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भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 पहली जनवरी, 2014 से प्रभावी हो गया है। इस अधिनियम के लागू होने से कौन-से महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकलेगा? भारत में उद्योगीकरण और कृषि पर इसके क्या परिणाम होंगे? (200 words) [UPSC 2014]
भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013: समाधान और प्रभाव परिचय भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (RFCTLARR अधिनियम) 1 जनवरी, 2014 से लागू हुआ। यह अधिनियम भूमि अर्जन, मुआवजा, और पुनर्वासन से सRead more
भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013: समाधान और प्रभाव
परिचय भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (RFCTLARR अधिनियम) 1 जनवरी, 2014 से लागू हुआ। यह अधिनियम भूमि अर्जन, मुआवजा, और पुनर्वासन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करता है।
महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान
उद्योगीकरण और कृषि पर प्रभाव
निष्कर्ष RFCTLARR अधिनियम, 2013 उचित मुआवजा, पारदर्शिता, और व्यापक पुनर्वासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जबकि यह भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, यह उद्योगीकरण की गति और कृषि भूमि के उपयोग को प्रभावित कर सकता है।
See lessएक दृष्टिकोण यह भी है कि राज्य अधिनियमों के अधीन स्थापित कृषि उत्पादन बाज़ार समितियों (APMCs) ने भारत में न केवल कृषि के विकास को बाधित किया है, बल्कि वे खाद्यवस्तु महँगाई का कारण भी रही हैं। समालोचनापूर्वक परीक्षण कीजिए। (200 words) [UPSC 2014]
कृषि उत्पादन बाजार समितियों (APMCs) का कृषि विकास और खाद्य वस्तु महँगाई पर प्रभाव परिचय राज्य अधिनियमों के तहत स्थापित कृषि उत्पादन बाजार समितियाँ (APMCs) किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। लेकिन, यह दृष्टिकोण भी है कि इन समितियों ने कृषि के विकास को बाधित किया है और खाRead more
कृषि उत्पादन बाजार समितियों (APMCs) का कृषि विकास और खाद्य वस्तु महँगाई पर प्रभाव
परिचय राज्य अधिनियमों के तहत स्थापित कृषि उत्पादन बाजार समितियाँ (APMCs) किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। लेकिन, यह दृष्टिकोण भी है कि इन समितियों ने कृषि के विकास को बाधित किया है और खाद्य वस्तु महँगाई में योगदान दिया है।
कृषि विकास पर प्रभाव
खाद्य वस्तु महँगाई में योगदान
हालिया सुधार और विकास
निष्कर्ष APMCs ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए स्थापना की गई थी, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली की कमियाँ, बाज़ार नियंत्रण, और लेन-देन लागत ने कृषि विकास में बाधाएँ और खाद्य वस्तु महँगाई में योगदान किया है। इन समस्याओं को संबोधित करने के लिए व्यापक सुधार आवश्यक हैं।
See lessभारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र, फसल बीमा की आवश्यकता की विवेचना कीजिए और प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पी० एम० एफ० बी० वाइ०) की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
भारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र फसल बीमा की आवश्यकता भारतीय कृषि मौसम की अनिश्चितताओं जैसे बाढ़, सूखा, और असामयिक वर्षा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसलिए, फसल बीमा की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है: वित्तीय सुरक्षा फसल बीमा प्राकृतिक आपदाओं के कRead more
भारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र फसल बीमा की आवश्यकता
भारतीय कृषि मौसम की अनिश्चितताओं जैसे बाढ़, सूखा, और असामयिक वर्षा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसलिए, फसल बीमा की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है:
फसल बीमा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल की हानि से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान को कम करने में मदद मिलती है। 2020 के असामयिक वर्षा के दौरान फसल बीमा ने प्रभावित किसानों को राहत प्रदान की।
बीमा किसानों को जोखिम प्रबंधन में सहायता करता है, जिससे वे नई प्रौद्योगिकियों और कृषि पद्धतियों में निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2022 के पंजाब में बर्फबारी के बाद बीमा कवरेज ने किसानों की मदद की।
फसल बीमा से आय स्थिरता बनी रहती है, और आपदा के बाद भी कृषि गतिविधियां जारी रहती हैं।
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) की मुख्य विशेषताएँ
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को 2016 में लॉन्च किया गया, और इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
PMFBY प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, और रोगों के कारण होने वाली फसल हानि को कवर करता है। 2021 में महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना के तहत मुआवजा प्रदान किया गया।
किसानों को कम प्रीमियम देना होता है, जबकि सरकार बाकी की लागत का भुगतान करती है। उदाहरण के लिए, किसानों को खरीफ फसलों के लिए केवल 1.5% प्रीमियम देना होता है।
योजना में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जैसे सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन तकनीक, जिससे दावे की प्रक्रिया सरल और तेजी से की जाती है।
PMFBY पारदर्शिता और आसान पहुँच पर जोर देती है, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लक्षित करती है।
निष्कर्ष
फसल बीमा भारतीय कृषि में प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है। PMFBY इसके लिए एक समग्र और प्रभावी योजना प्रदान करती है, जो किसानों को वित्तीय सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन, और आय स्थिरता प्रदान करती है।
