प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2023] पीयूष ग्रन्थि पर टिप्पणी कीजिए।
जैव प्रौद्योगिकी द्वारा किसानों के जीवन मानकों में सुधार 1. उन्नत फसलों की किस्में: उद्देश्य: जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्नत फसल किस्मों का विकास कर उत्पादकता और पोषण में सुधार किया जा सकता है। हालिया उदाहरण: बीटी कपास ने कीट-प्रतिरोधी किस्में प्रदान की हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि और कीटनाशकोRead more
जैव प्रौद्योगिकी द्वारा किसानों के जीवन मानकों में सुधार
1. उन्नत फसलों की किस्में:
- उद्देश्य: जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्नत फसल किस्मों का विकास कर उत्पादकता और पोषण में सुधार किया जा सकता है।
- हालिया उदाहरण: बीटी कपास ने कीट-प्रतिरोधी किस्में प्रदान की हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि और कीटनाशकों की आवश्यकता में कमी आई है।
2. पारिस्थितिकीय तनाव से निपटने में मदद:
- उद्देश्य: सूखा, नमीयता और खराब मिट्टी जैसी पारिस्थितिकीय समस्याओं के प्रति रोधक फसलें तैयार की जा सकती हैं।
- हालिया उदाहरण: ड्रॉप-आउट गेंहू और सहनीय धान की किस्में, जो सूखा और अल्ट्रा-वीलेट के प्रति रोधक हैं, ने सख्त परिस्थितियों में भी उत्पादन को बढ़ाया है।
3. आधुनिक कृषि तकनीकों का एकीकरण:
- उद्देश्य: सटीक कृषि और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कृषि प्रथाओं को सुधारना और प्रभावशीलता बढ़ाना।
- हालिया उदाहरण: स्मार्ट एग्रीकल्चर प्लेटफॉर्म और ड्रोन तकनीक के उपयोग ने कृषि निगरानी और संवेदनशील डेटा का उपयोग करके उपज और संसाधन प्रबंधन को सुधारा है।
4. पोषण संवर्धन:
- उद्देश्य: पोषण से भरपूर फसलें और विटामिन-फोर्टिफाइड फसलें विकसित करना ताकि स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
- हालिया उदाहरण: गोल्डन राइस को विटामिन ए से फोर्टिफाइड किया गया है, जो कुपोषण को कम करने में मददगार साबित हो रहा है।
5. फसल संरक्षण और बीमारियों का नियंत्रण:
- उद्देश्य: जीवाणु और वायरस के प्रति प्रतिरोधक फसलें विकसित करना।
- हालिया उदाहरण: जैव-रसायन और जैव-रोग नियंत्रण तकनीकों ने फसलों में बीमारियों के प्रभाव को कम किया है और उपज में सुधार किया है।
6. आर्थिक लाभ और लाभप्रदता में वृद्धि:
- उद्देश्य: प्रभावी फसल प्रबंधन और विपणन रणनीतियों के माध्यम से कृषि लाभ और आय में वृद्धि।
- हालिया उदाहरण: जीव प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और मूल्य बढ़ाने के लिए नए बाजारों में प्रवेश आसान हुआ है।
निष्कर्ष: जैव प्रौद्योगिकी कृषि में फसल उत्पादन, पारिस्थितिकीय तनाव, पोषण, फसल संरक्षण, और आर्थिक लाभ में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके माध्यम से किसानों के जीवन मानकों में संतुलित वृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार संभव हो रहा है।
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पीयूष ग्रन्थि पर टिप्पणी पीयूष ग्रंथि, जिसे "मास्टर ग्रंथि" भी कहा जाता है, मानव शरीर की अंतःस्रावी प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मस्तिष्क के आधार पर स्थित होती है और इसके दो मुख्य भाग होते हैं: पूर्वकालीन पीयूष और पश्चकालीन पीयूष। अनुप्रस्थी और स्थान पीयूष ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भागRead more
पीयूष ग्रन्थि पर टिप्पणी
पीयूष ग्रंथि, जिसे “मास्टर ग्रंथि” भी कहा जाता है, मानव शरीर की अंतःस्रावी प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मस्तिष्क के आधार पर स्थित होती है और इसके दो मुख्य भाग होते हैं: पूर्वकालीन पीयूष और पश्चकालीन पीयूष।
अनुप्रस्थी और स्थान
कार्य
हाल के उदाहरण और अध्ययन
निष्कर्ष
पीयूष ग्रंथि शरीर के समुचित संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। इसके विभिन्न हार्मोन आवश्यक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं, और चिकित्सा अनुसंधान में हाल के विकास इसके कार्यों और विकारों को समझने में मदद कर रहे हैं। इस ग्रंथि के महत्व को पहचानना स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए आवश्यक है, जिससे यह UPSC मुख्य परीक्षा के लिए एक प्रासंगिक विषय बनता है।
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