उत्तर लेखन के लिए रोडमैप 1. प्रस्तावना प्रस्तावना में आप PLI योजना का संक्षिप्त परिचय देंगे। इसमें योजना के बारे में प्राथमिक जानकारी और इसके उद्देश्य को शामिल करें। संदर्भ तथ्य उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 2020 में ...
मॉडल उत्तर परिचय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45%, निर्यात में 40%, और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में एक-तिहाई योगदान करता है। यह क्षेत्र लगभग 11.1 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। हालांकि, इस क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमताRead more
मॉडल उत्तर
परिचय
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45%, निर्यात में 40%, और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में एक-तिहाई योगदान करता है। यह क्षेत्र लगभग 11.1 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। हालांकि, इस क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने में कुछ चुनौतियाँ का सामना करना पड़ता है।
1. इंफ्रास्ट्रक्चर बाधाएँ
एमएसएमई क्लस्टर को उचित बुनियादी ढांचे का अभाव है, जो न केवल उनके दैनिक संचालन को प्रभावित करता है, बल्कि उनके भविष्य के विकास की संभावनाओं को भी सीमित करता है। इन क्षेत्रों में परिवहन, ऊर्जा और सूचना प्रणालियों की कमी देखी जाती है, जो व्यापार की रफ्तार को धीमा करती है।
2. क्रेडिट और फॉर्मलाइजेशन तक पहुँच
एमएसएमई क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा अनौपचारिक है, जिससे उनका क्रेडिट योग्यता आकलन करना कठिन हो जाता है। इसके कारण, इन उद्यमों को जोखिम पूंजी जुटाने में समस्या होती है, और उनका विकास रुक जाता है।
3. विलंबित भुगतान
एमएसएमई बड़े उद्योगों के लिए सहायक इकाई के रूप में काम करते हैं, लेकिन अक्सर इन्हें विलंबित भुगतान की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे उनकी नकदी प्रवाह पर असर पड़ता है, जिससे उनके लिए कामकाजी पूंजी जुटाना मुश्किल हो जाता है।
4. प्रतिस्पर्धा और पुरानी तकनीक
कई MSME पारंपरिक तरीकों और अप्रचलित तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो जाती है। नवाचार की कमी और अन्य क्षेत्रों में विकास की धीमी गति, इन उद्यमों को पिछड़ने का कारण बनती है|
सरकारी पहलें:
सरकार ने MSME क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं, जैसे SFURTI (पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए), ASPIRE (ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए), और क्रेडिट गारंटी फंड योजना। इन पहलाओं से MSME को वित्तीय मदद मिलती है, लेकिन इनका प्रभाव अधिकतम करने के लिए संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
MSME क्षेत्र भारतीय समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इस क्षेत्र को मजबूत और लचीला बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, क्रेडिट सुविधा, और तकनीकी नवाचार में सुधार की आवश्यकता है। सरकार की पहलें सकारात्मक हैं, लेकिन इस क्षेत्र को और अधिक समर्थन की आवश्यकता है।
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मॉडल उत्तर परिचय उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना को केंद्र सरकार ने 2020 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। इस योजना की शुरुआत तीन प्रमुख क्षेत्रों—मोबाइल निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, और चिकित्सा उपकरण निर्माण—से हुई थी और बाद में इसे 11 अन्य प्रमुख क्षRead more
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परिचय
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना को केंद्र सरकार ने 2020 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। इस योजना की शुरुआत तीन प्रमुख क्षेत्रों—मोबाइल निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, और चिकित्सा उपकरण निर्माण—से हुई थी और बाद में इसे 11 अन्य प्रमुख क्षेत्रों में विस्तार किया गया। इसका कुल बजट 1970 अरब रुपये है। इस योजना से भारत में पांच वर्षों में 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक उत्पादन की उम्मीद है।
आत्मनिर्भर भारत में योगदान
चुनौतियाँ
निष्कर्ष
PLI योजना ने भारत में विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा ध्यान आकर्षित किया है और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इसमें निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए कई संरचनात्मक और बाहरी चुनौतियों का सामना करना होगा।
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