“तीव्रतर एवं समावेशी आर्थिक संवृद्धि के लिए आधारिक-अवसंरचना में निवेश आवश्यक है।” भारतीय अनुभव के परिप्रेक्ष्य में विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
मानव बस्तियों का पुनर्वास: विवाद और समाधान परिचय बड़ी परियोजनाओं के नियोजन के दौरान मानव बस्तियों का पुनर्वास एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक संघात होता है, जो अक्सर विवाद का कारण बनता है। इस संघात को कम करने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता होती है। उपाय सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन: परियोजना से पूर्व व्यापRead more
मानव बस्तियों का पुनर्वास: विवाद और समाधान
परिचय बड़ी परियोजनाओं के नियोजन के दौरान मानव बस्तियों का पुनर्वास एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक संघात होता है, जो अक्सर विवाद का कारण बनता है। इस संघात को कम करने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता होती है।
उपाय
- सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन: परियोजना से पूर्व व्यापक सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (SIA) किया जाना चाहिए। जैसे कि अमरेली जिले में सौर ऊर्जा परियोजना के लिए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन ने प्रभावित समुदायों की समस्याओं को समझने में मदद की।
- हितधारकों की भागीदारी: प्रभावित समुदायों को योजना में शामिल करना आवश्यक है। नर्मदा बचाओ आंदोलन ने प्रभावित लोगों की भागीदारी की आवश्यकता को उजागर किया, जो पुनर्वास को अधिक प्रभावी बनाता है।
- पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना: एक ठोस पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना तैयार करना महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीति, 2007 के तहत प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा, आवास, और आजीविका सहायता प्रदान की जाती है।
- मुआवजा और आजीविका समर्थन: उचित मुआवजा और वैकल्पिक आजीविका के अवसर प्रदान करना आवश्यक है। महाराष्ट्र राज्य खनिज नीति 2011 के अंतर्गत विस्थापित समुदायों को मुआवजा और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- पर्यावरणीय पुनर्स्थापन: पुनर्वास के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरणीय पुनर्स्थापन के उपाय अपनाना आवश्यक है। हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन परियोजनाएं बड़े पैमाने पर परियोजनाओं से प्रभावित क्षेत्रों के पर्यावरणीय पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
निष्कर्ष मानव बस्तियों के पुनर्वास के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को कम करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जिसमें गहन मूल्यांकन, समुदाय की भागीदारी, और प्रभावी पुनर्वास योजनाएं शामिल हैं।
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आधारिक-अवसंरचना में निवेश और समावेशी आर्थिक संवृद्धि आधारिक-अवसंरचना का महत्व: आधारिक-अवसंरचना में निवेश आर्थिक संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाता है, रोजगार सृजन करता है, और समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह आर्थिक विकास के लिए एक मजबूतRead more
आधारिक-अवसंरचना में निवेश और समावेशी आर्थिक संवृद्धि
आधारिक-अवसंरचना का महत्व: आधारिक-अवसंरचना में निवेश आर्थिक संवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्पादन और वितरण क्षमताओं को बढ़ाता है, रोजगार सृजन करता है, और समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
भारतीय अनुभव:
चुनौतियाँ और सुझाव:
निष्कर्ष: भारत में आधारिक अवसंरचना में निवेश ने समावेशी आर्थिक संवृद्धि को प्रोत्साहित किया है, लेकिन असमान विकास और वित्तीय चुनौतियों को संबोधित करने के लिए सतत और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। यह निवेश न केवल आर्थिक विकास को तेज करता है बल्कि सामाजिक समावेश और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
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