भारत सरकार अधिनियम 1935 में उल्लिखित निर्देशों के दस्तावेज (इंस्टूमेन्ट ऑफ इंस्ट्रक्शन्स) भारत के संविधान में 1950 में किस रूप में समाहित किए गए?
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव **1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।Read more
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव
**1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
**2. विकास पर प्रभाव:
- आधारभूत संरचना और आर्थिक विकास: इस कदम के बाद केंद्र सरकार की निवेश में वृद्धि हुई है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और जोझिला पास टनल जैसे परियोजनाओं के माध्यम से कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक नीतियाँ भी लागू की जा रही हैं ताकि स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके।
- पर्यटन और रोजगार: क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बेहतर बनाने और रोजगार अवसरों को बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- शासन और प्रशासनिक सुधार: प्रत्यक्ष केंद्रीय प्रशासन के तहत शासन सुधार और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की संभावना है, जिससे क्षेत्र की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार हो सकता है।
**3. चुनौतियाँ और चिंताएँ:
- सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता: बढ़ती सुरक्षा की ज़रूरत और राजनीतिक अस्थिरता विकास की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
- स्थानीय संवेदनाएँ: स्वायत्तता की हानि की भावना स्थानीय सहयोग और स्वीकृति को प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष: धारा 370 की समाप्ति जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आधारभूत संरचना, आर्थिक निवेश, और शासन सुधार के माध्यम से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सुरक्षा और स्थानीय संवेदनाओं के मुद्दों का समाधान भी करना होगा।
See less
भारत सरकार अधिनियम 1935 में उल्लिखित निर्देशों के दस्तावेज (Instruments of Instructions) 1950 में भारत के संविधान में संविधान के अनुच्छेद 309 से 311 के रूप में समाहित किए गए। अनुच्छेद 309: यह अनुच्छेद सरकारी सेवा और कर्मचारियों के भर्ती, सेवा की शर्तों और अनुशासन पर शासन करने के लिए विधान बनाना का अRead more
भारत सरकार अधिनियम 1935 में उल्लिखित निर्देशों के दस्तावेज (Instruments of Instructions) 1950 में भारत के संविधान में संविधान के अनुच्छेद 309 से 311 के रूप में समाहित किए गए।
अनुच्छेद 309: यह अनुच्छेद सरकारी सेवा और कर्मचारियों के भर्ती, सेवा की शर्तों और अनुशासन पर शासन करने के लिए विधान बनाना का अधिकार राज्यों और केंद्र को प्रदान करता है। इसमें केंद्रीय और राज्य सरकारी सेवाओं की भर्ती, उनके कर्तव्य और अधिकारों का निर्धारण किया जाता है।
अनुच्छेद 310: यह अनुच्छेद भारत के सशस्त्र बलों और सिविल सेवा के कर्मचारियों के सेवाकाल की सुरक्षा से संबंधित है। इसके तहत यह कहा गया है कि सरकारी सेवा में किसी कर्मचारी को बिना कारण बताए निकालने की स्थिति में उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा।
अनुच्छेद 311: यह अनुच्छेद सरकारी कर्मचारियों की अनुशासन और अपील से संबंधित है। इसके तहत यह कहा गया है कि किसी कर्मचारी को बिना उचित कारण और बिना सुनवाई के नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है।
भारत सरकार अधिनियम 1935 में दिए गए दस्तावेज़ों और निर्देशों के इन बिंदुओं को संविधान में समाहित करके भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को और अधिक मजबूत और न्यायसंगत बनाया गया।
See less