भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत और इन स्रोतों की कटौती के लिए किए गए प्रयासों को बताइए। इस आलोक में, हाल ही में नयी दिल्ली में नवंबर 2022 में हुई ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं (एन० एम० ...
'लोन वुल्फ' हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथामRead more
‘लोन वुल्फ’ हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथाम की प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
भारत की सुभेद्यताएँ:
- विविधता और भीड़-भाड़ वाले इलाके: भारत की बड़ी और विविध जनसंख्या, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, लोन वुल्फ हमलों के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करती है।
- सुरक्षा अवसंरचना: भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ और निगरानी प्रणालियाँ इन अत्यधिक असंगठित हमलों की पहचान और रोकथाम में कठिनाई का सामना कर सकती हैं।
- सामाजिक तनाव: विभिन्न सामाजिक और धार्मिक तनावों की वजह से कट्टरपंथी विचारधाराएँ फैल सकती हैं, जो लोन वुल्फ हमलों को प्रेरित कर सकती हैं।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत को बेहतर खुफिया और निगरानी प्रणालियाँ, और समर्पित काउंटर-टेररिज़्म उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
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भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत और कटौती के प्रयास 1. आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत: सीमा पार वित्तपोषण: भारत में आतंकवाद का एक प्रमुख स्रोत सीमा पार से प्राप्त वित्तपोषण है। विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों को पाकिस्तान से समर्थन मिलता है। उदाहरण के तौर पRead more
भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत और कटौती के प्रयास
1. आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत:
2. स्रोतों की कटौती के लिए किए गए प्रयास:
3. ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं (NMFT)’ संगोष्ठी के लक्ष्य और उद्देश्य:
लक्ष्य और उद्देश्य:
संक्षेप में, भारत में आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोतों में सीमा पार वित्तपोषण, हवाला लेन-देन, चैरिटेबल संस्थाएँ और अवैध गतिविधियाँ शामिल हैं। इन स्रोतों की कटौती के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, और ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं (NMFT)’ संगोष्ठी ने वैश्विक सहयोग और प्रभावी ढाँचों को मजबूत करने के प्रयास किए हैं।
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