वित्त आयोग के क्या कार्य हैं? राजकोषीय संघवाद में इसकी उभरती भूमिका की समीक्षा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
वित्त आयोग की भूमिका: केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में समालोचनात्मक परीक्षण 1. वित्त आयोग की संरचना और कार्य: वित्त आयोग संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक संस्था है, जिसका मुख्य कार्य केन्द्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण सुनिश्चित करना है। आयोग हर पाँच वर्ष में पुनर्निर्धारित होतRead more
वित्त आयोग की भूमिका: केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में समालोचनात्मक परीक्षण
1. वित्त आयोग की संरचना और कार्य:
- वित्त आयोग संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक संस्था है, जिसका मुख्य कार्य केन्द्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण सुनिश्चित करना है। आयोग हर पाँच वर्ष में पुनर्निर्धारित होता है और अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है।
2. वित्त आयोग की भूमिका:
- राजस्व का वितरण: आयोग केन्द्र और राज्यों के बीच राजस्व के उचित वितरण के सिद्धांतों को स्थापित करता है। 15वें वित्त आयोग ने पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए विशेष सहायता की सिफारिश की।
- वित्तीय समन्वय: यह राज्य वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए केंद्र को सुझाव देता है, जैसे कि स्वायत्तता को बढ़ावा देना और स्थानीय निकायों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करना।
3. समालोचनात्मक दृष्टिकोण:
- आर्थिक असमानता: आयोग की सिफारिशें अक्सर राज्यों की आर्थिक असमानता को पूरी तरह से संबोधित नहीं कर पातीं। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों से बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों को अपेक्षित सहायता नहीं मिली।
- राजस्व घाटा: राज्यों के राजस्व घाटे को कम करने में आयोग की प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहे हैं, जैसे कि 2019 में कुछ राज्यों ने राजस्व घाटे की बढ़ती समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।
निष्कर्ष
वित्त आयोग केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसकी सिफारिशों और उनके प्रभाव पर निरंतर समालोचनात्मक मूल्यांकन आवश्यक है। आयोग को आर्थिक असमानताओं और वित्तीय घाटों को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशों को सुधारना चाहिए।
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वित्त आयोग के कार्य और राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा 1. वित्त आयोग के कार्य: राजस्व वितरण: वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व का वितरण तय करना है। यह आयोग संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित होता है और राजस्व के साझा अधिकार और वित्तीय संसाधनों की सिफारिश करता है।Read more
वित्त आयोग के कार्य और राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा
1. वित्त आयोग के कार्य:
वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व का वितरण तय करना है। यह आयोग संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित होता है और राजस्व के साझा अधिकार और वित्तीय संसाधनों की सिफारिश करता है।
आयोग केंद्र सरकार को राज्यों को वित्तीय सहायता और अनुदान की सिफारिश करता है, जिससे राज्यों को विकासात्मक परियोजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन मिल सकें।
वित्त आयोग राज्यों के वित्तीय प्रबंधन और सदुपयोग पर सिफारिशें करता है, जिससे राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित हो सके।
2. राजकोषीय संघवाद में उभरती भूमिका की समीक्षा:
हाल के वर्षों में, 2021-22 के वित्त आयोग ने राज्य वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए कई सिफारिशें की हैं, जिससे राज्यों को अधिक स्वतंत्रता और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
आयोग ने आय और व्यय के असंतुलन को कम करने के लिए फाइनेंसियल असिस्टेंस और अनुदान की सिफारिश की है। वित्त आयोग की 15वीं रिपोर्ट ने सर्वजनिक वितरण प्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त सहायता की सिफारिश की।
2024 में वित्त आयोग ने COVID-19 महामारी के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए विशेष वित्तीय सहायता की सिफारिश की, जिससे राज्यों को स्वास्थ्य और राहत कार्य के लिए अतिरिक्त संसाधन प्राप्त हो सके।
निष्कर्ष:
See lessवित्त आयोग के कार्य राजस्व वितरण, अनुदान, और वित्तीय अनुशासन को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण हैं। राजकोषीय संघवाद में इसका उभरता हुआ योगदान राज्यों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और आर्थिक असंतुलन को कम करने में सहायक साबित हो रहा है।