प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] एक प्ररूपी विषाणु के दो प्रमुख घटक क्या हैं?
जैव प्रौद्योगिकी में भारत की मुख्य उपलब्धियाँ स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धियाँ: COVID-19 टीके: भारत ने ‘कोवैक्सिन’ और ‘कोविशील्ड’ जैसे COVID-19 टीकों का सफलतापूर्वक विकास किया है। ये टीके न केवल महामारी को नियंत्रित करने में सहायक रहे हैं बल्कि गरीब और वंचित वर्गों के लिए सस्ती स्वास्थ्यRead more
जैव प्रौद्योगिकी में भारत की मुख्य उपलब्धियाँ
- स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
- COVID-19 टीके: भारत ने ‘कोवैक्सिन’ और ‘कोविशील्ड’ जैसे COVID-19 टीकों का सफलतापूर्वक विकास किया है। ये टीके न केवल महामारी को नियंत्रित करने में सहायक रहे हैं बल्कि गरीब और वंचित वर्गों के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।
- जीन थेरपी: ‘जीन थेरपी’ और ‘अनुवांशिक बीमारियों’ के उपचार में प्रगति ने गंभीर बीमारियों के इलाज में नई संभावनाएँ खोली हैं।
- कृषि क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
- जीएम फसलें: ‘Bt कपास’ और ‘जीएम चाय’ जैसी फसलें किसानों को कीट नियंत्रण और बेहतर उत्पादन में मदद करती हैं। ये फसलें उत्पादकता बढ़ाती हैं और कृषकों की आय में सुधार करती हैं।
- स्मार्ट कृषि तकनीक: ‘स्मार्ट कृषि समाधान’ जैसे सटीक कृषि और जल प्रबंधन तकनीकों ने फसल उत्पादन में सुधार किया है और संसाधनों की सहमति बढ़ाई है।
- आवश्यक वस्त्र और दवाएँ:
- सस्ते दवाएँ: भारत ने ‘बायोफार्मास्युटिकल्स’ जैसे सस्ते दवाओं का उत्पादन बढ़ाया है, जो गरीब वर्ग के लिए उपलब्धता और सस्ती चिकित्सा सुनिश्चित करती हैं।
गरीब वर्ग के उत्थान में मदद
- स्वास्थ्य में सुधार: सस्ते और प्रभावी टीके और दवाएँ गरीबों को उपलब्धता और सस्ती चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करती हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों से बचाव होता है।
- कृषि में प्रगति: जैव प्रौद्योगिकी द्वारा फसल उत्पादन और कृषकों की आय में सुधार गरीब किसानों को आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिति में सुधार प्रदान करती है।
- सामाजिक और आर्थिक लाभ: सस्ते दवाएँ और उन्नत कृषि तकनीकें गरीब वर्ग को आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है।
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत सस्ती बायोफार्मास्युटिकल्स और स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध कराया है, जो गरीब वर्ग के स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक रही है।
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प्ररूपी विषाणु (प्रोवायरस) के दो प्रमुख घटक हैं: विषाणु आरएनए या डीएनए: प्ररूपी विषाणु का आनुवांशिक पदार्थ होता है, जो या तो RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) या DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) हो सकता है। यह आनुवांशिक सामग्री विषाणु के गुणसूत्रों को संलग्न करती है और विषाणु के जीवन चक्र को संचालित करती हैRead more
प्ररूपी विषाणु (प्रोवायरस) के दो प्रमुख घटक हैं:
ये दोनों घटक मिलकर विषाणु के अस्तित्व और संचार के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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