भारतीय कृषि में जल के अकुशल उपयोग के लिए उत्तरदायी कारण क्या हैं? जल उपयोग दक्षता में सुधार के उपाय सुझाइए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में पशुधन की कम उत्पादकता के प्रमुख कारणों में चारे की खराब गुणवत्ता और उसकी अपर्याप्त उपलब्धता महत्वपूर्ण हैं। चारे की खराब गुणवत्ता: भारतीय चारे में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की कमी होती है, जिससे पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति और दूध, मांस, और अन्य उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अपर्यापRead more
भारत में पशुधन की कम उत्पादकता के प्रमुख कारणों में चारे की खराब गुणवत्ता और उसकी अपर्याप्त उपलब्धता महत्वपूर्ण हैं।
चारे की खराब गुणवत्ता: भारतीय चारे में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की कमी होती है, जिससे पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति और दूध, मांस, और अन्य उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अपर्याप्त उपलब्धता: चारे की उपलब्धता की कमी भी एक बड़ा मुद्दा है, खासकर सूखा या अनियमित मौसमी परिस्थितियों में। इसका कारण अक्सर फसल उत्पादन में कमी, भूमि उपयोग की समस्याएँ, और परिवहन की असुविधाएँ होती हैं।
इन समस्याओं के कारण, पशुधन को पोषण की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादकता और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चारे की खेती, बेहतर प्रबंधन प्रथाएँ, और चारे के उपयोग की तकनीकियों में सुधार आवश्यक है।
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भारतीय कृषि में जल के अकुशल उपयोग के मुख्य कारण हैं: परंपरागत सिंचाई पद्धतियाँ: पुराने और अक्षम सिंचाई विधियाँ, जैसे कि बहाव सिंचाई, जल की अधिक बर्बादी करती हैं। जल की कमी: कई क्षेत्रों में जल की कमी और भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से जल संकट पैदा हो गया है। अनियमित वर्षा: असमान और अनियमित वर्षा के कारRead more
भारतीय कृषि में जल के अकुशल उपयोग के मुख्य कारण हैं:
परंपरागत सिंचाई पद्धतियाँ: पुराने और अक्षम सिंचाई विधियाँ, जैसे कि बहाव सिंचाई, जल की अधिक बर्बादी करती हैं।
जल की कमी: कई क्षेत्रों में जल की कमी और भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से जल संकट पैदा हो गया है।
अनियमित वर्षा: असमान और अनियमित वर्षा के कारण सिंचाई के लिए आवश्यक जल उपलब्ध नहीं रहता।
पानी की बर्बादी: खेतों में जल की बर्बादी और सिंचाई की आवश्यकता का सही आंकलन नहीं होने के कारण जल की अत्यधिक खपत होती है।
जल उपयोग दक्षता में सुधार के उपाय:
सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियाँ: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई का उपयोग जल के सटीक प्रबंधन में मदद करता है।
See lessवृष्टि-संवर्धन तकनीकें: जल पुनर्चक्रण और वर्षा जल संचयन की तकनीकों को अपनाना।
मृदा प्रबंधन: मृदा की नमी बनाए रखने के लिए मल्चिंग और ऑर्गेनिक सामग्री का उपयोग।
सिंचाई योजना: सिंचाई के समय और मात्रा का सही मूल्यांकन करने के लिए तकनीकी समाधान और स्मार्ट सिंचाई सिस्टम का उपयोग।