प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] जनहित याचिका के तीन मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
भारत सरकार अधिनियम 1935 में उल्लिखित निर्देशों के दस्तावेज (Instruments of Instructions) 1950 में भारत के संविधान में संविधान के अनुच्छेद 309 से 311 के रूप में समाहित किए गए। अनुच्छेद 309: यह अनुच्छेद सरकारी सेवा और कर्मचारियों के भर्ती, सेवा की शर्तों और अनुशासन पर शासन करने के लिए विधान बनाना का अRead more
भारत सरकार अधिनियम 1935 में उल्लिखित निर्देशों के दस्तावेज (Instruments of Instructions) 1950 में भारत के संविधान में संविधान के अनुच्छेद 309 से 311 के रूप में समाहित किए गए।
अनुच्छेद 309: यह अनुच्छेद सरकारी सेवा और कर्मचारियों के भर्ती, सेवा की शर्तों और अनुशासन पर शासन करने के लिए विधान बनाना का अधिकार राज्यों और केंद्र को प्रदान करता है। इसमें केंद्रीय और राज्य सरकारी सेवाओं की भर्ती, उनके कर्तव्य और अधिकारों का निर्धारण किया जाता है।
अनुच्छेद 310: यह अनुच्छेद भारत के सशस्त्र बलों और सिविल सेवा के कर्मचारियों के सेवाकाल की सुरक्षा से संबंधित है। इसके तहत यह कहा गया है कि सरकारी सेवा में किसी कर्मचारी को बिना कारण बताए निकालने की स्थिति में उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा।
अनुच्छेद 311: यह अनुच्छेद सरकारी कर्मचारियों की अनुशासन और अपील से संबंधित है। इसके तहत यह कहा गया है कि किसी कर्मचारी को बिना उचित कारण और बिना सुनवाई के नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है।
भारत सरकार अधिनियम 1935 में दिए गए दस्तावेज़ों और निर्देशों के इन बिंदुओं को संविधान में समाहित करके भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को और अधिक मजबूत और न्यायसंगत बनाया गया।
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जनहित याचिका (PIL) के तीन मुख्य उद्देश्य 1. कमज़ोर वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करना उद्देश्य: जनहित याचिका का एक प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्याय उन लोगों तक पहुँचे जो स्वयं कानूनी उपाय नहीं कर सकते, विशेषकर समाज के कमज़ोर और गरीब वर्गों के लिए। उदाहरण: 2020 में COVID-19 लॉकडाउन के दौRead more
जनहित याचिका (PIL) के तीन मुख्य उद्देश्य
1. कमज़ोर वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करना
2. संस्थानिक और प्रणालीगत विफलताओं का समाधान
3. सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना
निष्कर्ष
जनहित याचिका का उद्देश्य न्याय की पहुंच को बढ़ाना, प्रणालीगत विफलताओं को ठीक करना और सामाजिक न्याय तथा मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करना है। यह एक प्रभावी साधन है जो व्यापक सामाजिक मुद्दों को हल करने और संवैधानिक अधिकारों को लागू करने में सहायक है।
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