आतंकवाद-प्रभावित क्षेत्रों में जनसमुदाय का विश्वास बहाल करने में ‘दिल और दिमाग’ जीतना एक आवश्यक कदम है। इस संबंध में जम्मू और कश्मीर में संघर्ष समाधान के भाग के रूप में सरकार द्वारा अपनाए गए उपायों पर चर्चा कीजिए। (150 ...
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है। पहला बRead more
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है।
पहला बड़ा प्रयास संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की निगरानी और सुधार हेतु कई संधियाँ और समझौते किए गए। इनमें FATF (Financial Action Task Force) जैसी संस्थाओं का गठन हुआ, जो देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं। इन संगठनों ने नियमों को लागू करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कड़े निर्देश दिए हैं।
हालांकि, इसके बावजूद आतंकवाद का वित्तपोषण जारी है, और इसका प्रमुख कारण आतंकवादियों के लिए उपलब्ध कई वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोत हैं। अवैध व्यापार, जबरन वसूली, अपहरण, और ड्रग्स की तस्करी जैसे अवैध तरीकों से भी आतंकवादी संगठनों को धन मिलता है। इसके अलावा, कुछ देश या संगठन भी अपने राजनीतिक या धार्मिक एजेंडा के तहत इन्हें गुप्त रूप से समर्थन प्रदान करते हैं।
तकनीकी और डिजिटल वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग भी एक बड़ी चुनौती है। क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल माध्यमों के माध्यम से आतंकवादी संगठन धन हस्तांतरित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय निगरानी और भी कठिन हो जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इन चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सहयोग, तकनीकी नवाचार, और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही, वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रयास और कानूनों का कठोर क्रियान्वयन ही इस समस्या का समाधान हो सकता है।
See less
परिचय आतंकवाद-प्रभावित क्षेत्रों में जनसमुदाय का विश्वास बहाल करने के लिए 'दिल और दिमाग' जीतना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। जम्मू और कश्मीर में, सरकार ने विकास, संवाद और युवाओं के सशक्तिकरण पर आधारित विभिन्न उपाय अपनाए हैं ताकि लोगों का विश्वास जीता जा सके और शांति स्थापित हो सके। विकासात्मक पहल सरकार नRead more
परिचय
आतंकवाद-प्रभावित क्षेत्रों में जनसमुदाय का विश्वास बहाल करने के लिए ‘दिल और दिमाग’ जीतना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। जम्मू और कश्मीर में, सरकार ने विकास, संवाद और युवाओं के सशक्तिकरण पर आधारित विभिन्न उपाय अपनाए हैं ताकि लोगों का विश्वास जीता जा सके और शांति स्थापित हो सके।
विकासात्मक पहल
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री विकास पैकेज (PMDP) के तहत बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। हाल के वर्षों में नए मेडिकल कॉलेजों और सड़क संपर्क परियोजनाओं की शुरुआत से क्षेत्र में जीवन स्तर और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है, जिससे आतंकवाद का समर्थन कम हुआ है।
युवाओं के साथ जुड़ाव
युवाओं को आतंकवाद से दूर रखने के लिए “मिशन यूथ” जैसी योजनाओं के माध्यम से कौशल विकास, छात्रवृत्ति और रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इसके अलावा, उड़ान योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी आकांक्षाओं को एक सकारात्मक दिशा मिल रही है।
संवाद और सामान्य स्थिति बहाल करना
सरकार ने स्थानीय नेताओं और समुदायों के साथ बैक-चैनल वार्ता शुरू की है, जिससे विश्वास बहाली हो सके। इसके अलावा, “स्पोर्ट्स फॉर पीस” जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है, जो सामान्य स्थिति और एकता की भावना को पुनः स्थापित कर रहे हैं।
निष्कर्ष
See lessजम्मू-कश्मीर में जनसमुदाय का विश्वास जीतने के लिए सरकार द्वारा अपनाए गए विकास, संवाद और सशक्तिकरण के उपाय शांति और स्थिरता लाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।