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ई-सरकार और ई-शासन के मध्य प्रमुख अन्तर क्या है?
ई-सरकार और ई-शासन के मध्य प्रमुख अन्तर ई-सरकार (E-Government) और ई-शासन (E-Governance) दोनों ही डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सरकारी कार्यों और सेवाओं में सुधार करने के उद्देश्य से अपनाए जाते हैं, लेकिन उनके उद्देश्य और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण अंतर हैं। 1. ई-सरकार (E-GovernmeRead more
ई-सरकार और ई-शासन के मध्य प्रमुख अन्तर
ई-सरकार (E-Government) और ई-शासन (E-Governance) दोनों ही डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सरकारी कार्यों और सेवाओं में सुधार करने के उद्देश्य से अपनाए जाते हैं, लेकिन उनके उद्देश्य और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण अंतर हैं।
1. ई-सरकार (E-Government)
2. ई-शासन (E-Governance)
3. प्रमुख अन्तर
निष्कर्ष
ई-सरकार और ई-शासन दोनों ही डिजिटल युग में प्रशासनिक सुधार के महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण और उद्देश्य में स्पष्ट अंतर है। ई-सरकार मुख्यतः सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, जबकि ई-शासन शासन की प्रक्रिया, पारदर्शिता, और नागरिक सहभागिता में सुधार पर ध्यान देता है। इन दोनों के समन्वित उपयोग से एक प्रभावी और नागरिक-केंद्रित प्रशासनिक प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
See lessई-गवर्नेन्स को स्पष्ट कीजिये। ई-गवर्नेन्स की विशेषताएं एव लाभ का उल्लेख कीजिये। इसके सम्मुख मुख्य चुनौतियाँ क्या हैं? (200 Words) [UPPSC 2018]
ई-गवर्नेन्स: परिभाषा और स्पष्टता ई-गवर्नेन्स का तात्पर्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से सरकारी प्रक्रियाओं, सेवाओं, और नागरिकों के साथ बातचीत को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने से है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रशासन की क्षमता, पारदर्शिता, और सुलभता को बढ़ाना है। ई-गवRead more
ई-गवर्नेन्स: परिभाषा और स्पष्टता
ई-गवर्नेन्स का तात्पर्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से सरकारी प्रक्रियाओं, सेवाओं, और नागरिकों के साथ बातचीत को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने से है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रशासन की क्षमता, पारदर्शिता, और सुलभता को बढ़ाना है।
ई-गवर्नेन्स की विशेषताएं
ई-गवर्नेन्स के लाभ
ई-गवर्नेन्स की चुनौतियाँ
इन चुनौतियों का समाधान करना ई-गवर्नेन्स के लाभों को अधिकतम करने और सरकारी सेवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
See lessडिजिटल भारत का क्या अर्थ है? इसके विविध स्तंभों एवं चुनौतियों की विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
डिजिटल भारत: अर्थ, स्तंभ और चुनौतियाँ **1. अर्थ डिजिटल भारत 2015 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है। इसका फोकस ऑनलाइन अवसंरचना, ई-गवर्नेंस, और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने पर है। **2. डिजिटल भारत के स्तंभ *Read more
डिजिटल भारत: अर्थ, स्तंभ और चुनौतियाँ
**1. अर्थ
डिजिटल भारत 2015 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है। इसका फोकस ऑनलाइन अवसंरचना, ई-गवर्नेंस, और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने पर है।
**2. डिजिटल भारत के स्तंभ
**a. प्रत्येक नागरिक के लिए अवसंरचना
यह स्तंभ उच्च गति इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है, विशेषकर गाँवों में। भारतनेट और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
**b. गवर्नेंस और सेवाएँ ऑन डिमांड
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए आधार, ई-हॉस्पिटल, और डिजिटल सर्टिफिकेट्स जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। PMGDISHA डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देती है।
**c. नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण
डिजिटल साक्षरता और स्किल्स को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल साक्षरता अभियान और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
