भ्रष्टाचार सरकारी राजकोष का दुरुपयोग, प्रशासन की अक्षमता एवं राष्ट्रीय विकास में बाधा उत्पन्न करने के कारण है। इस कथन के परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार रोकने के उपाय बताइए। (125 Words) [UPPSC 2021]
समाज में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम **1. कानूनी ढांचे को मजबूत करना (Strengthening Legal Framework): कठोर कानून और प्रवर्तन: भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कानून लागू करें और उनका सख्ती से पालन करवाएँ। भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण बRead more
समाज में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम
**1. कानूनी ढांचे को मजबूत करना (Strengthening Legal Framework):
- कठोर कानून और प्रवर्तन: भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कानून लागू करें और उनका सख्ती से पालन करवाएँ। भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) को सशक्त बनाना जरूरी है।
**2. पारदर्शिता को बढ़ावा देना (Promoting Transparency):
- खुला डेटा और रिपोर्टिंग: सरकारी लेन-देन और निर्णय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। RTI (सूचना का अधिकार) जैसे सिस्टम को लागू करें, जो नागरिकों को सार्वजनिक मामलों की जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, COVID-19 राहत वितरण में अनियमितताएँ RTI के माध्यम से उजागर हुईं।
**3. सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करना (Encouraging Whistleblowers):
- सुरक्षा और प्रोत्साहन: उन लोगों की सुरक्षा और प्रोत्साहन प्रदान करें जो भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करते हैं। सूचना देने वालों की सुरक्षा अधिनियम, 2014 इस उद्देश्य के लिए बनया गया है, जिससे उन्हें प्रतिशोध से बचाया जा सके।
**4. नैतिक मानकों को बढ़ावा देना (Promoting Ethical Standards):
- शिक्षा और प्रशिक्षण: स्कूल और कॉलेज की पाठ्यक्रम में नैतिकता और भ्रष्टाचार विरोधी शिक्षा शामिल करें। सार्वजनिक अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण आयोजित करें। भारत की राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति (2019) में यह पहल शामिल है।
**5. प्रौद्योगिकी का उपयोग (Leveraging Technology):
- डिजिटल प्लेटफार्म: प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मानव हस्तक्षेप को कम करें और भ्रष्टाचार के अवसर घटाएँ। आयकर दाखिल करना और सार्वजनिक खरीद के लिए डिजिटल प्लेटफार्म लागू करें।
**6. संस्थानिक अखंडता को मजबूत करना (Strengthening Institutional Integrity):
- जवाबदेही तंत्र: सार्वजनिक संस्थानों की निगरानी और ऑडिट करने के लिए स्वतंत्र निकायों की स्थापना करें। महालेखा परीक्षक (CAG) की भूमिका इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
इन कदमों को अपनाकर समाज में भ्रष्टाचार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है और सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास बनाए रखा जा सकता है।
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पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकारी कार्यों और निर्णयों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल्स और आरटीआई (सूचना के अधिकार) का उपयोग करें। उदाहरण: मंत्रालयों और विभागों की वेबसाइट्स पर लेन-देन और परियोजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना। कठोर कानूनी ढांचा: भ्रष्टाचार से संबंधित कानूनों को सख्ती से लागू करनRead more
पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकारी कार्यों और निर्णयों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल्स और आरटीआई (सूचना के अधिकार) का उपयोग करें। उदाहरण: मंत्रालयों और विभागों की वेबसाइट्स पर लेन-देन और परियोजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना।
कठोर कानूनी ढांचा: भ्रष्टाचार से संबंधित कानूनों को सख्ती से लागू करना और दोषियों को उचित दंड देना। उदाहरण: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) की सक्रियता।
विचारशील प्रशिक्षण और शिक्षा: सार्वजनिक अधिकारियों और नागरिकों को नैतिकता और ईमानदारी पर शिक्षा और प्रशिक्षण देना। उदाहरण: आईएएस प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार विरोधी पाठ्यक्रम शामिल करना।
भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाएँ: स्वतंत्र और सक्षम भ्रष्टाचार विरोधी निकायों की स्थापना। उदाहरण: सीवीसी और ऑडिट निकायों की निगरानी।
नागरिक सहभागिता: नागरिकों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक करना और उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करना। उदाहरण: व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट।
निष्कर्ष: पारदर्शिता, कानूनी सख्ती, प्रशिक्षण, स्वतंत्र संस्थाएँ, और नागरिक सहभागिता सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को रोकने के प्रभावी उपाय हैं।
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