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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधनों का उल्लेख करें। खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु किन सुधारों की आवश्यकता हैं, समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वालेRead more
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान
परिचय: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 का उद्देश्य खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो सके। यह अधिनियम गरीबों को कानूनी अधिकार के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है, जो खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य प्रावधान:
खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक सुधार:
निष्कर्ष: हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 ने भारत में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन कुपोषण जैसी चुनौतियों से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर सुधार और प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता है कि लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचे।
See lessभारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों की व्याख्या कीजिये। उन्हें कैसे दूर किया जा सकता हैं? समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2019]
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उनके समाधान चुनौतियाँ: जनसंख्या वृद्धि: तेजी से बढ़ती जनसंख्या खाद्य मांग को बढ़ा रही है। 2030 तक भारत की जनसंख्या 1.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो खाद्य सुरक्षा पर दबाव डालती है। जलवायु परिवर्तन: चरम मौसम घटनाएँ जैसे बाढ़ और सूखा फसल उत्पादन को प्रभावित करतRead more
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उनके समाधान
चुनौतियाँ:
समाधान:
निष्कर्ष: भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को हल करने के लिए तकनीकी नवाचार, जलवायु अनुकूलन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, और प्रभावी सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की आवश्यकता है। इन उपायों को लागू करके खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है और सभी नागरिकों को पर्याप्त और पोषक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।
See lessराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? खाद्य सुरक्षा विधेयक ने भारत में भूख तथा कुपोषण को दूर करने में किस प्रकार सहायता की है ? (250 words) [UPSC 2021]
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मुख्य विशेषताएँ 1. कवरेज और अधिकार: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013, का उद्देश्य लगभग 75% ग्रामीण जनसंख्या और 50% शहरी जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। अधिनियम पात्र घरों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्य अनाज कीRead more
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मुख्य विशेषताएँ
1. कवरेज और अधिकार: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013, का उद्देश्य लगभग 75% ग्रामीण जनसंख्या और 50% शहरी जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। अधिनियम पात्र घरों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्य अनाज की आपूर्ति करता है, जिसमें चावल ₹3/kg, गेहूं ₹2/kg, और मोटे अनाज ₹1/kg की दर पर उपलब्ध हैं।
2. प्राथमिक और अंत्योदय अन्न योजना: यह अधिनियम दो श्रेणियों के लाभार्थियों को निर्दिष्ट करता है:
3. पोषण सहायता: अधिनियम गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और बच्चों को पोषण सहायता प्रदान करने की व्यवस्था करता है। मिड-डे मील योजना और एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के तहत मुफ्त भोजन और पोषणयुक्त भोजन प्रदान किया जाता है।
4. शिकायत निवारण तंत्र: खाद्य वितरण और अधिकारों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए राज्य खाद्य आयोग जैसे शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना की गई है।
5. कानूनी अधिकार: यह अधिनियम खाद्य अधिकार को एक कानूनी अधिकार बनाता है, जिसे कानूनी ढांचे के माध्यम से लागू किया जा सकता है।
भूख और कुपोषण को दूर करने में खाद्य सुरक्षा विधेयक की सहायता
1. भूख में कमी: NFSA ने भूख को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। NFHS-5 के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि निम्न-आय वाले घरानों के लिए खाद्य सुरक्षा में सुधार हुआ है।
2. पोषण सुधार: मिड-डे मील योजना और ICDS के अंतर्गत पोषणयुक्त भोजन देने से बच्चों और महिलाओं के पोषण में सुधार हुआ है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, कुपोषण दरें कम हुई हैं।