See lessभारत में स्वतंत्रता के बाद कृषि में आई विभिन्न प्रकारों की क्रांतियों को स्पष्ट कीजिए। इन क्रांतियों ने भारत में गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में किस प्रकार सहायता प्रदान की है ? (150 words) [UPSC 2017]
परिचय स्वतंत्रता के बाद, भारत में कई कृषि क्रांतियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन क्रांतियों ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग बढ़ाया, जिससे आत्मनिर्भरता हासिल की गई। कृषि में आई प्रमुख क्रांतियाँ हरित क्रांRead more
परिचय
स्वतंत्रता के बाद, भारत में कई कृषि क्रांतियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन क्रांतियों ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग बढ़ाया, जिससे आत्मनिर्भरता हासिल की गई।
कृषि में आई प्रमुख क्रांतियाँ
यह क्रांति उच्च उत्पादकता वाले बीजों (HYV), रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई प्रौद्योगिकियों पर आधारित थी। पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल का उत्पादन बढ़ा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ और अकाल की स्थितियों से बचा गया।
इसे ऑपरेशन फ्लड के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत दूध उत्पादन में वृद्धि की गई और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया गया। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के अवसर प्रदान करने में सहायक रहा।
यह मत्स्य उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए शुरू की गई, जिससे प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ी और तटीय एवं आंतरिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े।
इसका उद्देश्य तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना था, जिससे सरसों और सूरजमुखी के तेल के उत्पादन में वृद्धि हुई और खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम हुई।
यह मांस और पोल्ट्री उत्पादन में वृद्धि के लिए शुरू की गई, जिससे प्रोटीन की आपूर्ति बढ़ी और निर्यात क्षेत्र को समर्थन मिला।
गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
इन क्रांतियों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि कर खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया और रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर गरीबी उन्मूलन में मदद की। विशेष रूप से हरित और श्वेत क्रांति ने ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाई और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त किया।
निष्कर्ष
See lessइन कृषि क्रांतियों ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया और गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बागवानी फार्मों के उत्पादन, उसकी उत्पादकता एवं आप में वृद्धि करने में राष्ट्रीय बारावानी मिशन (एन० एच० एम०) की भूमिका का आकलन कीजिए। यह किसानों की आय बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुआ है? (250 words) [UPSC 2018]
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव परिचय राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है। उत्पादन और उतRead more
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) की भूमिका और किसान आय पर प्रभाव
परिचय
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम), जिसे 2005 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारत में बागवानी के उत्पादन, उत्पादकता, और किसानों की आय को बढ़ाना है। यह फल, सब्जियाँ, फूल और मसालों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है।
उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि
एनएचएम ने अवसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि ठंडा भंडारण, पैकहाउस और प्रसंस्करण इकाइयाँ। उदाहरण के लिए, ठंडा भंडारण सुविधाओं के विकास ने फलों और सब्जियों के पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है।
मिशन विभिन्न बागवानी गतिविधियों के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जैसे कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रथाओं को अपनाना। इससे ड्रिप सिंचाई प्रणाली, उच्च-उपज वाली किस्में, और ग्रीनहाउस का उपयोग बढ़ा है, जिससे उत्पादकता में सुधार हुआ है।
एनएचएम अनुसंधान और विकास गतिविधियों को समर्थन करता है, जिससे सुधारित किस्में और कीट प्रबंधन प्रथाएँ विकसित हुई हैं। बीमारी-प्रतिरोधी किस्मों के विकास से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
किसान आय में वृद्धि
एनएचएम बाजार लिंकिज़ को बढ़ावा देता है, जैसे कि किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), जो किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर कीमत प्राप्त करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, किसान कॉल सेंटर्स और ऑनलाइन विपणन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से बिक्री का लाभ मिला है।
एनएचएम विविधीकरण और मूल्य संवर्धन गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। ऑर्गेनिक खेती और उत्पाद प्रसंस्करण जैसी पहलों ने किसानों को उच्च मूल्य वाले बाजारों में प्रवेश करने में मदद की है। राजस्थान सरकार के समर्थन से फल और सब्जियों के प्रसंस्करण इकाइयों ने किसान की आय को बढ़ाया है।
आय में वृद्धि की सफलता
आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम ने बागवानी उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, बागवानी फसलों के तहत क्षेत्र पिछले दशक में लगभग 20% बढ़ा है। उदाहरण के लिए, आमों और सिट्रस फलों का उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
