अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए। साथ ही, अपक्षय के महत्व पर प्रकाश डालिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
विसर्प (Meandering) एक नदी की प्रवृत्ति को दर्शाता है जिसमें नदी के प्रवाह की दिशा लगातार बदलती रहती है, जिससे नदी की धारा में जिग-जैग मोड़ बनते हैं। यह प्रक्रिया बाढ़ के मैदानों में सामान्य रूप से देखी जाती है, जहाँ नदी अपने द्वारा छोड़े गए अवसादों पर निर्भर करती है और चपटी भूमि पर बहती है। बाढ़ केRead more
विसर्प (Meandering) एक नदी की प्रवृत्ति को दर्शाता है जिसमें नदी के प्रवाह की दिशा लगातार बदलती रहती है, जिससे नदी की धारा में जिग-जैग मोड़ बनते हैं। यह प्रक्रिया बाढ़ के मैदानों में सामान्य रूप से देखी जाती है, जहाँ नदी अपने द्वारा छोड़े गए अवसादों पर निर्भर करती है और चपटी भूमि पर बहती है।
बाढ़ के मैदानों से जुड़ी विभिन्न भू-आकृतियाँ निम्नलिखित हैं:
स्लीक: बाढ़ के मैदानों में नदी द्वारा छोड़े गए नर्म अवसाद से निर्मित यह वाणिज्यिक क्षेत्र होते हैं। ये समतल और उपजाऊ होते हैं।
लूप्स: नदी के चक्रीय मोड़, जो विसर्प के कारण बनते हैं। समय के साथ, ये मोड़ बड़ा होकर अलग-थलग जलाशयों में बदल सकते हैं।
ऑक्सबो: पुराने लूप्स या मोड़ों की प्रक्रिया से बनते हैं, जब एक लूप भर जाता है और नदी एक सीधी धारा बनाती है, जिससे पुराना लूप बंद हो जाता है।
फ्लडप्लेन: नदी की नियमित बाढ़ से बनने वाला समतल क्षेत्र, जहाँ अवसाद जमा होते हैं और उपजाऊ मिट्टी का निर्माण होता है।
ये भू-आकृतियाँ नदी के विसर्प की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती हैं और बाढ़ के मैदानों की अद्वितीय विशेषताओं को दर्शाती हैं।
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अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes): परिभाषा: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के अंदर की ताकतों द्वारा संचालित होती हैं। ये आमतौर पर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से संबंधित होती हैं। उदाहरण: भूकंप: जब पृथ्वी की सतह पर तनाव औरRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ
अपक्षय का महत्व:
इस प्रकार, अंतर्जनित और बहिर्जनित प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह और आंतरिक संरचना को विभिन्न तरीकों से आकार देती हैं, और अपक्षय की प्रक्रियाएँ इन परिवर्तनों के साथ-साथ पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करती हैं।
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