उत्तर लेखन के लिए रोडमैप परिचय (Introduction) भूस्खलन की परिभाषा और इसका महत्व। पश्चिमी घाट और हिमालय का पृष्ठभूमि विवरण और भूस्खलनों का संदर्भ। भौगोलिक विशेषताएँ (Geographical Features) पश्चिमी घाट और हिमालय की भूगर्भीय और जलवायु संबंधी विशेषताएँ। उनके भू-विज्ञान एवं स्थलाकृति का संक्षिप्त वर्णन। भूस्खलन के ...
मॉडल उत्तर न्यायिक सक्रियता न्यायिक सक्रियता एक ऐसा न्यायिक दर्शन है जो न्यायपालिका को प्रगतिशील और नई सामाजिक नीतियों के प्रति संवेदनशील बनाता है। जब उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सरकारी कार्रवाई के लिए दबाव डालते हैं, तो यह न्यायिक सक्रियता का उदाहरण है। उदाहरण के लिएRead more
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न्यायिक सक्रियता
न्यायिक सक्रियता एक ऐसा न्यायिक दर्शन है जो न्यायपालिका को प्रगतिशील और नई सामाजिक नीतियों के प्रति संवेदनशील बनाता है। जब उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सरकारी कार्रवाई के लिए दबाव डालते हैं, तो यह न्यायिक सक्रियता का उदाहरण है। उदाहरण के लिए, सूखे के मामले में केंद्र सरकार को नई नीतियों के निर्माण का निर्देश देना या बैड लोन पैनल की स्थापना करना (स्रोत: न्यायिक सक्रियता पर समीक्षा)।
न्यायिक अतिक्रमण
न्यायिक अतिक्रमण न्यायिक सक्रियता का एक चरम रूप है, जिसमें न्यायपालिका विधायिका या कार्यपालिका के क्षेत्र में मनमाने ढंग से हस्तक्षेप करती है। इसका एक उदहारण है, राष्ट्रीय राजमार्ग के आस-पास नई शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाना, जिसे न्यायिक अतिक्रमण माना जाता है (स्रोत: न्यायिक अतिक्रमण की प्रवृत्तियाँ)।
न्यायिक सक्रियता और अतिक्रमण से जुड़ी चिंताएँ
- शक्ति के पृथक्करण का उल्लंघन: अनुच्छेद 142 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय की शक्तियाँ असाधारण हैं। इनका अत्यधिक उपयोग शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत को कमजोर कर सकता है (स्रोत: संविधान का विश्लेषण)।
- विधायिका और कार्यपालिका के कार्य की उपेक्षा: न्यायपालिका अक्सर ऐसे आदेश पारित करती है जो कार्यों की निधि और प्रक्रिया का ध्यान नहीं रखते। उदाहरण के लिए, कोयला और स्पेक्ट्रम आवंटन का रद्द होना कई वित्तीय संस्थानों के लिए संकट पैदा कर सकता है (स्रोत: आर्थिक प्रभाव अध्ययन)।
- जवाबदेही का अभाव: न्यायपालिका की नागरिकों के प्रति जवाबदेही अन्य सरकारी अंगों की अपेक्षाकृत कम होती है। इसके पास अवमानना के मामलों में दंड लगाने की शक्ति होती है, जिससे यह सार्वजनिक आलोचना से बच सकती है (स्रोत: सरकारी जवाबदेही अध्ययन)।
- विश्वसनीयता का संकट: जब न्यायपालिका लगातार विधायिका और कार्यपालिका के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप करती है, तो इसकी विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है, जिससे जनता का विश्वास घट सकता है (स्रोत: न्यायपालिका की छवि पर अध्ययन)।
निष्कर्ष
उच्चतम न्यायालय ने न्यायिक संयम के महत्व को कई बार रेखांकित किया है। न्यायपालिका को अपने कार्यों में संयम बरतना चाहिए और इसे सुपर-लेजिस्लेचर की तरह कार्य करने से बचना चाहिए। न्यायिक सक्रियता उपयोगी हो सकती है, लेकिन यह न्यायिक अतिक्रमण में नहीं बदलनी चाहिए।
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मॉडल उत्तर भूस्खलन के कारण हिमालय पर्वत में भूस्खलनों का मुख्य कारण विवर्तनिक गतिविधियां हैं। यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के अधीन है, जो कि इससे बनी भूगर्भीय संरचनाओं को कमजोर बनाती हैं। भारतीय प्लेट का उत्तर की ओर गति करना भी शैल को भुरभुरी और कमजोर करता है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ता है (SourceRead more
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भूस्खलन के कारण
हिमालय पर्वत में भूस्खलनों का मुख्य कारण विवर्तनिक गतिविधियां हैं। यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के अधीन है, जो कि इससे बनी भूगर्भीय संरचनाओं को कमजोर बनाती हैं। भारतीय प्लेट का उत्तर की ओर गति करना भी शैल को भुरभुरी और कमजोर करता है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ता है (Source: भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण)।
इसके विपरीत, पश्चिमी घाट में भूस्खलन का प्रमुख कारण मानसुन के दौरान अत्यधिक वर्षा होती है, जिससे भूजल स्तर बढ़ता है और मिट्टी तक बेहद संतृप्त हो जाती है (Source: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग)।
भूस्खलन की प्रकृति
हिमालय में भूस्खलन बड़े पैमाने पर होते हैं और अक्सर चट्टानों एवं मिट्टी की एक बड़ी मात्रा को प्रभावित करते हैं। यह ज्यादातर भूकंप के कारण होते हैं (Source: Earth Surface Processes and Landforms)। दूसरी ओर, पश्चिमी घाट में भूस्खलन छोटे पैमाने पर होते हैं और आमतौर पर कीचड़ के रूप में प्रकट होते हैं।
घटना की बारंबारता
हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलनों की घटनाएं अधिक सामान्य हैं, जबकि पश्चिमी घाट में यह घटना कम होती है (Source: NDMA)। यह हिमालय की ऊबड़-खाबड़ स्थलाकृति और अपरिपक्व ढलानों के कारण है।
ढाल अस्थिरता
कुल मिलाकर, हिमालय में उच्च ढाल अस्थिरता पाई जाती है, जबकि पश्चिमी घाट भूगर्भीय रूप से अधिक स्थिर है, जिससे भूस्खलनों की घटनाएं कम होती हैं (Source: Journal of Mountain Science)।
निष्कर्ष
हालांकि भूस्खलनों के कारण और प्रकृति विभिन्न हैं, लेकिन दोनों क्षेत्रों में मानवजनित गतिविधियाँ जैसे अवसंरचना विकास और खनन भूस्खलनों के लिए खतरा बढ़ा रही हैं। इसलिए, प्रभावी प्रबंधन के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वित प्रयास आवश्यक हैं (Source: NDMA वार्षिक रिपोर्ट)।
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