**d. डिजिटल अर्थव्यवस्था
डिजिटल भुगतान और फिनटेक नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे UPI और ई-वॉलेट्स।
**3. चुनौतियाँ
**a. डिजिटल विभाजन
डिजिटल विभाजन एक बड़ी चुनौती है, जहाँ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अंतर बना हुआ है। हालाँकि भारतनेट ने प्रगति की है, लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी अभी भी सीमित है।
**b. साइबर सुरक्षा संकट
डिजिटल सेवाओं के विस्तार के साथ साइबर सुरक्षा संकट और डेटा गोपनीयता संबंधी चिंताएँ भी बढ़ रही हैं। हाल ही में जम्मू और कश्मीर डेटा लीक जैसे उदाहरण हैं।
**c. अवसंरचना और प्रशिक्षण
कुछ क्षेत्रों में अवसंरचना और डिजिटल साक्षरता की कमी प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा डालती है।
सारांश में, जबकि डिजिटल भारत योजना का लक्ष्य डिजिटल परिदृश्य को बदलना है, इसके स्तंभों में अवसंरचना, गवर्नेंस, सशक्तिकरण, और अर्थव्यवस्था शामिल हैं, चुनौतियाँ जैसे डिजिटल विभाजन, साइबर सुरक्षा और अवसंरचना की कमी को संबोधित करना आवश्यक है।
See lessई-गवर्नेस से संबंधित "उमंग योजना" की मुख्य विशेषताएं बताइए। (125 Words) [UPPSC 2022]
उमंग योजना की मुख्य विशेषताएं 1. एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म: उमंग (Unified Mobile Application for New-age Governance) ऐप 200+ सरकारी विभागों की 1,200 से अधिक सेवाओं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत करता है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जैसी सेवाएं शामिल हैं। 2. पहुंचयोग्यता: यह ऐप विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हRead more
उमंग योजना की मुख्य विशेषताएं
1. एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म:
उमंग (Unified Mobile Application for New-age Governance) ऐप 200+ सरकारी विभागों की 1,200 से अधिक सेवाओं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत करता है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जैसी सेवाएं शामिल हैं।
2. पहुंचयोग्यता:
यह ऐप विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे इसे विभिन्न क्षेत्रों के लोग आसानी से उपयोग कर सकते हैं। यह मोबाइल फोन, डेस्कटॉप और टैबलेट पर भी काम करता है, जिससे समावेशिता को बढ़ावा मिलता है।
3. डिजिटल सशक्तिकरण:
उमंग डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देता है, जिससे नागरिक कभी भी, कहीं भी विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, बिना किसी शारीरिक कार्यालय में जाए।
4. हाल के सुधार:
2023 में उमंग में EPFO, PAN और पासपोर्ट सेवा जैसी नई सेवाओं को जोड़ा गया है, जिससे इसकी उपयोगिता और बढ़ गई है।
5. सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव:
See lessयह ऐप सुरक्षित लेनदेन और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस प्रदान करता है, जिससे इसे उपयोग करना आसान और डेटा सुरक्षित रहता है।
ई-शासन ने प्रशासनिक तंत्र को किस सीमा तक अधिक नागरिक केंद्रित बनाया है? क्या ई-शासन प्रणाली को और अधिक सहभागी बनाया जा सकता है? (200 Words) [UPPSC 2020]
ई-शासन और नागरिक केंद्रित प्रशासनिक तंत्र 1. ई-शासन का प्रभाव: सुलभता और पारदर्शिता: ई-शासन ने प्रशासनिक सेवाओं को सुलभ और पारदर्शी बनाया है। आधिकारिक वेबसाइटें और मोबाइल एप्स के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं की जानकारी और सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि हुई है। उदाहरण के तौर पर, माय गवर्नमेंट और गवर्नमेंटRead more
ई-शासन और नागरिक केंद्रित प्रशासनिक तंत्र
1. ई-शासन का प्रभाव:
ई-शासन ने प्रशासनिक सेवाओं को सुलभ और पारदर्शी बनाया है। आधिकारिक वेबसाइटें और मोबाइल एप्स के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं की जानकारी और सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि हुई है। उदाहरण के तौर पर, माय गवर्नमेंट और गवर्नमेंट ई-मेल पोर्टल्स ने नागरिकों को पेशेवर तरीके से सेवाएं प्रदान की हैं।
