संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिये। (125 Words) [UPPSC 2019] a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ। b. लोकहित एवं सूचना का अधिकार।
लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता है? 1. प्रशिक्षण कार्यक्रम: लोक सेवकों के लिए विविधता और समावेशिता पर प्रशिक्षण प्रदान करें। सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सहमति समाधान कार्यशालाएँ उनकी समझ और सहनशीलता बढ़ा सकती हैं। 2. विभिन्न समुदायों के संपर्क में आना: फील्ड विज़िट्स औRead more
लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता है?
1. प्रशिक्षण कार्यक्रम: लोक सेवकों के लिए विविधता और समावेशिता पर प्रशिक्षण प्रदान करें। सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सहमति समाधान कार्यशालाएँ उनकी समझ और सहनशीलता बढ़ा सकती हैं।
2. विभिन्न समुदायों के संपर्क में आना: फील्ड विज़िट्स और समुदाय सहभागिता कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न समुदायों के साथ संबंध स्थापित करने के अवसर प्रदान करें। उदाहरण के लिए, ‘गाँव गोद लेने’ जैसे कार्यक्रम।
3. भावनात्मक बुद्धिमत्ता का विकास: भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रशिक्षण को शामिल करें ताकि लोक सेवक अपनी भावनाओं का प्रबंधन कर सकें और दूसरों के प्रति करुणामय हो सकें।
4. खुली संचार प्रथाएँ: ओपन डायलॉग्स और फीडबैक सेशंस का आयोजन करें, जहाँ लोक सेवक अनुभव साझा कर सकें।
5. करुणा का सम्मान: करुणामय व्यवहार को मान्यता और पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करें।
निष्कर्ष: इन उपायों के माध्यम से लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता और करुणा को प्रभावी ढंग से पोषित किया जा सकता है, जिससे प्रशासन अधिक संवेदनशील और प्रभावी बनेगा।
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a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ 1. ईमानदारी और सत्यनिष्ठा: लोक सेवकों को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करना चाहिए, जैसे कि सीवीसी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी। 2. उत्तरदायित्व: उनका उत्तरदायित्व जनता के प्रति होता है। सार्वजनिक लेखा परीक्षाएँ और सीएजी की रिपोर्ट्स उनकी जिम्मेदारी को सुनिश्चRead more
a. लोक सेवक की नैतिक जिम्मेदारियाँ
1. ईमानदारी और सत्यनिष्ठा: लोक सेवकों को ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करना चाहिए, जैसे कि सीवीसी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी।
2. उत्तरदायित्व: उनका उत्तरदायित्व जनता के प्रति होता है। सार्वजनिक लेखा परीक्षाएँ और सीएजी की रिपोर्ट्स उनकी जिम्मेदारी को सुनिश्चित करती हैं।
3. निष्पक्षता: लोक सेवकों को निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए, जैसे कि आयकर विभाग में बिना भेदभाव के जांच।
b. लोकहित और सूचना का अधिकार
1. लोकहित: लोकहित का तात्पर्य ऐसी नीतियों से है जो समाज के व्यापक कल्याण को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण स्वरूप, मौसम सेवा ऐप्स का उपयोग कृषि में किसानों की सहायता के लिए किया जाता है।
2. सूचना का अधिकार (RTI): RTI अधिनियम नागरिकों को सरकारी सूचनाओं तक पहुँच प्रदान करता है, जैसे कि COVID-19 टीकाकरण योजना की जानकारी की सार्वजनिक उपलब्धता।
निष्कर्ष: लोक सेवकों की नैतिक जिम्मेदारियाँ ईमानदारी और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करती हैं, जबकि लोकहित और RTI पारदर्शिता और सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।
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