महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत क्या है? इसका समर्थन करने वाले साक्ष्यों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
इंडोनेशियाई और फिलिपीनी द्वीपसमूहों में द्वीपों का गठन टेक्टोनिक प्लेट गतिविधि इंडोनेशियाई और फिलिपीनी द्वीपसमूह टेक्टोनिक प्लेट गतिविधियों के कारण बने हैं। ये क्षेत्र कई प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल पर स्थित हैं, जैसे पैसिफिक प्लेट, इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट, और यूरेशियन प्लेट। इन प्लेटों कीRead more
इंडोनेशियाई और फिलिपीनी द्वीपसमूहों में द्वीपों का गठन
टेक्टोनिक प्लेट गतिविधि
इंडोनेशियाई और फिलिपीनी द्वीपसमूह टेक्टोनिक प्लेट गतिविधियों के कारण बने हैं। ये क्षेत्र कई प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल पर स्थित हैं, जैसे पैसिफिक प्लेट, इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट, और यूरेशियन प्लेट। इन प्लेटों की गति और टकराव के परिणामस्वरूप द्वीपों का निर्माण होता है।
ज्वालामुखीय गतिविधि
ज्वालामुखीय गतिविधि द्वीप निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इंडोनेशियाई द्वीपसमूह में, सुमात्रा और जावा जैसे द्वीप रिंग ऑफ फायर के ज्वालामुखीय विस्फोटों के कारण बने हैं, जहां पैसिफिक प्लेट इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट के नीचे जाती है। फिलिपीनी द्वीपसमूह में, लुज़ोन और मिंडानाओ जैसे द्वीप ज्वालामुखीय विस्फोटों और टेक्टोनिक उथल-पुथल से बने हैं।
हाल के उदाहरण
1883 में क्राकातुआ के विस्फोट ने इंडोनेशिया में द्वीपों का परिदृश्य बदल दिया। फिलिपींस में ताल ज्वालामुखी का गठन नए भू-आकृतियों को जन्म दे रहा है।
निष्कर्ष
इंडोनेशियाई और फिलिपीनी द्वीपसमूहों में हज़ारों द्वीप टेक्टोनिक गतिविधियों और ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण बने हैं, जो इन भौगोलिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों की विशेषता हैं।
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्Read more
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory)
सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्माण हुआ और ये धीरे-धीरे वर्तमान स्थानों पर पहुँचे।
साक्ष्य:
इन साक्ष्यों ने महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत को समर्थन दिया, हालांकि इसे अधिक व्यापक रूप से समझाने के लिए प्लेट टेक्टॉनिक्स के सिद्धांत का विकास हुआ, जिसने महाद्वीपीय प्रवाह और अन्य भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को एक एकीकृत ढांचे में समझाया।
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