संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिये। (125 Words) [UPPSC 2019] a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ। b. लोकहित एवं सूचना का अधिकार।
लोक प्रशासन में सामाजिक प्रभाव की भूमिका 1. नीति निर्माण और कार्यान्वयन सामाजिक मानक: समाज के मानक और मूल्य लोक प्रशासन के निर्णयों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, स्वच्छ भारत अभियान का सफलता समाज में स्वच्छता के प्रति बढ़ती जागरूकता और सामाजिक दबाव के कारण संभव हुआ। 2. जनसंपर्क और साक्षात्कारRead more
लोक प्रशासन में सामाजिक प्रभाव की भूमिका
1. नीति निर्माण और कार्यान्वयन
- सामाजिक मानक: समाज के मानक और मूल्य लोक प्रशासन के निर्णयों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, स्वच्छ भारत अभियान का सफलता समाज में स्वच्छता के प्रति बढ़ती जागरूकता और सामाजिक दबाव के कारण संभव हुआ।
2. जनसंपर्क और साक्षात्कार
- सामाजिक सहभागिता: सामाजिक प्रभाव जनसंपर्क और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देता है। डिजिटल इंडिया के तहत ई-गवर्नेंस ने नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से सरकारी योजनाओं में शामिल किया।
3. सुधार और बदलाव
- सामाजिक आंदोलनों: समाज में आंदोलनों और मांगों का प्रभाव प्रशासनिक सुधारों पर पड़ता है। जैसे, अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत समाज के दबाव ने प्रशासन को अधिक संवेदनशील और न्यायपूर्ण बनने पर मजबूर किया।
निष्कर्ष: लोक प्रशासन में सामाजिक प्रभाव नीति निर्माण, जनसंपर्क, और सुधार प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे प्रशासनिक निर्णय अधिक समाज-केन्द्रित और प्रभावी बनते हैं।
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a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ 1. ईमानदारी और सत्यनिष्ठा: लोक सेवकों को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करना चाहिए, जैसे कि सीवीसी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी। 2. उत्तरदायित्व: उनका उत्तरदायित्व जनता के प्रति होता है। सार्वजनिक लेखा परीक्षाएँ और सीएजी की रिपोर्ट्स उनकी जिम्मेदारी को सुनिश्चRead more
a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ
1. ईमानदारी और सत्यनिष्ठा: लोक सेवकों को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करना चाहिए, जैसे कि सीवीसी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी।
2. उत्तरदायित्व: उनका उत्तरदायित्व जनता के प्रति होता है। सार्वजनिक लेखा परीक्षाएँ और सीएजी की रिपोर्ट्स उनकी जिम्मेदारी को सुनिश्चित करती हैं।
3. निष्पक्षता: लोक सेवकों को निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए, जैसे कि आयकर विभाग में बिना भेदभाव के जांच।
b. लोकहित और सूचना का अधिकार
1. लोकहित: लोकहित का तात्पर्य ऐसी नीतियों से है जो समाज के व्यापक कल्याण को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण स्वरूप, मौसम सेवा ऐप्स का उपयोग कृषि में किसानों की सहायता के लिए किया जाता है।
2. सूचना का अधिकार (RTI): RTI अधिनियम नागरिकों को सरकारी सूचनाओं तक पहुँच प्रदान करता है, जैसे कि COVID-19 टीकाकरण योजना की जानकारी की सार्वजनिक उपलब्धता।
निष्कर्ष: लोक सेवकों की नैतिक जिम्मेदारियाँ ईमानदारी और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करती हैं, जबकि लोकहित और RTI पारदर्शिता और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।
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