ई-शासन ने रियली टाइम डेटा और शिकायत निवारण प्रणाली को सशक्त किया है। सुकन्या समृद्धि योजना और म्हारो गांव मेरा योगदान जैसी पहलें नागरिकों को सीधे प्रशासनिक तंत्र से जोड़ती हैं।
डिजिटल कक्षाएं और ऑनलाइन प्रशिक्षण ने शिक्षा और सूचना पहुंच को सुधार दिया है। ई-शिक्षा और डिजिटल लाइब्रेरी पहलें स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया के अंतर्गत आती हैं।
2. अधिक सहभागिता कैसे सुनिश्चित की जाए:
ई-शासन को अधिक सहभागी बनाने के लिए, डिजिटल साक्षरता और उन्नत इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना आवश्यक है। ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच को सुधारना आवश्यक है।
फीडबैक और सहभागिता के लिए ऑनलाइन मंच को सशक्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जनसुनवाई पोर्टल्स और सार्वजनिक मंचों को सशक्त करना, जिससे नागरिक प्रशासनिक निर्णयों में सक्रिय भागीदारी कर सकें।
डिजिटल सुरक्षा और निजता की सुनिश्चितता के लिए उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाने चाहिए, ताकि नागरिक सुरक्षित रूप से सेवाओं का उपयोग कर सकें।
निष्कर्ष:
See lessई-शासन ने प्रशासनिक तंत्र को अधिक नागरिक केंद्रित बनाया है, लेकिन इसे अधिक सहभागी बनाने के लिए डिजिटल साक्षरता, सुविधाजनक फीडबैक मंच, और नागरिक डेटा सुरक्षा को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करने और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का उपयोग किन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है: डिजिटल सेवाएं: ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि सरकारी पोर्टल्स और मोबाइल एप्स, नागरिकों को सेवाएं सीधे और त्वरित रूप से प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि पहचान पतRead more
लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:
इन प्रौद्योगिकियों का एकीकृत उपयोग सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक कुशल, पारदर्शी, और नागरिक-केंद्रित बना सकता है।
See lessग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी महत्वपूर्ण है।" टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों में नागरिक भागीदारी की महत्वता ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ई-गवर्नेस के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं और सूचनाओं की डिजिटल पहुंच से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सकती है। जानकारी और प्रशिक्Read more
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों में नागरिक भागीदारी की महत्वता
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ई-गवर्नेस के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं और सूचनाओं की डिजिटल पहुंच से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सकती है।
इस प्रकार, नागरिक भागीदारी ग्रामीण ई-गवर्नेस पहलों की सफलता और प्रभावशीलता के लिए एक प्रमुख तत्व है।
See lessई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी की शक्ति के उपयोग के बारे में नहीं है, अपितु इससे अधिक सूचना के 'उपयोग मूल्य' के क्रांतिक महत्य के बारे में है। स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2018]
ई-शासन और सूचना के 'उपयोग मूल्य' का महत्व ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग तक सीमित नहीं है; इसका एक प्रमुख पहलू सूचना के 'उपयोग मूल्य' को समझना और लागू करना भी है। सूचना की उपलब्धता: ई-शासन द्वारा नागरिकों को सरकार की सेवाओं और सूचनाओं तक सीधी और त्वरित पहुंच मिलती है। इससे पारदर्शिता बढ़ती हRead more
ई-शासन और सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ का महत्व
ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग तक सीमित नहीं है; इसका एक प्रमुख पहलू सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ को समझना और लागू करना भी है।
निष्कर्ष: ई-शासन में सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ का क्रांतिक महत्व होता है, क्योंकि यह केवल तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि नागरिकों की सेवाओं और शासन के सुधार में जानकारी के प्रभावी उपयोग को दर्शाता है।
See lessसूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं /कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आम तौर पर कुछ विशेष महत्वपूर्ण कारकों की दृष्टि से ठीक नहीं रहता है। इन कारकों की पहचान कीजिए और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपाय सुझाइए । (150 words) [UPSC 2019]
सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आमतौर पर निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करते हैं: 1. संसाधनों की कमी: आई.सी.टी. परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी अक्सर कार्यान्वयन में बाधा डालती है। उपाय: परियोजनाओं के लिए स्थिर वित्तीय आRead more
सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आमतौर पर निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करते हैं:
1. संसाधनों की कमी:
आई.सी.टी. परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी अक्सर कार्यान्वयन में बाधा डालती है।
उपाय: परियोजनाओं के लिए स्थिर वित्तीय आवंटन और संसाधन प्रबंधन की योजना बनानी चाहिए।
2. तकनीकी जटिलता:
नई तकनीकी प्रणालियों को अपनाना और उन्हें एकीकृत करना जटिल हो सकता है, जिससे प्रौद्योगिकी की उचित तैनाती में समस्याएँ आती हैं।
उपाय: प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ ताकि संबंधित कर्मी तकनीकी प्रणालियों को समझ सकें और सही तरीके से उपयोग कर सकें।
3. डिजिटल साक्षरता की कमी:
लोगों की डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण आई.सी.टी. परियोजनाओं का प्रभाव सीमित हो सकता है।
उपाय: व्यापक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए जाएँ।
4. प्रवर्तन और निगरानी की कमी:
परियोजनाओं की प्रगति पर निगरानी और प्रवर्तन की कमी से कार्यान्वयन में ढिलाई होती है।
उपाय: सख्त निगरानी तंत्र और प्रगति रिपोर्टिंग प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए।
इन उपायों के माध्यम से आई.सी.टी. आधारित परियोजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।
See less"चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचन कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
चौथी औद्योगिक क्रांति, जिसे डिजिटल क्रांति भी कहा जाता है, ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अनिवार्य हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डिजिटल क्रांति के प्रभाव: प्रभावशीलता और पारदर्शिता: ई-गवर्नेन्स के माध्यम से सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण ने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया है। यहRead more
चौथी औद्योगिक क्रांति, जिसे डिजिटल क्रांति भी कहा जाता है, ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अनिवार्य हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डिजिटल क्रांति के प्रभाव:
प्रभावशीलता और पारदर्शिता: ई-गवर्नेन्स के माध्यम से सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण ने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया है। यह भ्रष्टाचार और देरी को कम करता है, जिससे नागरिकों को त्वरित और प्रभावी सेवाएँ प्राप्त होती हैं।
सुलभता और समावेशिता: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने सरकार की सेवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाने में मदद की है। इससे नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं और सूचनाओं तक पहुँच आसान हो गई है।
डेटा विश्लेषण और नीति निर्माण: डिजिटल क्रांति ने डेटा संग्रहण और विश्लेषण को सरल बना दिया है, जिससे सरकार को सटीक जानकारी पर आधारित नीतियों को लागू करने में सहायता मिलती है।
सुरक्षा और निगरानी: आधुनिक तकनीकें सुरक्षा और निगरानी तंत्र को मजबूत बनाती हैं, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में सुधार होता है।
इन पहलुओं ने ई-गवर्नेन्स को न केवल एक प्रशासनिक टूल के रूप में बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली का अविभाज्य अंग बना दिया है, जिससे सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार हुआ है।
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