अनुच्छेद 32 भारत के संविधान की आत्मा है।’ संक्षेप में व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव **1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।Read more
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव
**1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
**2. विकास पर प्रभाव:
- आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास: इस कदम के बाद केंद्र सरकार की निवेश में वृद्धि हुई है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और जोझिला पास टनल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक नीतियाँ भी लागू की जा रही हैं ताकि स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके।
- पर्यटन और रोजगार: क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बेहतर बनाने और रोजगार अवसरों को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- शासन और प्रशासनिक सुधार: प्रत्यक्ष केंद्रीय प्रशासन के तहत शासन सुधार और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की संभावना है, जिससे क्षेत्र की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो सकता है।
**3. चुनौतियाँ और चिंताएँ:
- सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता: बढ़ती सुरक्षा की ज़रूरत और राजनीतिक अस्थिरता विकास की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्थानीय संवेदनाएँ: स्वायत्तता की हानि की भावना स्थानीय सहयोग और स्वीकृति को प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष: धारा 370 की समाप्ति जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आधारभूत संरचना, आर्थिक निवेश, और शासन सुधार के माध्यम से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सुरक्षा और स्थानीय संवेदनाओं के मुद्दों का समाधान भी करना होगा।
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"अनुच्छेद 32 भारत के संविधान की आत्मा है": संक्षेप में व्याख्या 1. अनुच्छेद 32 का महत्व: अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान का अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है। इसके तहत, नागरिक सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर सकते हैं यदि उनके मूलभूत अधिकRead more
“अनुच्छेद 32 भारत के संविधान की आत्मा है”: संक्षेप में व्याख्या
1. अनुच्छेद 32 का महत्व:
अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान का अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है। इसके तहत, नागरिक सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर सकते हैं यदि उनके मूलभूत अधिकार का उल्लंघन हो।
2. संविधान की आत्मा:
3. हालिया उदाहरण:
2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में मूलभूत अधिकारों की रक्षा की, जैसे वेतन और कार्यस्थल सुरक्षा को लेकर निर्णय, जो अनुच्छेद 32 के महत्व को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
See lessअनुच्छेद 32 भारतीय संविधान का मूल आधार है क्योंकि यह नागरिकों को मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करता है और सुप्रीम कोर्ट को अधिकारों की रक्षा में सशक्त बनाता है।