संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में, समता के अधिकार की धारणा की विशिष्ट विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]]
वाक् और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य एक मौलिक अधिकार है, जो व्यक्ति को अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने की अनुमति देता है। यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान करता है। हालांकि, इस स्वतंत्रता की सीमाएँ भी होती हैं। घृणा वाक् इस परिधि में आताRead more
वाक् और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य
एक मौलिक अधिकार है, जो व्यक्ति को अपने विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने की अनुमति देता है। यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान करता है। हालांकि, इस स्वतंत्रता की सीमाएँ भी होती हैं।
घृणा वाक्
इस परिधि में आता है, क्योंकि यह न केवल अन्य व्यक्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि समाज में हिंसा और असहमति को भी बढ़ावा देता है। भारत में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को स्पष्ट किया है कि घृणा वाक् को अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य का हिस्सा नहीं माना जा सकता।
भारत में फिल्में अभिव्यक्ति के अन्य रूपों से भिन्न स्तर पर हैं क्योंकि फिल्में सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक संवेदनाओं को दर्शाती हैं। भारतीय सिनेमा में सेंसरशिप और सामाजिक मानदंडों का प्रभाव अधिक होता है, जो कलाकारों को अपनी अभिव्यक्ति में सीमित करता है। इसके अलावा, व्यावसायिक लाभ और दर्शकों की संवेदनाएँ भी फिल्म निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे कुछ विषयों पर प्रतिबंध या आत्म-नियमन हो सकता है।
इसलिए, वाक् और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य का सही उपयोग समाज में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जबकि घृणा वाक् का त्याग आवश्यक है।
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संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं। भारत में समता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 1Read more
संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं।
भारत में समता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समान अवसर की गारंटी देता है। इसके अलावा, अनुच्छेद 17 जातिगत भेदभाव को समाप्त करता है।
भारत में समता का अधिकार सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशेष रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त करने पर केंद्रित है।
अमेरिका में समता का अधिकार
संयुक्त राज्य अमेरिका में समता का अधिकार मुख्यतः संविधान के चौदहवें संशोधन द्वारा सुनिश्चित किया गया है, जो “समान संरक्षण का अधिकार” प्रदान करता है। यह भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा का आधार है। अमेरिका में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून भी बनाए गए हैं, जैसे कि नागरिक अधिकार अधिनियम (1964), जो नस्ल, रंग, धर्म, लिंग या राष्ट्रीय उत्पत्ति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करता है।
तुलना
भारत में समता का अधिकार सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में अधिक उन्मुख है, जबकि अमेरिका में यह कानूनी और राजनीतिक अधिकारों का संरक्षण करता है। भारत में समता का अधिकार विशेष रूप से कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए अधिक संवेदनशील है, जबकि अमेरिका में यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता की मूल धारणा पर केंद्रित है। दोनों संविधानों में समता का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके कार्यान्वयन और सामाजिक संदर्भ अलग-अलग हैं।
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