संक्षेप में भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका बताइये। (125 Words) [UPPSC 2019]
भारतीय लोकतंत्र का दर्शन संविधान की प्रस्तावना में **1. मूलभूत मूल्य भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारतीय लोकतंत्र के दर्शन को स्पष्ट करती है। यह भारत को संप्रभु, साम्यवादिता, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और भाईचारा की प्रतिबद्धता हैRead more
भारतीय लोकतंत्र का दर्शन संविधान की प्रस्तावना में
**1. मूलभूत मूल्य
भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारतीय लोकतंत्र के दर्शन को स्पष्ट करती है। यह भारत को संप्रभु, साम्यवादिता, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता, और भाईचारा की प्रतिबद्धता है।
**2. संप्रभुता और गणराज्य
संप्रभुता भारत की आंतरिक और बाहरी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करती है, जबकि गणराज्य का मतलब है कि राष्ट्र प्रमुख का चुनाव विरासत द्वारा नहीं, बल्कि चुनाव के माध्यम से होता है, जैसा कि राष्ट्रपति के चुनाव में देखा जाता है।
**3. साम्यवादिता और धर्मनिरपेक्षता
साम्यवादिता का तात्पर्य आर्थिक समानता से है, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कार्यक्रमों से बढ़ावा दिया गया है। धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों को समान मानती है, जैसा कि धार्मिक विविधता को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों में देखा जा सकता है।
**4. लोकतांत्रिक सिद्धांत
लोकतंत्र प्रतिनिधि शासन और मुक्त चुनाव सुनिश्चित करता है, जैसे कि हाल के आम चुनाव में देखा गया।
सारांश में, प्रस्तावना भारतीय लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को स्पष्ट करती है और देश की नीति-निर्माण को मार्गदर्शन प्रदान करती है।
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भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका **1. मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), 1993 में स्थापित, मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए जिम्मेदार है। यह शिकायतों और आरोपों की जांच करता है, जैसे पुलिस अत्याचार और कैदियों की मौत। **2. सलाहकारी भूमिका NHRC सरकRead more
भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका
**1. मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), 1993 में स्थापित, मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए जिम्मेदार है। यह शिकायतों और आरोपों की जांच करता है, जैसे पुलिस अत्याचार और कैदियों की मौत।
**2. सलाहकारी भूमिका
NHRC सरकार को नीति बदलाव और कानूनी सुधारों पर सिफारिशें प्रदान करता है। हाल ही में, इसने सजायाफ्ता कैदियों की स्थिति में सुधार के लिए सिफारिश की है।
**3. जन जागरूकता और शिक्षा
NHRC जन जागरूकता बढ़ाने और शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रचार अभियान, सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। बाल श्रम और मानव तस्करी के खिलाफ अभियान इसका उदाहरण हैं।
**4. निगरानी और जवाबदेही
NHRC मानवाधिकार मानदंडों की निगरानी करता है और राज्य एजेंसियों की जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
सारांश में, NHRC मानवाधिकार सुरक्षा, सलाहकारी भूमिका, जन जागरूकता, और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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