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"खाद्य सुरक्षा हेतु विभिन्न उपायों के बावजूद वृहत चुनौतियाँ बनी हुई हैं।" भारत के सन्दर्भ में व्याख्या कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उपाय खाद्य सुरक्षा की स्थिति भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। भोजन की उपलब्धता: भारत में अन्नपूर्ण योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) जैसे कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। ‘प्Read more
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उपाय
खाद्य सुरक्षा की स्थिति
भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने ‘फूड सिक्योरिटी सर्वे’ पेश किया, जिसमें खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर हाल की प्रगति और समस्याओं की समीक्षा की गई है। इस सर्वे ने खाद्य वितरण में सुधार और अधिक प्रभावी उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
See lessभारत में भूमि सुधारों के क्रियान्वयन में प्रमुख चुनौतियाँ कौन-सी हैं? इन चुनौतियों के निस्तारण हेतु सुझाव दीजिये । (125 Words) [UPPSC 2023]
भारत में भूमि सुधारों के क्रियान्वयन में प्रमुख चुनौतियाँ प्रशासनिक बाधाएँ: भूमि सुधारों के कानूनी और प्रशासनिक ढांचे में जटिलताएँ और कमी रहती हैं। अक्सर भूमि रिकॉर्ड अद्यतित नहीं होते। राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी: भूमि सुधारों को लागू करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और लॉबिंग द्वारा विरोध उत्पन्Read more
भारत में भूमि सुधारों के क्रियान्वयन में प्रमुख चुनौतियाँ
सुझाव
हालिया उदाहरण: 2023 में, ‘स्वामित्व योजना’ के अंतर्गत डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को अपडेट किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि स्वामित्व की समस्याओं को हल करने में मदद मिली है।
See lessकिसानों की सहायता के लिए ई-तकनीक के प्रयोग के निहितार्थों को समझाइये । (125 Words) [UPPSC 2023]
किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीक के निहितार्थ सूचना पहुंच: ई-तकनीक के माध्यम से जलवायु की जानकारी, फसल की सलाह और बाजार की कीमतें किसानों तक तुरंत पहुँचाई जा सकती हैं। उदाहरण के लिए, फसल सलाहकार ऐप्स जैसे Kisan Suvidha ऐप ने किसानों को वास्तविक समय में सलाह प्रदान की है। सामान्य विकास: डिजिटल कृषि पRead more
किसानों की सहायता के लिए ई-तकनीक के निहितार्थ
हालिया उदाहरण: 2024 में, भारतीय सरकार ने ‘कृषि डिजिटल इंडिया’ पहल शुरू की है, जो किसानों को उन्नत ई-तकनीक और डिजिटल उपकरणों की सुविधा प्रदान करती है, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में सुधार हो सके।
See lessखाद्य प्रसंस्करण और सम्बंधित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के सम्बन्ध में भारत सरकार की नीतियों का मूल्यांकन कीजिये । (125 Words) [UPPSC 2023]
खाद्य प्रसंस्करण नीतियों का मूल्यांकन भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन किया है: 1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति: इस नीति का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के GDP में योगदान बढ़ाना और निवेश को प्रोत्साहित करना है। 2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधRead more
खाद्य प्रसंस्करण नीतियों का मूल्यांकन
भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों का कार्यान्वयन किया है:
1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति: इस नीति का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के GDP में योगदान बढ़ाना और निवेश को प्रोत्साहित करना है।
2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल का उत्पादन कर सकें। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
3. उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना: इस योजना का लक्ष्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर और बृहन्य इंडस्ट्रीज ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
4. आत्मनिर्भर भारत अभियान: यह खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में निवेश में वृद्धि हुई है।
इन पहलों से क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुआ है, जिससे रोजगार का सृजन और खाद्य अपव्यय में कमी आई है।
See lessसार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के माध्यम से आधुनिकीकरण और सुधार योजना (SMART-PDS) में भारत हेतु खाद्य सुरक्षा से परे जाते हुए वृहद् परिवर्तनकारी क्षमता विद्यमान है। विवेचना कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दें)
स्मार्ट-PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के माध्यम से आधुनिकीकरण और सुधार योजना) भारत में खाद्य सुरक्षा से परे वृहद् परिवर्तनकारी क्षमता रखती है। यह योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में डिजिटल तकनीक और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर पारदर्शिता, कुशलता, और जवाबदेही को बढ़ावा देने का उद्देशRead more
स्मार्ट-PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के माध्यम से आधुनिकीकरण और सुधार योजना) भारत में खाद्य सुरक्षा से परे वृहद् परिवर्तनकारी क्षमता रखती है। यह योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में डिजिटल तकनीक और डेटा विश्लेषण का उपयोग कर पारदर्शिता, कुशलता, और जवाबदेही को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में सुधार ला सकती है।
खाद्य सुरक्षा: स्मार्ट-PDS का प्राथमिक लक्ष्य है कि खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार और लीकेज को कम किया जाए। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और ई-पॉस मशीनों के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है कि सही लाभार्थी को उसका अधिकार मिले, जिससे खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।
सामाजिक न्याय: डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से सभी वर्गों तक समान रूप से खाद्यान्न पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सकता है। यह योजना गरीब और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के सशक्तिकरण में सहायक हो सकती है, जिससे सामाजिक असमानताओं को कम किया जा सकेगा।
आर्थिक दक्षता: डिजिटलाइजेशन से वितरण प्रणाली में लागत कम होगी और संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव होगा। इससे सरकार के राजस्व की बचत होगी, जिसे अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में निवेश किया जा सकता है।
