पीएम गति शक्ति योजना के स्तम्भों को बताइये आपके विचार में क्या इससे प्रतियोगिता नेयाविष्ठ संयोजकता जनित होगी ? विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
विशेष आर्थिक ज़ोन (एस.ई.जेड.) की सफलता के मुद्दे: कराधान, नियंत्रक कानून और प्रशासन परिचय विशेष आर्थिक ज़ोन (एस.ई.जेड.) औद्योगिक विकास, विनिर्माण और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं। हालांकि, इनकी सफलता कुछ प्रमुख मुद्दों के कारण प्रभावित हो रही है। कराधान संबंधित मुद्दे जटिल कराधान संरचना: एस.ई.Read more
विशेष आर्थिक ज़ोन (एस.ई.जेड.) की सफलता के मुद्दे: कराधान, नियंत्रक कानून और प्रशासन
परिचय विशेष आर्थिक ज़ोन (एस.ई.जेड.) औद्योगिक विकास, विनिर्माण और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं। हालांकि, इनकी सफलता कुछ प्रमुख मुद्दों के कारण प्रभावित हो रही है।
कराधान संबंधित मुद्दे
- जटिल कराधान संरचना: एस.ई.जेड. में कराधान की जटिल संरचना एक बड़ी चुनौती है। उदाहरण के लिए, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जी.एस.टी.) ने कर क्रेडिट और रिफंड्स के मामलों में भ्रम उत्पन्न किया है, जिससे ऑपरेशनल लागत बढ़ गई है।
- असंगत कर लाभ: एस.ई.जेड. को कर लाभ प्रदान किए जाते हैं, लेकिन ये लाभ असंगत होते हैं। सीएजी की 2019 की रिपोर्ट ने कर छूट में कुछ कमी और अनियमितताओं को उजागर किया है।
नियंत्रक कानूनों के मुद्दे
- कानूनी अस्पष्टता: एस.ई.जेड. के लिए कानूनी ढांचा अक्सर अस्पष्ट होता है। एस.ई.जेड. नियम, 2006 की आलोचना की गई है क्योंकि इसमें कई अस्पष्ट प्रावधान हैं, जिससे कानूनी विवाद और ऑपरेशनल देरी उत्पन्न होती है।
- अनुपालन का बोझ: एस.ई.जेड. को विभिन्न नियामक ढांचों का अनुपालन करना पड़ता है, जो कि बोझिल हो सकता है। श्रम और पर्यावरण संबंधी कानूनों के साथ ओवरलैप की वजह से अनुपालन की जटिलताएँ बढ़ जाती हैं।
प्रशासनिक मुद्दे
- अप्रभावी प्रशासन: एस.ई.जेड. के प्रशासन में अक्सर कमी होती है। अनुमोदनों में देरी और अवसंरचना की कमी से विकास प्रभावित होता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की 2018 की रिपोर्ट ने प्रशासनिक समस्याओं को उजागर किया है।
- समन्वय की कमी: विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी होती है, जिससे नौकरशाही में देरी होती है। भूमि अधिग्रहण और उपयोगिता की समस्याएँ आम हैं, जो एस.ई.जेड. की सुचारू कार्यप्रणाली में बाधा डालती हैं।
निष्कर्ष एस.ई.जेड. की सफलता के लिए कराधान प्रणाली की पुनरावृत्ति, नियंत्रक कानूनों में स्पष्टता और प्रशासनिक दक्षता में सुधार आवश्यक है। इन मुद्दों को सुलझाकर एस.ई.जेड. को औद्योगिक विकास और निर्यात में अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
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पीएम गति शक्ति योजना के स्तम्भ और उनकी विवेचना स्तम्भ: आधारभूत ढांचा: सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, और हवाई अड्डों का एकीकृत विकास, जो “राष्ट्रीय मास्टर प्लान” के तहत किया जाएगा। समन्वय और एकीकरण: विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग। प्रौद्योगRead more
पीएम गति शक्ति योजना के स्तम्भ और उनकी विवेचना
स्तम्भ:
विचार: पीएम गति शक्ति योजना से प्रतिस्पर्धात्मकता और संयोजकता में वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि यह आधारभूत ढांचा और विभिन्न क्षेत्रों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करती है। यह योजना क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर लॉजिस्टिक कुशलता को बढ़ाकर व्यापार और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगी। सड़क, रेलवे, और अन्य परिवहन नेटवर्क के एकीकृत विकास से आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता बढ़ेगी, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
इस प्रकार, योजना भारत में समग्र संयोजकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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