हाल के घटनाक्रमों से ज्ञात होता है कि कुछ बाधाओं के बावजूद, भारत-भूटान संबंधों में अभी भी निरंतरता बनी हुई हैं। चचों कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
परियोजना 'मौसम': एक रणनीतिक आयाम परिचय: परियोजना 'मौसम' 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग को बढ़ाना और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करना है। यह परियोजना भारत की रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो ऐतिहासिक समुद्री संबंधों का लाभ उठाकर क्षेत्रीय कूRead more
परियोजना ‘मौसम’: एक रणनीतिक आयाम
परिचय: परियोजना ‘मौसम’ 2014 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग को बढ़ाना और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करना है। यह परियोजना भारत की रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो ऐतिहासिक समुद्री संबंधों का लाभ उठाकर क्षेत्रीय कूटनीति और सुरक्षा को मजबूत करना चाहती है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कूटनीति: परियोजना ‘मौसम’ का ध्यान प्राचीन समुद्री मार्गों को पुनर्जीवित करने और भारतीय महासागर क्षेत्र (IOR) के देशों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित करने पर है। उदाहरण के लिए, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ हालिया सांस्कृतिक आदान-प्रदान इस परियोजना की ऐतिहासिक बंधनों को मजबूत करने की भूमिका को दर्शाते हैं।
रणनीतिक और आर्थिक आयाम: रणनीतिक आयाम: इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक आयाम है, क्योंकि इसका उद्देश्य भारत की समुद्री हितों को सुरक्षित करना और चीन की बढ़ती प्रभाव को संतुलित करना है। सेशेल्स और मॉरीशस के साथ भारत की भागीदारी इसका एक उदाहरण है, जो समुद्री सुरक्षा साझेदारी और महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की पहुंच को मजबूत करने की दिशा में है।
आर्थिक सहयोग: परियोजना आर्थिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती है, जैसे म्यांमार और थाईलैंड के साथ पोर्ट विकास और व्यापार को बढ़ावा देने के प्रयास। यह क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष: परियोजना ‘मौसम’ ऐतिहासिक और रणनीतिक आयामों को प्रभावी ढंग से जोड़ती है, जिससे भारत को क्षेत्रीय समुद्री मामलों में एक सक्रिय खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह पहल न केवल कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि समकालीन रणनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का समाधान भी प्रस्तुत करती है।
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हाल के घटनाक्रमों में भारत-भूटान संबंधों में निरंतरता के कुछ प्रमुख कारण हैं: सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग: भूटान की सुरक्षा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हित और रक्षा सहयोग मजबूत हैं, विशेषकर चीन के प्रति। आर्थिक सहायता और विकास परियोजनाएं: भारत भूटान को आर्थिक सहायतRead more
हाल के घटनाक्रमों में भारत-भूटान संबंधों में निरंतरता के कुछ प्रमुख कारण हैं:
सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग: भूटान की सुरक्षा में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हित और रक्षा सहयोग मजबूत हैं, विशेषकर चीन के प्रति।
आर्थिक सहायता और विकास परियोजनाएं: भारत भूटान को आर्थिक सहायता प्रदान करता है और विभिन्न विकास परियोजनाओं, जैसे जल विद्युत परियोजनाओं, में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध: भूटान और भारत के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
राजनीतिक सहयोग: भूटान में भारतीय राजनीतिक प्रभाव और समर्थन लगातार जारी है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता बनी रहती है।
हालांकि, कुछ बाधाओं जैसे कि भूटान की स्वतंत्रता की चिंता और भारत-चीन संबंधों में तनाव मौजूद हैं, लेकिन इन कारणों से संबंधों में निरंतरता बनी रहती है।
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