जेंडर बजटिंग क्या है? भारतीय संदर्भ में इससे संबद्ध चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
सरकारी बजट का उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक नीतियों को आकार देना और संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन करना है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: आर्थिक स्थिरता: बजट के माध्यम से सरकार आर्थिक स्थिरता बनाए रखती है, जिसमें मुद्रास्फीति, बेरोज़गारी, और आर्थिक विकास की दर को संतुलित किया जाता है। सामाजिकRead more
सरकारी बजट का उद्देश्य देश की आर्थिक और सामाजिक नीतियों को आकार देना और संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन करना है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- आर्थिक स्थिरता: बजट के माध्यम से सरकार आर्थिक स्थिरता बनाए रखती है, जिसमें मुद्रास्फीति, बेरोज़गारी, और आर्थिक विकास की दर को संतुलित किया जाता है।
- सामाजिक कल्याण: सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं और सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुरक्षा के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करती है।
- राजकोषीय नीति: सरकारी बजट सार्वजनिक खर्च और कर नीति के माध्यम से आर्थिक वृद्धि और विकास को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है।
- आय और व्यय का संतुलन: बजट सरकार के आय और व्यय को संतुलित करने का प्रयास करता है, ताकि वित्तीय घाटे और कर्ज को नियंत्रित किया जा सके।
भारत में सरकारी बजट के विभिन्न घटक:
- राजस्व खाता: इसमें सरकार की आय और व्यय का विवरण होता है, जिसमें मुख्यतः टैक्स राजस्व (कर राजस्व) और गैर-कर राजस्व (जैसे कि सरकारी संपत्तियों से प्राप्त आय) शामिल हैं।
- वित्तीय खाता: इसमें पूंजीगत खर्चों और ऋण उधारी का विवरण होता है, जैसे कि सरकारी बांड और कर्ज।
- मुख्य बजट: इसमें कुल खर्च और आय के आंकड़े होते हैं, जिसमें सभी विभागों और योजनाओं के लिए आवंटन शामिल होता है।
- खाता संलग्नक: इसमें विभिन्न सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के लिए विशेष आवंटन और उपयोग की जानकारी होती है।
सरकारी बजट की ये संरचनाएँ और घटक देश की आर्थिक नीतियों को कार्यान्वित करने और राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होती हैं।
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जेंडर बजटिंग एक वित्तीय और नीतिगत दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य बजट आवंटनों और नीतियों को महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन और विश्लेषण करना है। इसका लक्ष्य यह है कि बजट और सार्वजनिक खर्च महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखे, जिससे लिंग आधाRead more
जेंडर बजटिंग एक वित्तीय और नीतिगत दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य बजट आवंटनों और नीतियों को महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन और विश्लेषण करना है। इसका लक्ष्य यह है कि बजट और सार्वजनिक खर्च महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखे, जिससे लिंग आधारित असमानता को दूर किया जा सके और समावेशी विकास को बढ़ावा मिले।
भारतीय संदर्भ में जेंडर बजटिंग से संबंधित चुनौतियाँ:
इन चुनौतियों के बावजूद, जेंडर बजटिंग का उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता को बढ़ावा देना है, और इसके लिए सही नीतियों और संसाधनों की आवश्यकता है।
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