रिपोर्टों के अनुसार, एनएचएम-सहायित गतिविधियों में शामिल किसानों ने 20-30% आय वृद्धि देखी है, बेहतर उपज और बाजार पहुंच के कारण। हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों ने बेहतर भंडारण और विपणन सुविधाओं के कारण बढ़ी हुई आय देखी है।
हालिया उदाहरण
निष्कर्ष
See lessराष्ट्रीय बागवानी मिशन ने बागवानी उत्पादन, उत्पादकता, और किसान आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके प्रयासों ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, हालांकि किसानों की आय को स्थिर रखने और बढ़ाने के लिए बाजार पहुंच और तकनीकी अपनाने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
फलों, सब्ज़ियों और खाद्य पदार्थों के आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में सुपरबाज़ारों की भूमिका की जाँच कीजिए। वे बिचौलियों की संख्या को किस प्रकार खत्म कर देते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
प्रस्तावना सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में। सुपरबाज़ारों की भूमिका प्रत्यक्ष सोर्सिंग: सुपरबाज़ार अक्सर किसानों से प्रत्यक्ष सोर्सिंग करते हैं, जिससे बिचौलियों की संख्या कम होती है। उदाहरण के लिए, BigBasket ने कRead more
प्रस्तावना
सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में।
सुपरबाज़ारों की भूमिका
बिचौलियों की संख्या में कमी
प्रत्यक्ष संबंधों और तकनीकी उपयोग के माध्यम से, सुपरबाज़ार बिचौलियों की संख्या को कम करते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए कम लागत और किसानों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, सुपरबाज़ार आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ाते हैं, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होता है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधनों का उल्लेख करें। खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु किन सुधारों की आवश्यकता हैं, समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वालेRead more
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान
परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है, जो खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य प्रावधान:
खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक सुधार:
निष्कर्ष: हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 ने भारत में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन कुपोषण जैसी चुनौतियों से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सुधार और प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता है कि लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचे।
See lessभारतीय कृषि में 'तकनीकी मिशन' का तात्पर्य क्या है? इसके उद्देश्यों की विवेचना करें। (125 Words) [UPPSC 2018]
भारतीय कृषि में 'तकनीकी मिशन' का तात्पर्य परिचय तकनीकी मिशन भारतीय कृषि में उन्नत तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से उत्पादकता और सततता को बढ़ाने के लिए चलाए गए कार्यक्रमों को संदर्भित करता है। प्रमुख तकनीकी मिशनों में राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी परियोजना (NATP) और राष्ट्रीय तेलसीड्स और तेल पाम मिशन (Read more
भारतीय कृषि में ‘तकनीकी मिशन’ का तात्पर्य
परिचय
तकनीकी मिशन भारतीय कृषि में उन्नत तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से उत्पादकता और सततता को बढ़ाने के लिए चलाए गए कार्यक्रमों को संदर्भित करता है। प्रमुख तकनीकी मिशनों में राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी परियोजना (NATP) और राष्ट्रीय तेलसीड्स और तेल पाम मिशन (NMOOP) शामिल हैं।
उद्देश्य
हालिया उदाहरण
प्रधानमंत्री किसान संपदा (SAMPADA) योजना क्या है? इसके उद्देश्यों एवं प्रावधानों का उल्लेख कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
प्रधानमंत्री किसान संपदा (SAMPADA) योजना परिचय प्रधानमंत्री किसान संपदा (SAMPADA) योजना 2016 में शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता को बढ़ाना है। उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देना: कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन को बढ़ाRead more
प्रधानमंत्री किसान संपदा (SAMPADA) योजना
परिचय
प्रधानमंत्री किसान संपदा (SAMPADA) योजना 2016 में शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता को बढ़ाना है।
उद्देश्य
प्रावधान
हालिया उदाहरण
संपदा योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना हुई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि और खाद्य अपशिष्ट में कमी आई है।
See lessभारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिये। क्या वे समुचित हैं? (200 Words) [UPPSC 2019]
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता सुधारों का अवलोकन: APMC अधिनियम में सुधार: मॉडल APMC अधिनियम के तहत किसानों को पारंपरिक APMC मंडियों के बाहर सीधे विक्रेताओं को बेचने की अनुमति दी गई है। कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम, 2020 इसके तहत एRead more
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता
सुधारों का अवलोकन:
हालिया उदाहरण:
समुचितता:
निष्कर्ष:
भारत में कृषि विपणन सुधारों ने क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाया है, लेकिन कार्यान्वयन, बुनियादी ढांचे और भागीदारों के विरोध में चुनौतियों के कारण ये सुधार पूरी तरह से समुचित नहीं हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।
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