भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विकास करने की राह में विपणन और पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में क्या बाधाएँ हैं ? क्या इन बाधाओं पर काबू पाने में ई-वाणिज्य सहायक हो सकता है ? (200 words) [UPSC 2015]
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा अपनाई गई नीति 1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति: नीति का उद्देश्य: भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को संवर्धित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति (NFPP) लागू की है। इसका लक्ष्य उत्पादन क्षमता बढ़ानRead more
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा अपनाई गई नीति
1. राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति:
- नीति का उद्देश्य: भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को संवर्धित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति (NFPP) लागू की है। इसका लक्ष्य उत्पादन क्षमता बढ़ाना, निवेश आकर्षित करना, और खाद्य अपशिष्ट कम करना है।
- हालिया उदाहरण: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सहायता प्रदान की जा रही है।
2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन:
- उद्देश्य: इस मिशन का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और खाद्य प्रसंस्करण में निवेश बढ़ाना है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- हालिया उदाहरण: फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मेक इन इंडिया पहल के तहत कई प्रेरक योजनाएँ लागू की गई हैं।
3. प्रोसेसिंग पार्क और क्लस्टर डेवलपमेंट:
- उद्देश्य: प्रोसेसिंग पार्क और क्लस्टर डेवलपमेंट का लक्ष्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और उद्योगों को एकीकृत करने का है। इससे लागत में कमी और कुशल प्रबंधन संभव होता है।
- हालिया उदाहरण: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और रोजगार सृजन योजनाओं के तहत फूड पार्क्स और क्लस्टर स्थापित किए गए हैं।
4. वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी:
- उद्देश्य: खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करना ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके और तकनीकी उन्नयन हो सके।
- हालिया उदाहरण: प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना और स्टार्टअप इंडिया के तहत सब्सिडी और टैक्स छूट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
5. मास्टर प्लान और नीति सुधार:
- उद्देश्य: मास्टर प्लान और नीति सुधार के माध्यम से प्रोसेसिंग सेक्टर को समय के साथ अपग्रेड और सशक्त बनाना।
- हालिया उदाहरण: खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और प्रोसेसिंग सुधार योजनाओं को लागू किया गया है।
6. स्मार्ट टेक्नोलॉजी और अनुसंधान:
- उद्देश्य: स्मार्ट टेक्नोलॉजी और अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करके उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाना।
- हालिया उदाहरण: स्मार्ट कृषि और उन्नत प्रसंस्करण तकनीकें जैसे वर्चुअल रियलिटी और ड्रोन तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है।
निष्कर्ष: भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों को दूर करने के लिए समग्र नीति अपनाई है, जिसमें प्रोसेसिंग पार्क, वित्तीय प्रोत्साहन, नीति सुधार, और स्मार्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग शामिल हैं। ये उपाय क्षेत्र के विकास और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास में विपणन और पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की बाधाएँ विप fragmented आपूर्ति श्रृंखला: भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक अत्यंत फटे हुए आपूर्ति श्रृंखला का सामना करता है। किसानों को अक्सर कई मध्यस्थों से गुजरना पड़ता है, जिससे लागत बढ़ती है और अपशिष्ट बढ़ता है।Read more
भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास में विपणन और पूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की बाधाएँ
ई-वाणिज्य द्वारा बाधाओं का समाधान
ई-वाणिज्य इन चुनौतियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है:
इस प्रकार, जबकि कई महत्वपूर्ण बाधाएँ हैं, ई-वाणिज्य भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में विपणन और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को सुलझाने में सहायक हो सकता है।
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