ग्रामीण विकास: स्मार्ट-PDS ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास भी करेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। इससे डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
वृहद् प्रभाव: स्मार्ट-PDS के तहत एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म से न केवल खाद्य वितरण, बल्कि अन्य सरकारी सेवाओं को भी जोड़ा जा सकता है। इससे कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन हो सकता है और लाभार्थियों को अनेक सेवाओं का समग्र लाभ मिल सकता है।
इस प्रकार, स्मार्ट-PDS खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़ते हुए भारत में सामाजिक, आर्थिक, और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
See lessभारतीय किसानों के लिए ई-प्रौद्योगिकी के लाभों पर प्रकाश डालिए। साथ ही, इस संदर्भ में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डालिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय किसानों के लिए ई-प्रौद्योगिकी के लाभ: सूचना का आसान पहुंच: ई-प्रौद्योगिकी किसानों को मौसम, फसल की कीमतें, बीमारियों और कीटनाशकों के बारे में ताज़ा और सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है। बेहतर विपणन अवसर: ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से किसान सीधे उपभोक्ताओं या व्यापारियों से जुड़ सकतेRead more
भारतीय किसानों के लिए ई-प्रौद्योगिकी के लाभ:
सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
इन पहलों से किसानों को ई-प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिल रही है।
See lessभारत में कृषि विपणन से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डालिए। साथ ही, इस संबंध में उठाए गए कदमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में कृषि विपणन से संबंधित कई प्रमुख मुद्दे हैं: कृषि बाजार की अस्थिरता: कीमतों में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता से किसान लाभ कमाते हैं। अवसंरचना की कमी: उचित भंडारण, परिवहन और विपणन सुविधाओं का अभाव, जिससे फसलों की गुणवत्ता और मूल्य प्रभावित होते हैं। मध्यस्थों की संख्या: कई बिचौलिए किसानों को उनकीRead more
भारत में कृषि विपणन से संबंधित कई प्रमुख मुद्दे हैं:
इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए भारत सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
ये कदम कृषि विपणन की चुनौतियों को हल करने में मदद कर रहे हैं, लेकिन पूर्ण समाधान के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।
See lessखाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के महत्व की व्याख्या कीजिए। साथ ही, भारत में सुदृढ़ लिंकेज स्थापित करने के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैकवर्ड लिंकेज का मतलब है कि प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों के अनुसार कृषि उत्पादकों के साथ कड़ी जुड़ाव बनाना। इससे किसानों को बेहतर मूल्य, तकनीकी सहायता और संसाधन मिलते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिRead more
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैकवर्ड लिंकेज का मतलब है कि प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों के अनुसार कृषि उत्पादकों के साथ कड़ी जुड़ाव बनाना। इससे किसानों को बेहतर मूल्य, तकनीकी सहायता और संसाधन मिलते हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की मांग के अनुसार किसानों को सही फसल उगाने की सलाह दी जा सकती है।
फॉरवर्ड लिंकेज का तात्पर्य है कि प्रसंस्करण के बाद उत्पादों को बाजार में सही तरीके से पहुंचाना। इसमें वितरण चैनल, विपणन और खुदरा बिक्री की व्यवस्था शामिल है। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद उपभोक्ताओं तक समय पर और अच्छे हालात में पहुंचे।
भारत में सुदृढ़ लिंकेज स्थापित करने में कई चुनौतियां हैं:
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर प्रयास करने होंगे, ताकि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में प्रभावी लिंकेज स्थापित किए जा सकें।
See lessभारत में पशुधन क्षेत्रक के समक्ष आने वाली विभिन्न बाधाओं की पहचान कीजिए। साथ ही, इन बाधाओं को दूर करने के उपायों को भी सुझाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में पशुधन क्षेत्रक को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो इसके विकास और उत्पादकता को प्रभावित करती हैं। प्रमुख बाधाएँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं: बाधाएँ: स्वास्थ्य समस्याएँ: पशुधन को विभिन्न रोगों जैसे फुट-एंड-माउथ डिजीज़ और बर्ड फ्लू का खतरा होता है, जो उत्पादकता को प्रभावित करता है।Read more
भारत में पशुधन क्षेत्रक को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो इसके विकास और उत्पादकता को प्रभावित करती हैं। प्रमुख बाधाएँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं:
बाधाएँ:
उपाय:
इन उपायों को अपनाकर भारत में पशुधन क्षेत्रक की बाधाओं को दूर किया जा सकता है और इसके विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessडिजिटल कृषि से आप क्या समझते हैं ? इससे प्राप्त होने वाले लाभों पर टिप्पणी कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
**डिजिटल कृषि** का तात्पर्य कृषि प्रबंधन में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से है, जिसमें डेटा विश्लेषण, सेंसर्स, ड्रोन, और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। इसका उद्देश्य फसल उत्पादन, जल प्रबंधन, और कृषि प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और सटीक बनाना है। **लाभ:** 1. **सटीकता:** डेटा और सेंसर्स के माधRead more
**डिजिटल कृषि** का तात्पर्य कृषि प्रबंधन में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से है, जिसमें डेटा विश्लेषण, सेंसर्स, ड्रोन, और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। इसका उद्देश्य फसल उत्पादन, जल प्रबंधन, और कृषि प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और सटीक बनाना है।
**लाभ:**
1. **सटीकता:** डेटा और सेंसर्स के माध्यम से फसलों की स्थिति की निगरानी और विश्लेषण से संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
2. **उत्पादकता में वृद्धि:** बेहतर पूर्वानुमान और प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ती है।
3. **खर्च में कमी:** संसाधनों के सही उपयोग से लागत कम होती है।
4. **जोखिम प्रबंधन:** मौसम की पूर्वसूचना और अन्य डेटा से किसानों को संभावित जोखिमों से निपटने में मदद मिलती है।
डिजिटल कृषि किसानों को स्मार्ट निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती है, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास होता है।
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