दक्षिण चीन सागर के मामले में, समुद्री भूभागीय विवाद और बढ़ता हुआ तनाव समस्त क्षेत्र में नौपरिवहन की और ऊपरी उड़ान की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिये समुद्री सुरक्षा की आवश्यकता की अभिपुष्टि करतें हैं। इस सन्दर्भ में भारत ...
"भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है" इस कथन के आलोक में, भारत ने श्रीलंका के वर्तमान संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्रीलंका की गंभीर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के दौरान, भारत ने अपनी दोस्ती को साकार करते हुए मानवीय सहायता प्रदान की है। इसमें खाद्य सामग्री, दवाइयाँ और वित्तीय मदद शामिल हैRead more
“भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है” इस कथन के आलोक में, भारत ने श्रीलंका के वर्तमान संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्रीलंका की गंभीर आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के दौरान, भारत ने अपनी दोस्ती को साकार करते हुए मानवीय सहायता प्रदान की है। इसमें खाद्य सामग्री, दवाइयाँ और वित्तीय मदद शामिल हैं।
भारत ने न केवल तात्कालिक राहत दी बल्कि आर्थिक सुधार और ऋण पुनरसंरचना के लिए भी समर्थन किया। इसके अतिरिक्त, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर श्रीलंका की स्थिति को उजागर करने और वैश्विक समर्थन प्राप्त करने के प्रयास किए।
इस प्रकार, भारत की भूमिका श्रीलंका के संकट को समझने और हल करने में महत्वपूर्ण रही है, जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
See less
परिचय दक्षिण चीन सागर एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है जहाँ समुद्री भूभागीय विवाद और बढ़ते तनाव ने नौपरिवहन की और ऊपरी उड़ान की स्वतंत्रता की सुरक्षा की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट किया है। इस संदर्भ में, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय मुद्दे भी महत्वपूर्ण हैं। दक्षिण चीन सागर के विवाद दक्षिण चीन सागरRead more
परिचय
दक्षिण चीन सागर एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है जहाँ समुद्री भूभागीय विवाद और बढ़ते तनाव ने नौपरिवहन की और ऊपरी उड़ान की स्वतंत्रता की सुरक्षा की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट किया है। इस संदर्भ में, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय मुद्दे भी महत्वपूर्ण हैं।
दक्षिण चीन सागर के विवाद
दक्षिण चीन सागर में चीन, वियतनाम, फिलीपीन्स, मलेशिया और ब्रुनेई के बीच भूभागीय दावे हैं। चीन की नाइन-डैश लाइन के आधार पर सम्पूर्ण सागर पर दावा, क्षेत्र में मिलिटरीकरण और संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है। यह स्थिति समुद्री सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय जलमार्गों की स्वतंत्रता की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती है।
भारत और चीन के द्विपक्षीय मुद्दे
हालांकि भारत सीधे दक्षिण चीन सागर विवाद में शामिल नहीं है, लेकिन द्विपक्षीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं:
सहयोग और संवाद
दोनों देशों ने तनाव प्रबंधन के लिए BRICS शिखर सम्मेलन और अनौपचारिक शिखर बैठकों जैसी पहल की हैं। भारत और चीन ने समुद्री सुरक्षा और नौपरिवहन की स्वतंत्रता की पुष्टि की है, जो उनके अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप है।
निष्कर्ष
दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव समुद्री सुरक्षा की आवश्यकता को स्पष्ट करते हैं। भारत और चीन के द्विपक्षीय मुद्दों के बावजूद, सहयोग और संवाद इन विवादों को प्रबंधित करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण हैं।
See less