धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही ने जम्मू-कश्मीर की यथास्थिति को परिवर्तित कर दिया है। यह इस क्षेत्र के विकास को किस प्रकार से प्रभावित कर सकता हैं? चर्चा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
आधारभूत ढाँचे का सिद्धांत क्या है? **1. परिभाषा और उत्पत्ति 'आधारभूत ढाँचे का सिद्धांत' भारतीय न्यायपालिका द्वारा स्थापित एक न्यायिक सिद्धांत है, जिसका तात्पर्य है कि संविधान के कुछ मूलभूत तत्वों को किसी भी संशोधन के द्वारा नष्ट या परिवर्तित नहीं किया जा सकता। यह सिद्धांत केसवानंद भारती मामले (1973)Read more
आधारभूत ढाँचे का सिद्धांत क्या है?
**1. परिभाषा और उत्पत्ति
‘आधारभूत ढाँचे का सिद्धांत’ भारतीय न्यायपालिका द्वारा स्थापित एक न्यायिक सिद्धांत है, जिसका तात्पर्य है कि संविधान के कुछ मूलभूत तत्वों को किसी भी संशोधन के द्वारा नष्ट या परिवर्तित नहीं किया जा सकता। यह सिद्धांत केसवानंद भारती मामले (1973) में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय से उत्पन्न हुआ, जहाँ कोर्ट ने निर्णय दिया कि संसद को संविधान को संशोधित करने की व्यापक शक्ति है, परंतु वह संविधान के “आधारभूत ढाँचे” को बदल नहीं सकती।
**2. सिद्धांत के मुख्य तत्व
इस सिद्धांत के तहत, संविधान के कुछ मूलभूत तत्व होते हैं जिन्हें सुरक्षित रखा जाता है, जैसे:
- लोकतंत्र
- कानूनी राज्य (Rule of Law)
- शक्ति का पृथक्करण
- न्यायिक समीक्षा
- संघवाद
- मूल अधिकार
भारतीय संविधान के लिए महत्त्व
**1. मूलभूत मूल्यों की सुरक्षा
यह सिद्धांत भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों और विचारधारा की सुरक्षा करता है। उदाहरण के लिए, गोलकनाथ मामले (1967) और केसवानंद भारती मामले (1973) में यह सिद्धांत लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानूनी राज्य को बनाए रखने में सहायक रहा है।
**2. संसदीय शक्तियों की सीमा
इस सिद्धांत के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने संसदीय शक्तियों का संतुलन बनाए रखा है और सुनिश्चित किया है कि संविधान में कोई भी संशोधन मूलभूत तत्वों को कमजोर नहीं कर सकता। इससे संसदीय शक्ति की पूर्णता को सीमित किया गया है, जैसे कि एस.आर. बोम्मई मामला (1994) में संघीयता की सुरक्षा की गई।
**3. न्यायिक स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा
यह सिद्धांत न्यायिक स्वतंत्रता और मूल अधिकारों की रक्षा करता है। के.एस. पुट्टस्वामी बनाम भारत सरकार (2017) मामले में, कोर्ट ने यह माना कि गोपनीयता का अधिकार भी संविधान के आधारभूत ढाँचे का हिस्सा है, जिससे मूल अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया।
निष्कर्ष
‘आधारभूत ढाँचे का सिद्धांत’ भारतीय संविधान की मौलिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह संविधान की संरचना और लोकतांत्रिक संस्थाओं को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और संविधान के मूलभूत तत्वों को किसी भी संभावित संशोधन से सुरक्षित करता है।
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धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव **1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।Read more
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव
**1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
**2. विकास पर प्रभाव:
**3. चुनौतियाँ और चिंताएँ:
निष्कर्ष: धारा 370 की समाप्ति जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आधारभूत संरचना, आर्थिक निवेश, और शासन सुधार के माध्यम से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सुरक्षा और स्थानीय संवेदनाओं के मुद्दों का समाधान भी करना होगा।
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