भारत में विभिन्न विकास पहलों की लेखापरीक्षा रिपोर्टों में बार-बार सार्वजनिक व्यय संबधी अक्षमताओं को उजागर किया गया है। इन अक्षमताओं की पहचान करते हुए, इनके समाधान हेतु अपनाए जाने वाले उपायों का सुझाव दीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
राष्ट्रीय आय लेखांकन (National Income Accounting) अर्थव्यवस्था की संपूर्ण आर्थिक गतिविधियों का मापन और विश्लेषण करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह देश की आर्थिक स्वास्थ्य, विकास की दर, और जीवनस्तर का आकलन करने में सहायक होता है। इसके माध्यम से, जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और अन्य प्रमुख आर्थिक संकेतकोRead more
राष्ट्रीय आय लेखांकन (National Income Accounting) अर्थव्यवस्था की संपूर्ण आर्थिक गतिविधियों का मापन और विश्लेषण करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह देश की आर्थिक स्वास्थ्य, विकास की दर, और जीवनस्तर का आकलन करने में सहायक होता है। इसके माध्यम से, जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और अन्य प्रमुख आर्थिक संकेतकों की गणना की जाती है, जो नीति निर्माताओं, व्यवसायों, और निवेशकों के लिए आर्थिक निर्णय लेने में मदद करते हैं।
जीडीपी को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- उपभोक्ता व्यय: जब उपभोक्ता खर्च बढ़ता है, तो वस्त्र और सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है, जिससे जीडीपी बढ़ती है।
- सरकारी खर्च: सरकार द्वारा किए गए खर्च, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सामाजिक योजनाएं, आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हैं।
- निवेश: निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश आर्थिक उत्पादन और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है।
- निर्यात और आयात: निर्यात में वृद्धि और आयात में कमी से घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन मिलता है, जबकि इसके विपरीत स्थिति से जीडीपी पर दबाव पड़ सकता है।
- तकनीकी प्रगति: नई तकनीकों और नवाचारों से उत्पादन क्षमता बढ़ती है, जिससे जीडीपी में वृद्धि होती है।
इन कारकों का संगठित तरीके से विश्लेषण करने से अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास की संभावनाओं का बेहतर समझ प्राप्त होता है।
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भारत में सार्वजनिक व्यय संबंधी अक्षमताओं का समाधान करने के लिए कई उपाय हैं। पहले, सरकार को व्यय को नियंत्रित करने और प्रभावी बनाने के लिए नीतियों को सुधारना चाहिए। दूसरे, सार्वजनिक वित्त व्यवस्था में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देना चाहिए। तीसरे, विभिन्न स्तरों पर व्यय को मापने और मॉनिटर करनRead more
भारत में सार्वजनिक व्यय संबंधी अक्षमताओं का समाधान करने के लिए कई उपाय हैं। पहले, सरकार को व्यय को नियंत्रित करने और प्रभावी बनाने के लिए नीतियों को सुधारना चाहिए। दूसरे, सार्वजनिक वित्त व्यवस्था में पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देना चाहिए। तीसरे, विभिन्न स्तरों पर व्यय को मापने और मॉनिटर करने के लिए तकनीकी उपाय अपनाने चाहिए। चौथे, व्यय के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अधिक वित्तीय संविदाएं और लेखांकन प्रक्रियाएं लागू करने चाहिए। इनके अलावा, सार्वजनिक व्यय को लेकर जनता को जागरूक करने और सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने के लिए संज्ञान बढ़ाना जरूरी है। इन उपायों के साथ, सार्वजनिक व्यय संबंधी अक्षमताओं को सुधारने में मदद मिल सकती है।
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