महान विचारकों के तीन उद्धरण नीचे दिए गए हैं। वर्तमान संदर्भ में प्रत्येक उद्धरण आपको क्या संप्रेषित करता है ? (150 words)[UPSC 2023] a. “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली ...
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: कठिनाइयाँ और दृढ़निश्चय स्वामी विवेकानंद ने कहा, “प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएँगे।” इस उद्धरण में सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों और दृढ़ निश्चय के महत्व को व्यक्त कियाRead more
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: कठिनाइयाँ और दृढ़निश्चय
स्वामी विवेकानंद ने कहा, “प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएँगे।” इस उद्धरण में सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों और दृढ़ निश्चय के महत्व को व्यक्त किया गया है।
कठिनाइयाँ और सफलता
सफलता की राह में चुनौतियाँ अपरिहार्य होती हैं। इंदिरा गांधी, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, ने अपने राजनीतिक करियर में कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ता और समर्पण ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
दृढ़निश्चय का महत्व
दृढ़निश्चय ही किसी भी कठिनाई को पार करने की कुंजी है। स्टीव जॉब्स, जिन्होंने एप्पल को अपने दृष्टिकोण और संघर्ष के कारण सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया, ने कई विफलताओं और चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ता ने उन्हें अंततः विजय दिलाई।
निष्कर्ष
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयाँ सफलता की प्रक्रिया का हिस्सा हैं और केवल दृढ़निश्चयी व्यक्ति ही अंततः सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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महात्मा गाँधी का उद्धरण: “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।” वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण हमें बताता है कि सच्ची दयालुता और मानवता के कार्य आध्यात्मिक अनुष्ठानों से अधिक प्रभावी होते हैं। आज के समय में, जब सामाजिक समस्याओं और संकटों काRead more
महात्मा गाँधी का उद्धरण: “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।”
वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण हमें बताता है कि सच्ची दयालुता और मानवता के कार्य आध्यात्मिक अनुष्ठानों से अधिक प्रभावी होते हैं। आज के समय में, जब सामाजिक समस्याओं और संकटों का सामना किया जा रहा है, दयालुता जैसे सरल और व्यावहारिक कार्य समाज को वास्तविक रूप से सशक्त और समर्थनकारी बना सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण: “लोगों को जागरूक करने के लिए महिलाओं को जागृत होना चाहिए। जैसे ही वे आगे बढ़ती हैं, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है, देश आगे बढ़ता है।”
यह उद्धरण वर्तमान में महिलाओं के सशक्तिकरण की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। जब महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों में आगे बढ़ती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव परिवार, समुदाय और राष्ट्र पर व्यापक रूप से पड़ता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: “किसी से घृणा मत कीजिए, क्योंकि जो घृणा आपसे उत्पन्न होगी वह निश्चित ही एक अंतराल के बाद आप तक लौट आएगी। यदि आप प्रेम करेंगे, तो वह प्रेम चक्र को पूरा करता हुआ आप तक वापस आएगा।”
See lessवर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण यह सिखाता है कि नफरत और नकारात्मकता केवल बुरे परिणाम लाते हैं, जबकि प्रेम और सहानुभूति से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्तों में प्रेम और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से समाज में अमन और समझदारी को बढ़ावा मिलता है।