‘मेंटल प्लूम’ को परिभाषित कीजिए और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
भू-संचलन के कारण निर्मित झीलें: भू-संचलन की गतिविधियों जैसे भूस्खलन, पर्वतारोहण, और तटीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप झीलों का निर्माण होता है। ये झीलें विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं: भूस्खलन झीलें: जब भू-संचलन के दौरान एक बड़ी मिट्टी की ढाल नदी या नाले के मार्ग को अवरुद्ध कर देती है,Read more
भू-संचलन के कारण निर्मित झीलें: भू-संचलन की गतिविधियों जैसे भूस्खलन, पर्वतारोहण, और तटीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप झीलों का निर्माण होता है। ये झीलें विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- भूस्खलन झीलें: जब भू-संचलन के दौरान एक बड़ी मिट्टी की ढाल नदी या नाले के मार्ग को अवरुद्ध कर देती है, तो एक झील का निर्माण होता है। उदाहरण: हिमाचल प्रदेश में पार्वती नदी पर बने भूस्खलन झीलें।
- वोल्केनिक झीलें: ज्वालामुखीय क्रियावली से बने गड्ढों में पानी भरने से ये झीलें बनती हैं। उदाहरण: माउंट ताम्बोरा के विस्फोट से बने कैल्डेरा झीलें।
- ग्लेशियल झीलें: ग्लेशियर्स द्वारा काटे गए घाटियों में पानी भरने से ग्लेशियल झीलें बनती हैं। उदाहरण: उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्रों में।
आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व:
- जल स्रोत: झीलें पीने के पानी, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत प्रदान करती हैं।
- पारिस्थितिक : ये झीलें विविध पारिस्थितिक तंत्रों का समर्थन करती हैं, जैसे कि मछलियाँ, पक्षी और जलीय पौधे, जो पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
- पर्यटन: झीलें आकर्षक पर्यटन स्थल होती हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती हैं और रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं।
- जलवायु नियंत्रण: झीलें स्थानीय जलवायु को स्थिर करने में मदद करती हैं और गर्मी और ठंड के प्रभाव को कम करती हैं।
चुनौतियाँ:
- पर्यावरणीय क्षति: अत्यधिक पर्यटन और औद्योगिकीकरण के कारण झीलों का प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति हो सकती है।
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से झीलों का जलस्तर घट सकता है या बढ़ सकता है, जिससे पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित होता है।
इन झीलों का संरक्षण और प्रबंधन, इनकी पारिस्थितिक और आर्थिक महत्वपूर्णताओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
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मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका: मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है। प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूRead more
मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका:
मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।
प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूम की महत्वपूर्ण भूमिका है:
पृथ्वी की स्वयंभू धुरी:
मेंटल प्लूम का उद्गार पृथ्वी की स्वयंभू धुरी को हिला सकता है, जिससे महाद्वीपों का आकार और स्थिति प्रभावित होती है।
कठोर प्लेट के निर्माण:
मेंटल प्लूम की गर्मी और दबाव के कारण प्लेट के शीर्ष हिस्सों में कठोर प्लेटें बनती हैं जो महाद्वीपों का निर्माण करती हैं।
ज्वालामुखी गतिविधि:
मेंटल प्लूम के उठाव से कई ज्वालामुखी गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हैं जो प्लेट के आपसी संघर्ष को दर्शाते हैं।
See lessइस प्रकार, मेंटल प्लूम पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को प्रभावित करके प्लेट विवर्तनिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।