा को जीडीपी के 3% और कुल उधारी को जीडीपी के 60% तक सीमित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- वित्तीय लक्ष्य और मानक: सरकार को बजट प्रस्तावों और वित्तीय योजनाओं में निश्चित लक्ष्यों को हासिल करने की आवश्यकता होती है, जो अधिनियम के तहत निर्धारित किए जाते हैं।
- पारदर्शिता और रिपोर्टिंग: FRBMA के तहत, सरकार को वित्तीय प्रबंधन की पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए नियमित रिपोर्टिंग और लेखा-जोखा प्रस्तुत करना होता है।
- वित्तीय स्थिति का सुधार: यह अधिनियम बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुधारों को प्रोत्साहित करता है।
FRBMA का पालन करके सरकार ने आर्थिक स्थिरता, पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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भारत में जलवायु परिवर्तन अनुकूल बजटिंग (Climate-Resilient Budgeting) को अपनाने से घरेलू सार्वजनिक व्यय की प्रभावशीलता में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। इस संदर्भ में भारत ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं: जलवायु अनुकूल योजनाएँ: भारत ने बजट योजनाओं में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए विशेषRead more
भारत में जलवायु परिवर्तन अनुकूल बजटिंग (Climate-Resilient Budgeting) को अपनाने से घरेलू सार्वजनिक व्यय की प्रभावशीलता में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। इस संदर्भ में भारत ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं:
इन पहलुओं के माध्यम से भारत ने एक समावेशी, निम्न-उत्सर्जन वाली और जलवायु अनुकूल विकास एजेंडा को अपनाने में सफलता प्राप्त की है, जिससे सार्वजनिक व्यय की प्रभावशीलता और जलवायु परिवर्तन के प्रति देश की संवेदनशीलता में वृद्धि हुई है।
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