अभिशासन के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में ई-शासन ने सरकारों में प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेयता का आगाज कर दिया है। कौन-सी अपर्याप्तताएं इन विशेषताओं की अभिवृद्धि में बाधा बनती हैं ? (150 words)[UPSC 2023]
ई-गवर्नेन्स: परिभाषा और स्पष्टता ई-गवर्नेन्स का तात्पर्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से सरकारी प्रक्रियाओं, सेवाओं, और नागरिकों के साथ बातचीत को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने से है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रशासन की क्षमता, पारदर्शिता, और सुलभता को बढ़ाना है। ई-गवRead more
ई-गवर्नेन्स: परिभाषा और स्पष्टता
ई-गवर्नेन्स का तात्पर्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से सरकारी प्रक्रियाओं, सेवाओं, और नागरिकों के साथ बातचीत को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने से है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रशासन की क्षमता, पारदर्शिता, और सुलभता को बढ़ाना है।
ई-गवर्नेन्स की विशेषताएं
- डिजिटल सेवा वितरण: e-District पोर्टल जैसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से प्रमाणपत्र और लाइसेंस जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे भौतिक दफ्तरों में जाने की आवश्यकता कम होती है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: RTI Online Portal जैसे उपकरण नागरिकों को सूचना के अधिकार के तहत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा देते हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
- डेटा एकीकरण: आधार जैसे सिस्टम विभिन्न सरकारी डेटाबेस को एकीकृत करते हैं, जिससे सेवा वितरण में सुधार होता है और डुप्लिकेशन कम होता है।
ई-गवर्नेन्स के लाभ
- बढ़ी हुई दक्षता: GST नेटवर्क (GSTN) जैसे स्वचालित सिस्टम कर प्रोसेसिंग को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे मैनुअल त्रुटियाँ और प्रोसेसिंग समय कम होता है।
- सुलभता: सेवाओं को 24/7 ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी सुलभता बढ़ती है।
- लागत में कमी: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म कागज, भौतिक भंडारण, और व्यक्तिगत संपर्क की लागत को कम करते हैं।
ई-गवर्नेन्स की चुनौतियाँ
- डिजिटल विभाजन: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की असमान पहुँच ई-गवर्नेन्स पहलों की पहुंच को सीमित करती है।
- साइबर सुरक्षा खतरे: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता संवेदनशील डेटा को साइबर हमलों और उल्लंघनों के प्रति असुरक्षित बनाती है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर की समस्याएँ: कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे की कमी प्रभावी ई-गवर्नेन्स कार्यान्वयन में बाधा डालती है।
इन चुनौतियों का समाधान करना ई-गवर्नेन्स के लाभों को अधिकतम करने और सरकारी सेवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ "डिजिटल विभाजन": ई-शासन के प्रभावी कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा डिजिटल विभाजन है। ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच और डिजिटल साक्षरता की कमी से लोग सरकारी सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते। "तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर समस्याएँ":Read more
ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ
निष्कर्ष: इन अपर्याप्तताओं को दूर करना आवश्यक है ताकि ई-शासन के द्वारा सरकार की प्रभावशीलता, पारदर्शिता, और जवाबदेही को बढ़ाया जा सके और नागरिकों को बेहतर सेवाएँ मिल सकें।
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