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जल इंजीनियरी और कृषि विज्ञान के क्षेत्रों में क्रमशः सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से भारत को किस प्रकार लाभ पहुँचा था? (150 words) [UPSC 2019]
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यहRead more
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ
सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान
सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के लिए एक स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में सफल रही। हाल ही में, उनकी डिजाइन सिद्धांतों को नमामि गंगे जैसे कार्यक्रमों में लागू किया गया है, जिससे गंगा नदी की सफाई और जल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार हुआ है।
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के कृषि विज्ञान में योगदान
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन (जन्म 1925) ने कृषि विज्ञान में क्रांतिकारी योगदान दिया। उनके नेतृत्व में हरित क्रांति के दौरान उच्च-उपजाऊ फसलों के विकास ने भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाया। हाल ही में, उनके दृष्टिकोण को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और आत्मनिर्भर कृषि पहल में अपनाया गया है, जिससे फसल की विविधता और उत्पादन में सुधार हुआ है।
निष्कर्ष
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदान ने भारत के जल संसाधन प्रबंधन और कृषि उत्पादन को स्थायी रूप से सुदृढ़ किया, जिससे देश की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
See lessप्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा किए गए 'बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी' के कार्य पर चर्चा कीजिए और दर्शाइए कि इसने किस प्रकार भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी। (150 words) [UPSC 2018]
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी: प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस का योगदान: बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी का विकास: 1920 के दशक में, प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस ने एक सांख्यिकी ढांचा विकसित किया जो उन कणों का व्यवहार वर्णित करता है जो पारंपरिक सांख्यिकी का पालन नहीं करते। उनके 1924 में प्रRead more
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी:
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस का योगदान:
भौतिकी में क्रांति:
प्रो० बोस का यह अग्रणी काम भौतिकी के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने आधुनिक भौतिकी पर गहरा प्रभाव डाला।
See lessभारत में परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में होमी जहांगीर भाभा के योगदान का उल्लेख कीजिए। क्या आपको लगता है कि भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
होमी जहांगीर भाभा (1909-1966) भारतीय परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का पिता माना जाता है, और उनके योगदान ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की नींव रखी। उनके प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं: भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना: भाभा ने 1948Read more
होमी जहांगीर भाभा (1909-1966) भारतीय परमाणु प्रौद्योगिकी के विकास में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। भाभा को भारतीय परमाणु कार्यक्रम का पिता माना जाता है, और उनके योगदान ने भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की नींव रखी। उनके प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं:
भारत को परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता:
हालांकि, परमाणु ऊर्जा की अपनी चुनौतियाँ हैं, जैसे परमाणु कचरे का प्रबंधन और सुरक्षा मुद्दे, लेकिन सही नीतियों और प्रौद्योगिकी के साथ, भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु ऊर्जा के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता और पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
See lessभारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के संबंध में, हड़प्पा सभ्यता के लोगों को वास्तविक प्रवर्तक माना जा सकता है। उपयुक्त उदाहरणों के साथ चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
हड़प्पा सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व) को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस सभ्यता के लोग कई ऐसे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगतियों के प्रवर्तक थे, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जा सकती है: नगर नियोजन औरRead more
हड़प्पा सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व) को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस सभ्यता के लोग कई ऐसे वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगतियों के प्रवर्तक थे, जिनका प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जा सकती है:
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई पहलुओं में अग्रणी थे। उनके नवाचार और तकनीकी उन्नति ने भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन तकनीकी और वैज्ञानिक धरोहर को समृद्ध किया।
See lessआधुनिक विज्ञान में जगदीश चंद्र बोस के योगदान का विवरण दीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
जगदीश चंद्र बोस (1858-1937) ने आधुनिक विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान किए। वे भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने पौधों के जीवन और संवेदी प्रतिक्रियाओं पर महत्वपूर्ण शोध किया। बोस ने साबित किया कि पौधे भी जीवित प्राणियों की तरह प्रतिक्रिया करते हैं, एक दृष्टिकोण जो उनके "The Response of Plants to StimuliRead more
जगदीश चंद्र बोस (1858-1937) ने आधुनिक विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान किए। वे भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने पौधों के जीवन और संवेदी प्रतिक्रियाओं पर महत्वपूर्ण शोध किया। बोस ने साबित किया कि पौधे भी जीवित प्राणियों की तरह प्रतिक्रिया करते हैं, एक दृष्टिकोण जो उनके “The Response of Plants to Stimuli” अध्ययन में स्पष्ट हुआ।
वे रेडियो तरंगों के क्षेत्र में भी अग्रणी थे और “माइक्रोवेव तकनीक” का उपयोग करके विद्युत चुम्बकीय तरंगों का अनुभव किया। उन्होंने लौहता की परख करने वाले प्रयोग में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और “बोस-रिस्क प्रयोग” के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार किया।
उनकी यह खोजें और प्रयोग भारतीय विज्ञान की नींव को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक विज्ञान में भी प्रभावशाली साबित हुईं। बोस की इन खोजों ने उन्हें विज्ञान की दुनिया में एक अनोखा स्थान दिलाया।
See lessगणित और विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक द्वारा दिए गए योगदान की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आर्यभट्ट: आर्यभट्ट ने गणित में भूमिका निभाई और सूर्य सिद्धांत को विकसित किया। उन्होंने ग्रहों की गति के लिए शून्य की पहली परिभाषा प्रस्तुत की। ब्रह्मगुप्त: ब्रह्मगुप्त ने अलग-अलग प्रकार के समीकरणों और परिवर्तनों काRead more
प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इन महान वैज्ञानिकों ने अपने क्षेत्र में अद्वितीय और अग्रणी योगदान दिया और भारतीय विज्ञान और गणित की धारा को बढ़ावा दिया।
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