केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में वित्त आयोग की भूमिका का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
सार्वजनिक धन के सरंक्षक के रूप में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका का परीक्षण 1. लेखा परीक्षण और वित्तीय रिपोर्टिंग (Audit and Financial Reporting): जिम्मेदारी: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) केंद्रीय और राज्य सरकारों के खातों का लेखा परीक्षण करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सारRead more
सार्वजनिक धन के सरंक्षक के रूप में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका का परीक्षण
1. लेखा परीक्षण और वित्तीय रिपोर्टिंग (Audit and Financial Reporting):
- जिम्मेदारी: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) केंद्रीय और राज्य सरकारों के खातों का लेखा परीक्षण करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सार्वजनिक धन का उपयोग सही और पारदर्शी ढंग से हो।
- उदाहरण: 2023 में, CAG की रिपोर्ट ने प्रधान मंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं को उजागर किया, जिसके बाद सरकार ने सुधारात्मक कदम उठाए।
2. जवाबदेही सुनिश्चित करना (Ensuring Accountability):
- जवाबदेही तंत्र: CAG सरकारी खर्चों और राजस्व की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सार्वजनिक धन कानून के अनुसार और उचित उद्देश्यों के लिए खर्च हो रहा है।
- उदाहरण: COVID-19 व्यय पर CAG की रिपोर्ट (2022) ने खरीददारी और वितरण में खामियों को उजागर किया, जिससे खरीददारी प्रथाओं में सुधार हुआ।
3. जनहित की रक्षा (Public Interest Protection):
- जनहित के पक्षधर: CAG वित्तीय अनियमितताओं और अक्षमताओं को उजागर कर जनहित की रक्षा करता है, जो कि नीति और प्रशासनिक सुधारों की दिशा तय कर सकता है।
- उदाहरण: 2017 की CAG रिपोर्ट ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे परियोजना में वित्तीय प्रबंधन में खामियां उजागर की, जिसके परिणामस्वरूप अनुबंधों की पुनर्विचार की गई।
4. रिपोर्टिंग और सिफारिशें (Reporting and Recommendations):
- सिफारिशें: CAG अपने लेखा परीक्षण निष्कर्षों के आधार पर सिफारिशें प्रदान करता है जो शासन और वित्तीय प्रबंधन प्रथाओं में सुधार के लिए सहायक होती हैं।
- उदाहरण: CAG की 2021 की रिपोर्ट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) में फंड आवंटन और उपयोग में सुधार की सिफारिश की, जिससे नीति समायोजन पर प्रभाव पड़ा।
5. स्वतंत्रता और ईमानदारी (Independence and Integrity):
- स्वायत्त भूमिका: CAG स्वतंत्र रूप से कार्य करता है, जिससे निष्पक्ष लेखा परीक्षण और रिपोर्टिंग सुनिश्चित होती है, जो सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन की ईमानदारी बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
- उदाहरण: हाल की रक्षा खरीद पर CAG के लेखा परीक्षण में विवाद ने CAG की स्वतंत्रता बनाए रखने के महत्व को उजागर किया।
निष्कर्ष: भारत में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) सार्वजनिक धन के एक महत्वपूर्ण संरक्षक के रूप में कार्य करता है। लेखा परीक्षण, जवाबदेही सुनिश्चित करने, जनहित की रक्षा, और सिफारिशों के माध्यम से, CAG पारदर्शिता और वित्तीय प्रबंधन की प्रभावशीलता में महत्वपूर्ण योगदान करता है। चुनौतियों के बावजूद, CAG का कार्य सार्वजनिक वित्तीय अनुशासन और ईमानदारी बनाए रखने में केंद्रीय भूमिका निभाता है।
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वित्त आयोग की भूमिका: केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में समालोचनात्मक परीक्षण 1. वित्त आयोग की संरचना और कार्य: वित्त आयोग संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक संस्था है, जिसका मुख्य कार्य केन्द्र और राज्यों के बीच वित्तीय संसाधनों का वितरण सुनिश्चित करना है। आयोग हर पाँच वर्ष में पुनर्निर्धारित होतRead more
वित्त आयोग की भूमिका: केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में समालोचनात्मक परीक्षण
1. वित्त आयोग की संरचना और कार्य:
2. वित्त आयोग की भूमिका:
3. समालोचनात्मक दृष्टिकोण:
निष्कर्ष
वित्त आयोग केन्द्र-राज्य वित्तीय सम्बन्धों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसकी सिफारिशों और उनके प्रभाव पर निरंतर समालोचनात्मक मूल्यांकन आवश्यक है। आयोग को आर्थिक असमानताओं और वित्तीय घाटों को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशों को सुधारना चाहिए।
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