भारत में परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में होमी जहांगीर भाभा के योगदान का उल्लेख कीजिए। क्या आपको लगता है कि भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए? (250 शब्दों में ...
हड़प्पा सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व) को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस सभ्यता के लोग कई ऐसे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगतियों के प्रवर्तक थे, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जा सकती है: नगर नियोजन औरRead more
हड़प्पा सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व) को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस सभ्यता के लोग कई ऐसे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगतियों के प्रवर्तक थे, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जा सकती है:
- नगर नियोजन और जल प्रबंधन: हड़प्पा सभ्यता के शहरों, जैसे मोहनजोदड़ो और हड़प्पा, में उत्कृष्ट नगर नियोजन और जल प्रबंधन प्रणालियाँ थीं। उनके पास सुसंगठित ड्रेनेज सिस्टम, अंदरूनी नल और पाइपलाइन थे, जो जल निकासी और स्वच्छता को सुनिश्चित करते थे। शहरों की सड़कें और गलियाँ एक सुसंगठित ग्रिड सिस्टम में व्यवस्थित थीं, जो आधुनिक नगर नियोजन के अग्रदूत थे।
- वास्तुकला और निर्माण तकनीक: हड़प्पा सभ्यता ने पक्का निर्माण (ब्रिक निर्माण) की तकनीक को विकसित किया, जिसमें ईंटों को आकार में समान और मजबूत बनाया जाता था। यह निर्माण तकनीक उस समय के अन्य सभ्यताओं की तुलना में काफी उन्नत थी।
- माप और वजन की प्रणाली: हड़प्पा सभ्यता में मानकीकृत माप और वजन की प्रणाली थी, जिसमें ईंटों और अन्य वस्तुओं के लिए एक मानक आकार निर्धारित किया गया था। इससे व्यापार और विनिमय में आसानी हुई और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिला।
- लेखन प्रणाली: हड़प्पा सभ्यता की लेखन प्रणाली (जिसे हड़प्पा लिपि कहा जाता है) एक प्रारंभिक प्रयास थी जो व्यापार और प्रशासन के लिए उपयोग की जाती थी। हालांकि इस लिपि को पूरी तरह से डिकोड नहीं किया जा सका है, लेकिन इसके अस्तित्व से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने जटिल अभिलेखों और संचार प्रणालियों का विकास किया था।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई पहलुओं में अग्रणी थे। उनके नवाचार और तकनीकी उन्नति ने भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन तकनीकी और वैज्ञानिक धरोहर को समृद्ध किया।
See less
होमी जहांगीर भाभा (1909-1966) भारतीय परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का पिता माना जाता है, और उनके योगदान ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की नींव रखी। उनके प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं: भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना: भाभा ने 1948Read more
होमी जहांगीर भाभा (1909-1966) भारतीय परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का पिता माना जाता है, और उनके योगदान ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की नींव रखी। उनके प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं:
भारत को परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता:
हालांकि, परमाणु ऊर्जा की अपनी चुनौतियाँ हैं, जैसे परमाणु कचरे का प्रबंधन और सुरक्षा मुद्दे, लेकिन सही नीतियों और प्रौद्योगिकी के साथ, भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता और पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
See less