इंफ्रास्ट्रक्बर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InviTs) क्या हैं? भारत की संवृद्धि और विकास में इसके महत्व की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में पीपीपी मॉडल के अधीन विमानपत्तनों के विकास: **1. पीपीपी के माध्यम से विकास: सफल परियोजनाएँ: भारत ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत कई विमानपत्तनों के विकास में सफलता देखी है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (दिल्ली) और राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (हैदराबाद) इसकRead more
भारत में पीपीपी मॉडल के अधीन विमानपत्तनों के विकास:
**1. पीपीपी के माध्यम से विकास:
- सफल परियोजनाएँ: भारत ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत कई विमानपत्तनों के विकास में सफलता देखी है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (दिल्ली) और राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (हैदराबाद) इसके प्रमुख उदाहरण हैं। इन परियोजनाओं ने आधारभूत संरचना में सुधार, यात्री सेवाओं को बेहतर बनाया और कनेक्टिविटी को बढ़ाया।
- हालिया उदाहरण: जीएमआर-नेतृत्व वाली कंसोर्टियम ने दिल्ली और हैदराबाद के विमानपत्तनों का विकास और प्रबंधन किया है, जिससे क्षमता और आधुनिक सुविधाओं में वृद्धि हुई है।
**2. चुनौतियाँ:
**1. भूमि अधिग्रहण की समस्याएँ:
- चुनौतियाँ: विमानपत्तन विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण अक्सर कानूनी विवादों और स्थानीय समुदायों के विरोध का सामना करता है। उदाहरण के लिए, मुंबई विमानपत्तन के विस्तार योजनाएँ भूमि अधिग्रहण चुनौतियों के कारण बाधित हुई हैं।
**2. नियमिती बाधाएँ:
- जटिल नियम: कई अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त करना और जटिल नियमों को पार करना परियोजनाओं में देरी का कारण बन सकता है। नियमों में देरी ने कुछ विमानपत्तन विकास योजनाओं की समयसीमा को प्रभावित किया है।
**3. आर्थिक स्थिरता:
- वित्तीय मुद्दे: निवेश और राजस्व सृजन से जुड़ी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कोच्चि विमानपत्तन की वित्तीय स्थिरता को शुरूआती चरणों में आलोचना का सामना करना पड़ा।
**4. ऑपरेशनल दक्षता:
- संपर्क और समन्वय: सार्वजनिक और निजी भागीदारों के बीच समन्वय बनाए रखना और संचालन दक्षता बनाए रखना कठिन हो सकता है, जिससे सेवा गुणवत्ता और परियोजना समयसीमा प्रभावित होती है।
इस प्रकार, पीपीपी मॉडल ने भारत में विमानपत्तन विकास को आगे बढ़ाया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण, नियामक बाधाएँ, वित्तीय स्थिरता, और ऑपरेशनल दक्षता जैसी चुनौतियों का समाधान आवश्यक है।
See less
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InviTs) एक प्रकार का वित्तीय उपकरण हैं, जो निवेशकों को इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में हिस्सेदारी खरीदने का अवसर प्रदान करते हैं। ये ट्रस्ट्स सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होते हैं और मुख्यतः बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, जैसे कि सड़कों, पुलों, और ऊर्जा परियोजनाओRead more
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InviTs) एक प्रकार का वित्तीय उपकरण हैं, जो निवेशकों को इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में हिस्सेदारी खरीदने का अवसर प्रदान करते हैं। ये ट्रस्ट्स सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होते हैं और मुख्यतः बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, जैसे कि सड़कों, पुलों, और ऊर्जा परियोजनाओं, में निवेश करते हैं। InviTs निवेशकों को नियमित आय और दीर्घकालिक पूंजी लाभ प्रदान करने के साथ-साथ स्थिरता और पारदर्शिता का आश्वासन भी देते हैं।
भारत में, InviTs की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में पूंजी की कमी को पूरा करने में सहायक होते हैं। भारत को तेजी से विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है, और इसके लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है। InviTs के माध्यम से, सरकार और निजी क्षेत्र को परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहयोग मिलता है, जिससे विकास योजनाओं की गति बढ़ती है और समग्र आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
InviTs के माध्यम से संसाधनों की कुशलतापूर्वक व्यवस्था और दीर्घकालिक निवेश की सुविधा से, भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव को सुदृढ़ किया जा सकता है, जो देश की आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
See less