भारतीय संविधान का ढाँचा संघात्मक है, परंतु उसकी आत्मा एकात्मक हैं।’ स्पष्ट कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव **1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।Read more
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव
**1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
**2. विकास पर प्रभाव:
- आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास: इस कदम के बाद केंद्र सरकार की निवेश में वृद्धि हुई है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और जोझिला पास टनल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक नीतियाँ भी लागू की जा रही हैं ताकि स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके।
- पर्यटन और रोजगार: क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बेहतर बनाने और रोजगार अवसरों को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- शासन और प्रशासनिक सुधार: प्रत्यक्ष केंद्रीय प्रशासन के तहत शासन सुधार और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की संभावना है, जिससे क्षेत्र की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो सकता है।
**3. चुनौतियाँ और चिंताएँ:
- सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता: बढ़ती सुरक्षा की ज़रूरत और राजनीतिक अस्थिरता विकास की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्थानीय संवेदनाएँ: स्वायत्तता की हानि की भावना स्थानीय सहयोग और स्वीकृति को प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष: धारा 370 की समाप्ति जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आधारभूत संरचना, आर्थिक निवेश, और शासन सुधार के माध्यम से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सुरक्षा और स्थानीय संवेदनाओं के मुद्दों का समाधान भी करना होगा।
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भारतीय संविधान का ढाँचा संघात्मक है, परंतु उसकी आत्मा एकात्मक है 1. संघात्मक ढाँचा (Federal Structure): शक्ति का विभाजन: भारतीय संविधान संघात्मक ढाँचा स्थापित करता है, जिसमें केंद्रीय और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन होता है। यह विभाजन संघ सूची, राज्य सूची, और सांझी सूची में निर्धारित है।Read more
भारतीय संविधान का ढाँचा संघात्मक है, परंतु उसकी आत्मा एकात्मक है
1. संघात्मक ढाँचा (Federal Structure):
2. एकात्मक विशेषताएँ (Unitary Features):
3. केंद्रीय सरकार की प्रधानता (Central Supremacy):
4. न्यायिक व्याख्या (Judicial Interpretation):
निष्कर्ष: भारतीय संविधान संघात्मक ढाँचा स्थापित करता है, लेकिन उसकी एकात्मक विशेषताएँ जैसे केंद्रीय शक्ति और आपातकालीन प्रावधान यह सुनिश्चित करती हैं कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाए रख सके और समस्त देश के लिए चुनौतीपूर्ण स्थितियों का समाधान कर सके।
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