राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधनों का उल्लेख करें। खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु किन सुधारों की आवश्यकता हैं, समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उनके समाधान चुनौतियाँ: जनसंख्या वृद्धि: तेजी से बढ़ती जनसंख्या खाद्य मांग को बढ़ा रही है। 2030 तक भारत की जनसंख्या 1.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो खाद्य सुरक्षा पर दबाव डालती है। जलवायु परिवर्तन: चरम मौसम घटनाएँ जैसे बाढ़ और सूखा फसल उत्पादन को प्रभावित करतRead more
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उनके समाधान
चुनौतियाँ:
- जनसंख्या वृद्धि: तेजी से बढ़ती जनसंख्या खाद्य मांग को बढ़ा रही है। 2030 तक भारत की जनसंख्या 1.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो खाद्य सुरक्षा पर दबाव डालती है।
- जलवायु परिवर्तन: चरम मौसम घटनाएँ जैसे बाढ़ और सूखा फसल उत्पादन को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, 2020 में भारी बारिश और बाढ़ ने कई राज्यों में फसलें नष्ट कर दीं, जिससे खाद्य आपूर्ति प्रभावित हुई।
- कृषि में असमर्थता: पुरानी खेती की तकनीकें और तकनीकी निवेश की कमी कृषि उत्पादन को प्रभावित करती है। कई किसान पारंपरिक तरीकों पर निर्भर हैं, जिससे संसाधनों का प्रभावी उपयोग नहीं हो पाता।
- गरीबी और असमानता: ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग गरीब हैं और उनके पास पर्याप्त खाद्य पदार्थों की पहुंच नहीं है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत की लगभग 22% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है।
समाधान:
- तकनीकी उन्नति: आधुनिक कृषि तकनीकों और जीन संवर्धित फसलों में निवेश से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, उच्च उपज वाले फसल किस्में उत्पादकता बढ़ा सकती हैं।
- जलवायु-प्रतिरोधी फसलें: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए जलवायु-प्रतिरोधी फसलों का विकास और प्रचार आवश्यक है। राष्ट्रीय कृषि स्थिरता मिशन जैसी पहल फसल प्रतिरोध में सुधार पर ध्यान केंद्रित करती है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार: खाद्य भंडारण और परिवहन ढांचे में सुधार से फसल कटाई के बाद की हानि को कम किया जा सकता है। ठंडे भंडारण सुविधाओं और कुशल आपूर्ति श्रृंखलाओं में निवेश महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक कल्याण कार्यक्रम: सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार और सुधार गरीबों के लिए बेहतर खाद्य पहुंच सुनिश्चित कर सकता है। हाल के सुधार पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
निष्कर्ष: भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को हल करने के लिए तकनीकी नवाचार, जलवायु अनुकूलन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, और प्रभावी सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की आवश्यकता है। इन उपायों को लागू करके खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है और सभी नागरिकों को पर्याप्त और पोषक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वालेRead more
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान
परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है, जो खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य प्रावधान:
खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक सुधार:
निष्कर्ष: हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 ने भारत में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन कुपोषण जैसी चुनौतियों से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सुधार और प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता है कि लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचे।
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