भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (250 words) [UPSC 2022]
संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं। भारत में समता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 1Read more
संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं।
भारत में समता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समान अवसर की गारंटी देता है। इसके अलावा, अनुच्छेद 17 जातिगत भेदभाव को समाप्त करता है।
भारत में समता का अधिकार सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशेष रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त करने पर केंद्रित है।
अमेरिका में समता का अधिकार
संयुक्त राज्य अमेरिका में समता का अधिकार मुख्यतः संविधान के चौदहवें संशोधन द्वारा सुनिश्चित किया गया है, जो “समान संरक्षण का अधिकार” प्रदान करता है। यह भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा का आधार है। अमेरिका में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून भी बनाए गए हैं, जैसे कि नागरिक अधिकार अधिनियम (1964), जो नस्ल, रंग, धर्म, लिंग या राष्ट्रीय उत्पत्ति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करता है।
तुलना
भारत में समता का अधिकार सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में अधिक उन्मुख है, जबकि अमेरिका में यह कानूनी और राजनीतिक अधिकारों का संरक्षण करता है। भारत में समता का अधिकार विशेष रूप से कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए अधिक संवेदनशील है, जबकि अमेरिका में यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता की मूल धारणा पर केंद्रित है। दोनों संविधानों में समता का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके कार्यान्वयन और सामाजिक संदर्भ अलग-अलग हैं।
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भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया 1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं।Read more
भारत और फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्वाचित होने की प्रक्रिया
1. भारत में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक प्रतिनिधि प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें एक निर्वाचन मंडल शामिल होता है। इस मंडल में संसद के सदस्य और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया संघीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व का मिश्रण सुनिश्चित करती है।
निर्वाचन मंडल की संरचना:
मतदान प्रणाली:
हालिया उदाहरण: 2022 के भारतीय राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को निर्वाचित किया गया। इस चुनाव में सांसदों और राज्य विधायकों के मतों का समावेश किया गया, जो संघीय और राष्ट्रीय स्वार्थों का संतुलन दर्शाता है।
2. फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
संवैधानिक ढांचा: फ्रांस में राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष लोकप्रिय मतदान के माध्यम से होता है, जो सीधे लोकतंत्र को दर्शाता है।
निर्वाचन प्रक्रिया:
हालिया उदाहरण: 2022 के फ्रांसीसी राष्ट्रपति चुनाव में एमानुएल मैक्रों को दूसरे दौर में Marine Le Pen के खिलाफ विजय प्राप्त हुई, जिससे उनकी दूसरी बार राष्ट्रपति पद पर चुने गए।
तुलना:
निष्कर्ष: भारत और फ्रांस की राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रियाएँ उनके राजनीतिक और संवैधानिक ढाँचों को दर्शाती हैं। भारत की प्रणाली संघीय संतुलन और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देती है, जबकि फ्रांस की प्रणाली सीधा लोकप्रिय मतदान पर निर्भर करती है। दोनों प्रक्रियाएँ प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करती हैं, लेकिन भिन्न तंत्रों के माध्यम से।
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