संसार के दो सबसे बड़े अवैध अफ्रीम उगाने वाले राज्यों से भारत की निकटता ने भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। नशीली दवाओं के अवैध व्यापार एवं बंदूक बेचने, ग्रुपचुप धन विदेश भेजने और मानव तस्करी जैसी ...
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है। पहला बRead more
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है।
पहला बड़ा प्रयास संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की निगरानी और सुधार हेतु कई संधियाँ और समझौते किए गए। इनमें FATF (Financial Action Task Force) जैसी संस्थाओं का गठन हुआ, जो देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं। इन संगठनों ने नियमों को लागू करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कड़े निर्देश दिए हैं।
हालांकि, इसके बावजूद आतंकवाद का वित्तपोषण जारी है, और इसका प्रमुख कारण आतंकवादियों के लिए उपलब्ध कई वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोत हैं। अवैध व्यापार, जबरन वसूली, अपहरण, और ड्रग्स की तस्करी जैसे अवैध तरीकों से भी आतंकवादी संगठनों को धन मिलता है। इसके अलावा, कुछ देश या संगठन भी अपने राजनीतिक या धार्मिक एजेंडा के तहत इन्हें गुप्त रूप से समर्थन प्रदान करते हैं।
तकनीकी और डिजिटल वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग भी एक बड़ी चुनौती है। क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल माध्यमों के माध्यम से आतंकवादी संगठन धन हस्तांतरित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय निगरानी और भी कठिन हो जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इन चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सहयोग, तकनीकी नवाचार, और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही, वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रयास और कानूनों का कठोर क्रियान्वयन ही इस समस्या का समाधान हो सकता है।
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भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं और अवैध गतिविधियों के बीच कड़ियाँ अफीम उगाने वाले राज्यों की निकटता: भारत की अफगानिस्तान और म्यांमार से निकटता, जो दुनिया के दो प्रमुख अफीम उगाने वाले क्षेत्र हैं, ने आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों से प्राप्त हेरोइन और अन्य नशीली दवाएं भारत में अवRead more
भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं और अवैध गतिविधियों के बीच कड़ियाँ
अफीम उगाने वाले राज्यों की निकटता:
भारत की अफगानिस्तान और म्यांमार से निकटता, जो दुनिया के दो प्रमुख अफीम उगाने वाले क्षेत्र हैं, ने आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों से प्राप्त हेरोइन और अन्य नशीली दवाएं भारत में अवैध व्यापार के प्रमुख स्रोत हैं।
नशीली दवाओं और बंदूक बेचने की कड़ी:
नशीली दवाओं और धन विदेश भेजने की कड़ी:
नशीली दवाओं और मानव तस्करी की कड़ी:
प्रतिरोधी उपाय
सिमित सीमा निगरानी:
वित्तीय नियमन में सख्ती:
आतंकवाद और बंदूक बेचने के खिलाफ कार्रवाई:
मानव तस्करी से निपटना:
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
इन उपायों के माध्यम से भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सकता है और अवैध गतिविधियों के नेटवर्क को प्रभावी ढंग से तोड़ सकता है।
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