देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियाँ एवं अवसर क्या हैं? खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित कर कृषकों की आय में पर्याप्त वृद्धि कैसे की जा सकती है? (150 words) [UPSC 2020]
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के कार्यक्षेत्र और महत्त्व **1. कार्यक्षेत्र: विविध उत्पाद: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग फल, सब्जियाँ, डेयरी, मांस, और अनाज उत्पादों की प्रसंस्करण में संलग्न है। इसमें पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, तैयार भोजन, और पेय पदार्थ भी शामिल हैं। विस्तारशीलता: भारत में इस उद्योग की वृद्धिRead more
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के कार्यक्षेत्र और महत्त्व
**1. कार्यक्षेत्र:
- विविध उत्पाद: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग फल, सब्जियाँ, डेयरी, मांस, और अनाज उत्पादों की प्रसंस्करण में संलग्न है। इसमें पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, तैयार भोजन, और पेय पदार्थ भी शामिल हैं।
- विस्तारशीलता: भारत में इस उद्योग की वृद्धि हो रही है, जिसमें प्रसंस्करण के नए तरीके और वर्तमान खाद्य प्रवृत्तियों को अपनाया जा रहा है।
**2. आर्थिक महत्त्व:
- रोजगार सृजन: यह उद्योग लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है। हाल ही में, 2023 में, 10 मिलियन से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
- मूल्य संवर्द्धन: कच्चे कृषि उत्पादों को मूल्यवर्धन करके किसानों की आय में वृद्धि की जाती है। प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों के निर्यात में वृद्धि इसका उदाहरण है।
**3. खाद्य सुरक्षा और पोषण:
- खाद्य अपव्यय में कमी: प्रसंस्करण से खाद्य पदार्थों को सहेजने में मदद मिलती है, जिससे खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है।
- पोषण सुधार: फोर्टिफाइड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से पोषण में सुधार और खाद्य उपलब्धता बढ़ती है। अनाज फोर्टिफिकेशन की पहल इसका उदाहरण है।
**4. हालिया विकास:
- सरकारी पहल: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (PMKSY) जैसे कार्यक्रम इस उद्योग को आधुनिक और निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखते हैं। 2023 में, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं और फूड पार्कों में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भारत की आर्थिक वृद्धि, खाद्य सुरक्षा, और पोषण में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके विकास से देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा सकता है।
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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियाँ और अवसर चुनौतियाँ: अवसंरचनात्मक कमियाँ: उदाहरण: "कोल्ड चेन की कमी" - कृषि उत्पादों की खराब प्रसंस्करण और भंडारण सुविधाएँ, जैसे "कृषि से जुड़े आधुनिक गोदामों का अभाव"। निवेश की कमी: उदाहरण: "उच्च पूंजी निवेश की आवश्यकता" - खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश की कमीRead more
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियाँ और अवसर
चुनौतियाँ:
अवसर:
कृषकों की आय में वृद्धि के उपाय:
इन उपायों से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान संभव है और कृषकों की आय में वृद्धि हो सकती है।
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