3. खाद्य वितरण में सुधार: NFSA ने खाद्य वितरण तंत्र को सुव्यवस्थित किया है, जिससे अनाज की चोरी और गड़बड़ी कम हुई है। कई राज्यों में आधार आधारित बायोमैट्रिक सिस्टम का उपयोग करके पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
चुनौतियाँ और सुधार की दिशा: फिर भी, कार्यांवयन की समस्याएँ, अपर्याप्त भंडारण सुविधाएँ, और खाद्य अपव्यय जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। सरकार इन समस्याओं को बेहतर प्रबंधन प्रथाओं और सुधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से संबोधित कर रही है।
निष्कर्ष: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 ने भारत में भूख और कुपोषण को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन कार्यांवयन की समस्याओं को दूर करने और अधिनियम की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
See lessभारत में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी क्या हैं? विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू० टी० ओ०) द्वारा उठाए गए कृषि सब्सिडी संबंधित मुद्दों की विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2023]
भारत में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी प्रत्यक्ष सब्सिडी: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): MSP एक महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष सब्सिडी है जिसमें सरकार कुछ फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देती है। उदाहरण के लिए, 2023 में गेहूं का MSP ₹2,125 प्रति क्विंटल था। सब्सिडी वालRead more
भारत में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी
प्रत्यक्ष सब्सिडी:
अप्रत्यक्ष सब्सिडी:
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू० टी० ओ०) द्वारा उठाए गए मुद्दे:
संक्षेप में, जबकि सब्सिडी भारतीय कृषि क्षेत्र को समर्थन प्रदान करती हैं, ये डब्ल्यू० टी० ओ० के नियमों के तहत महत्वपूर्ण समस्याएँ भी उत्पन्न करती हैं, विशेषकर व्यापार विकृति और स्थिरता के मुद्दों के संदर्भ में।
See less"खाद्य सुरक्षा हेतु विभिन्न उपायों के बावजूद वृहत चुनौतियाँ बनी हुई हैं।" भारत के सन्दर्भ में व्याख्या कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उपाय खाद्य सुरक्षा की स्थिति भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। भोजन की उपलब्धता: भारत में अन्नपूर्ण योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) जैसे कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। ‘प्Read more
भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ और उपाय
खाद्य सुरक्षा की स्थिति
भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने ‘फूड सिक्योरिटी सर्वे’ पेश किया, जिसमें खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर हाल की प्रगति और समस्याओं की समीक्षा की गई है। इस सर्वे ने खाद्य वितरण में सुधार और अधिक प्रभावी उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
See lessयद्यपि कृषि सब्सिडी ने किसानों की आय में वृद्धि की है, तथापि इन्होंने पर्यावरणीय निम्नीकरण और जैव विविधता के ह्रास में भी योगदान दिया है। भारत के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दें)
कृषि सब्सिडी ने भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण और जैव विविधता को भी प्रभावित किया गया है। सब्सिडी के प्राप्तकर्ताओं ने उन्हें उन्नत तकनीकी उपकरण और कृषि तकनीकियों तक पहुंचाने में मदद की है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है। इससे विभिन्न फसलों की उत्पादकतRead more
कृषि सब्सिडी ने भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण और जैव विविधता को भी प्रभावित किया गया है। सब्सिडी के प्राप्तकर्ताओं ने उन्हें उन्नत तकनीकी उपकरण और कृषि तकनीकियों तक पहुंचाने में मदद की है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है। इससे विभिन्न फसलों की उत्पादकता में सुधार और अन्न स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ा है।
हालांकि, सब्सिडी के प्रयोग में वृद्धि ने पर्यावरणीय निम्नीकरण और जैव विविधता को प्रभावित किया है। कृषि सब्सिडी की अधिक उपयोगिता के लिए किसानों ने अधिक खेती की, जिससे भूमि के अधिक उपयोग, जल प्रयोग और उपयोगिता की भी वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप, भूमि की उपयोगिता में बढ़ोतरी, जल संकट, और जैव विविधता के ह्रास की मुश्किलें उत्पन्न हुई हैं।
इस संदर्भ में, भारत को सुदृढ़ और समर्थनयोग्य कृषि नीतियों की आवश्यकता है जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारते हुए पर्यावरणीय समृद्धि और जैव विविधता की सुरक्षा कर सके। सब्सिडी के सही उपयोग, उचित मूल्य निर्धारण, और जल संरक्षण के लिए नई तकनीकों का प्रयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि कृषि के सहायक कार्यों के साथ पर्यावरण और जैव विविधता को भी संरक्षित किया जा सके।
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