‘मेंटल प्लूम’ को परिभाषित कीजिए और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं। अपरदित भू-आकृतियाँ: भवन और अवसानीय निर्माण: हिमनदी संचालन से अपरदित भू-आकृतियाँ जैसे बांध, बांध का पRead more
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं।
- अपरदित भू-आकृतियाँ:
- भवन और अवसानीय निर्माण: हिमनदी संचालन से अपरदित भू-आकृतियाँ जैसे बांध, बांध का पानी भरना, गार्ड्लॉनिग, और टनल के निर्माण किए जाते हैं।
- जल-ऊर्जा का उत्पादन: जल-ऊर्जा के उत्पादन के लिए जलविद्युत विकास भी इन आकृतियों का हिस्सा होता है।
- जलसंचार: पानी की आपूर्ति और संचार के लिए नदी के अभियांत्रिकीय उपकरण भी इसमें शामिल होते हैं।
- निक्षेपित भू-आकृतियाँ:
- निक्षेपित क्षेत्र और वन्यजीवन: हिमनदी संचालन से निक्षेपित भू-आकृतियाँ जैसे जलाशय, वन्यजीवन संरक्षण क्षेत्र, और नदी के पार्श्वगार्त भी बनाई जाती हैं।
- पानी का पुनरुत्पादन: जल संसाधन के पुनरुत्पादन के लिए निक्षेपित भू-आकृतियाँ विकसित की जाती हैं।
हिमनदी संचलन द्वारा उपर्युक्त भू-आकृतियाँ निर्मित होती हैं जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करती हैं और जल संसाधनों का प्रबंधन सुनिश्चित करती हैं।
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मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका: मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है। प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूRead more
मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका:
मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।
प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूम की महत्वपूर्ण भूमिका है:
पृथ्वी की स्वयंभू धुरी:
मेंटल प्लूम का उद्गार पृथ्वी की स्वयंभू धुरी को हिला सकता है, जिससे महाद्वीपों का आकार और स्थिति प्रभावित होती है।
कठोर प्लेट के निर्माण:
मेंटल प्लूम की गर्मी और दबाव के कारण प्लेट के शीर्ष हिस्सों में कठोर प्लेटें बनती हैं जो महाद्वीपों का निर्माण करती हैं।
ज्वालामुखी गतिविधि:
मेंटल प्लूम के उठाव से कई ज्वालामुखी गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हैं जो प्लेट के आपसी संघर्ष को दर्शाते हैं।
See lessइस प्रकार, मेंटल प्लूम पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को प्रभावित करके प्लेट विवर्तनिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।