“लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता है”। टिप्पणी कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
भारत में चुनावों की विश्वास्यता और ईवीएम विवाद चुनौतियाँ: ईवीएम पर संदेह: हाल के विवादों में ईवीएम की सुरक्षा और सटीकता पर सवाल उठाए गए हैं। इससे चुनाव परिणामों की विश्वास्यता प्रभावित हो सकती है। भारत के निर्वाचन आयोग को इन तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सार्वजनिक वRead more
भारत में चुनावों की विश्वास्यता और ईवीएम विवाद
चुनौतियाँ:
- ईवीएम पर संदेह: हाल के विवादों में ईवीएम की सुरक्षा और सटीकता पर सवाल उठाए गए हैं। इससे चुनाव परिणामों की विश्वास्यता प्रभावित हो सकती है। भारत के निर्वाचन आयोग को इन तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- सार्वजनिक विश्वास: जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास बनाए रखना आवश्यक है। चुनाव आयोग को सुनिश्चित करना होगा कि ईवीएम का उपयोग पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो, ताकि आम जनता का विश्वास बना रहे।
- सुधार और निगरानी: निर्वाचन आयोग को ईवीएम की सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ चुनावी प्रक्रिया की निगरानी को भी सख्त करना होगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करना शामिल है।
निष्कर्ष: भारत के निर्वाचन आयोग को ईवीएम के विवादों को सुलझाने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक उपायों को लागू करना होगा, ताकि चुनावों की विश्वास्यता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
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लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act, 1951) के तहत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने का प्रावधान लोकतंत्र को स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, वर्तमान में इस प्रक्रिया में कई जटिलताएँ और कानूनी बाधाएँ हैं, जो इसे प्रभावी ढंग से लागूRead more
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act, 1951) के तहत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने का प्रावधान लोकतंत्र को स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, वर्तमान में इस प्रक्रिया में कई जटिलताएँ और कानूनी बाधाएँ हैं, जो इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में रुकावट पैदा करती हैं।
पहली समस्या यह है कि दोष सिद्ध होने में लंबा समय लग सकता है, जिससे दोषी व्यक्ति चुनाव लड़ सकते हैं और सार्वजनिक पद पर बने रह सकते हैं। दूसरी समस्या यह है कि कानून की जटिलताओं के कारण दोषी ठहराए गए व्यक्ति कानूनी अपीलों के माध्यम से अपनी अयोग्यता को चुनौती देकर इसे टाल सकते हैं।
इसलिए, इस प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता है ताकि भ्रष्ट आचरण में संलिप्त व्यक्ति शीघ्रता से अयोग्य घोषित किए जा सकें। इसके लिए, समयबद्ध सुनवाई, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त प्रावधानों की आवश्यकता है। इससे न केवल लोकतंत्र की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।
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