बुद्ध की कौन सी शिक्षाएँ आज सर्वाधिक प्रासंगिक हैं और क्यों ? विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
कथन की समझ यह कथन ईमानदारी और ज्ञान के आपसी संबंध को स्पष्ट करता है। ईमानदारी के बिना ज्ञान व्यर्थ हो सकता है क्योंकि इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। वहीं, ज्ञान के बिना ईमानदारी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। ईमानदारी के बिना ज्ञान जब ज्ञान के साथ ईमानदारी नहीं होRead more
कथन की समझ
यह कथन ईमानदारी और ज्ञान के आपसी संबंध को स्पष्ट करता है। ईमानदारी के बिना ज्ञान व्यर्थ हो सकता है क्योंकि इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा सकता। वहीं, ज्ञान के बिना ईमानदारी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
ईमानदारी के बिना ज्ञान
जब ज्ञान के साथ ईमानदारी नहीं होती, तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में गोपनीयता का उल्लंघन और भ्रष्टाचार हो सकता है। Cambridge Analytica कांड में डेटा का दुरुपयोग कर जनमत को प्रभावित किया गया, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर खतरा पैदा हुआ।
ज्ञान के बिना ईमानदारी
ईमानदारी बिना ज्ञान के भी असफल हो सकती है। उदाहरण के लिए, स्वच्छता अभियानों में बहुत अच्छा इरादा होने के बावजूद, प्रभावी योजना और कार्यान्वयन के बिना ये अभियानों की सफलता सीमित हो जाती है।
आधुनिक सन्दर्भ
COVID-19 वैक्सीनेशन एक अच्छा उदाहरण है। वैज्ञानिक ज्ञान के बिना, वैक्सीन विकसित नहीं की जा सकती थी, लेकिन ईमानदारी से किए गए परीक्षण और वितरण ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित और प्रभावी बनाया।
इस प्रकार, ज्ञान और ईमानदारी का सामंजस्यपूर्ण संयोजन आवश्यक है, ताकि दोनों का सकारात्मक उपयोग किया जा सके और समाज को लाभ हो।
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आज की प्रासंगिक बुद्ध की शिक्षाएँ **1. सतर्कता (Mindfulness) a. वर्तमान प्रासंगिकता: बुद्ध की सतर्कता (सति) की शिक्षा वर्तमान समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विचारशीलता और पूर्ण वर्तमान क्षण में होने की स्थिति को दर्शाता है। आजकल, माइंडफुलनेस आधारित तनाव प्रबंधन (MBSR) कार्यक्रमों में इसका उपयोग होRead more
आज की प्रासंगिक बुद्ध की शिक्षाएँ
**1. सतर्कता (Mindfulness)
a. वर्तमान प्रासंगिकता:
बुद्ध की सतर्कता (सति) की शिक्षा वर्तमान समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विचारशीलता और पूर्ण वर्तमान क्षण में होने की स्थिति को दर्शाता है। आजकल, माइंडफुलनेस आधारित तनाव प्रबंधन (MBSR) कार्यक्रमों में इसका उपयोग होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन में सहायक हैं।
**2. मध्यमार्ग (The Middle Way)
a. संतुलन और संयम:
मध्यमार्ग की शिक्षा अत्यधिक प्रासंगिक है, जो अत्यधिक भोग और कठोर संयम दोनों से बचने की बात करती है। आजकल के कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम और स्वास्थ्य पहल संतुलित जीवन की अवधारणा को बढ़ावा देती हैं, जिससे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बना रहे।
**3. करुणा और अहिंसा (Compassion and Non-Violence)
a. नैतिक जीवन:
करुणा और अहिंसा की शिक्षाएँ सामाजिक समरसता और संघर्ष समाधान के लिए महत्वपूर्ण हैं। हाल के उदाहरण में, महात्मा गांधी की अहिंसा की नीतियाँ वैश्विक नागरिक अधिकार आंदोलनों में प्रेरणास्त्रोत बनी हैं, जैसे ब्लैक लाइव्स मैटर।
**4. अनित्यत्व (Impermanence)
a. परिवर्तन की स्वीकृति:
अनित्यत्व की अवधारणा वर्तमान में तेजी से बदलते विश्व में अनुकूलन में मदद करती है। इस शिक्षा से परिवर्तन और अनिश्चितता को स्वीकारना आसान होता है, जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान जीवनशैली में बदलाव।
निष्कर्ष:
See lessबुद्ध की शिक्षाएँ—सतर्कता, मध्यमार्ग, करुणा, और अनित्यत्व—आज की दुनिया में मानसिक शांति, संतुलित जीवन, सामाजिक सद्भाव, और परिवर्तन के साथ सामंजस्य के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।