“हम बच्चे को आसानी से माफ कर सकते हैं, जो अंधेरे से डरता है; जीवन की वास्तविक विडंबना तो तब है जब मनुष्य प्रकाश से डरने लगते हैं।” (150 words) [UPSC 2015]
(a) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उद्धरण यह दर्शाता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्वतंत्र और रचनात्मक व्यक्ति तैयार करना भी है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सके। शिक्षा को सिखाने के बजाय समस्याओं का समाधान निकालने, स्व-निर्णय लेने, और प्राकृतिक और सामRead more
(a) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उद्धरण यह दर्शाता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्वतंत्र और रचनात्मक व्यक्ति तैयार करना भी है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सके। शिक्षा को सिखाने के बजाय समस्याओं का समाधान निकालने, स्व-निर्णय लेने, और प्राकृतिक और सामाजिक कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए।
(b) मार्टिन लूथर किंग, जूनियर का उद्धरण यह इंगित करता है कि क्षमा एक क्षणिक कार्य नहीं, बल्कि एक स्थायी मानसिकता है। क्षमा को आदत और मानसिकता के रूप में अपनाया जाना चाहिए, जिससे व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों में स्थायी शांति और समझ बनी रहे।
(c) रोनाल्ड रीगन का उद्धरण नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करता है। एक प्रभावी नेता वह नहीं होता जो केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल करता है, बल्कि वह होता है जो दूसरों को प्रेरित करता है और उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक महान नेता अपनी टीम की क्षमता को पहचानता है और उन्हें महान कार्य करने के लिए सक्षम बनाता है।
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प्रस्तावना इस उद्धरण का आशय यह है कि डर एक स्वाभाविक भावना है, लेकिन जब इंसान प्रकाश (ज्ञान, सच्चाई) से डरने लगता है, तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। ज्ञान का महत्व आज के युग में, सूचना का युग कहा जाता है, जहां ज्ञान की शक्ति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान लोगों ने बहुत से मिRead more
प्रस्तावना
इस उद्धरण का आशय यह है कि डर एक स्वाभाविक भावना है, लेकिन जब इंसान प्रकाश (ज्ञान, सच्चाई) से डरने लगता है, तो यह गंभीर समस्या बन जाती है।
ज्ञान का महत्व
आज के युग में, सूचना का युग कहा जाता है, जहां ज्ञान की शक्ति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान लोगों ने बहुत से मिथकों और गलतफहमियों का सामना किया। ऐसे में, वैज्ञानिक तथ्यों और ज्ञान को स्वीकार करने में हिचकिचाहट ने संकट को बढ़ा दिया।
सामाजिक चुनौतियाँ
भारत में, कई लोग धार्मिक अंधविश्वास और सामाजिक पूर्वाग्रह के कारण सच्चाई से दूर रहते हैं। हाल के उदाहरणों में, गौ हत्या कानून की चर्चा में कई लोग विज्ञान और तर्क को नजरअंदाज करते हैं।
निष्कर्ष
See lessइस उद्धरण से यह स्पष्ट है कि ज्ञान और सत्य का सामना करने में हिचकिचाहट से मानवता को नुकसान पहुँचता है। इसलिए, हमें प्रकाश से डरने की बजाय, उसे अपनाना चाहिए।