भारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र, फसल बीमा की आवश्यकता की विवेचना कीजिए और प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पी० एम० एफ० बी० वाइ०) की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
परिचय स्वतंत्रता के बाद, भारत में कई कृषि क्रांतियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन क्रांतियों ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग बढ़ाया, जिससे आत्मनिर्भरता हासिल की गई। कृषि में आई प्रमुख क्रांतियाँ हरित क्रांRead more
परिचय
स्वतंत्रता के बाद, भारत में कई कृषि क्रांतियों ने कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन क्रांतियों ने कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग बढ़ाया, जिससे आत्मनिर्भरता हासिल की गई।
कृषि में आई प्रमुख क्रांतियाँ
- हरित क्रांति (1960 के दशक)
यह क्रांति उच्च उत्पादकता वाले बीजों (HYV), रासायनिक उर्वरकों और सिंचाई प्रौद्योगिकियों पर आधारित थी। पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल का उत्पादन बढ़ा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ और अकाल की स्थितियों से बचा गया। - श्वेत क्रांति (1970 के दशक)
इसे ऑपरेशन फ्लड के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत दूध उत्पादन में वृद्धि की गई और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया गया। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के अवसर प्रदान करने में सहायक रहा। - नीली क्रांति
यह मत्स्य उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए शुरू की गई, जिससे प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ी और तटीय एवं आंतरिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े। - पीली क्रांति
इसका उद्देश्य तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना था, जिससे सरसों और सूरजमुखी के तेल के उत्पादन में वृद्धि हुई और खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम हुई। - गुलाबी क्रांति
यह मांस और पोल्ट्री उत्पादन में वृद्धि के लिए शुरू की गई, जिससे प्रोटीन की आपूर्ति बढ़ी और निर्यात क्षेत्र को समर्थन मिला।
गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव
इन क्रांतियों ने कृषि उत्पादन में वृद्धि कर खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया और रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर गरीबी उन्मूलन में मदद की। विशेष रूप से हरित और श्वेत क्रांति ने ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाई और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त किया।
निष्कर्ष
इन कृषि क्रांतियों ने भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया और गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र फसल बीमा की आवश्यकता भारतीय कृषि मौसम की अनिश्चितताओं जैसे बाढ़, सूखा, और असामयिक वर्षा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसलिए, फसल बीमा की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है: वित्तीय सुरक्षा फसल बीमा प्राकृतिक आपदाओं के कRead more
भारतीय कृषि की प्रकृति की अनिश्चितताओं पर निर्भरता के मद्देनज़र फसल बीमा की आवश्यकता
भारतीय कृषि मौसम की अनिश्चितताओं जैसे बाढ़, सूखा, और असामयिक वर्षा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसलिए, फसल बीमा की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है:
फसल बीमा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल की हानि से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान को कम करने में मदद मिलती है। 2020 के असामयिक वर्षा के दौरान फसल बीमा ने प्रभावित किसानों को राहत प्रदान की।
बीमा किसानों को जोखिम प्रबंधन में सहायता करता है, जिससे वे नई प्रौद्योगिकियों और कृषि पद्धतियों में निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2022 के पंजाब में बर्फबारी के बाद बीमा कवरेज ने किसानों की मदद की।
फसल बीमा से आय स्थिरता बनी रहती है, और आपदा के बाद भी कृषि गतिविधियां जारी रहती हैं।
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) की मुख्य विशेषताएँ
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को 2016 में लॉन्च किया गया, और इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
PMFBY प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, और रोगों के कारण होने वाली फसल हानि को कवर करता है। 2021 में महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना के तहत मुआवजा प्रदान किया गया।
किसानों को कम प्रीमियम देना होता है, जबकि सरकार बाकी की लागत का भुगतान करती है। उदाहरण के लिए, किसानों को खरीफ फसलों के लिए केवल 1.5% प्रीमियम देना होता है।
योजना में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जैसे सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन तकनीक, जिससे दावे की प्रक्रिया सरल और तेजी से की जाती है।
PMFBY पारदर्शिता और आसान पहुँच पर जोर देती है, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को लक्षित करती है।
निष्कर्ष
फसल बीमा भारतीय कृषि में प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है। PMFBY इसके लिए एक समग्र और प्रभावी योजना प्रदान करती है, जो किसानों को वित्तीय सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन, और आय स्थिरता प्रदान करती है।
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