जल इंजीनियरी और कृषि विज्ञान के क्षेत्रों में क्रमशः सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से भारत को किस प्रकार लाभ पहुँचा था? (150 words) [UPSC 2019]
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी: प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस का योगदान: बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी का विकास: 1920 के दशक में, प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस ने एक सांख्यिकी ढांचा विकसित किया जो उन कणों का व्यवहार वर्णित करता है जो पारंपरिक सांख्यिकी का पालन नहीं करते। उनके 1924 में प्रRead more
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस द्वारा बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी:
प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस का योगदान:
- बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी का विकास:
- 1920 के दशक में, प्रो० सत्येन्द्र नाथ बोस ने एक सांख्यिकी ढांचा विकसित किया जो उन कणों का व्यवहार वर्णित करता है जो पारंपरिक सांख्यिकी का पालन नहीं करते। उनके 1924 में प्रकाशित कार्य ने बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी की नींव रखी, जो बोसन्स (पूर्ण स्पिन वाले कण) के लिए लागू होती है।
- महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि:
- बोस ने दिखाया कि ये कण, जैसे फोटॉन और हीलियम-4 के परमाणु, एक ही क्वांटम स्थिति में बिना किसी प्रतिबंध के रह सकते हैं, जिससे बोस-आइन्स्टीन संघनन जैसे घटनाओं की भविष्यवाणी की गई।
भौतिकी में क्रांति:
- बोस-आइन्स्टीन संघनन की खोज:
- बोस का काम बोस-आइन्स्टीन संघनन की भविष्यवाणी का आधार बना, जो बहुत कम तापमान पर एक पदार्थ की स्थिति होती है, जहाँ कण सबसे नीची क्वांटम स्थिति में रहते हैं। इस घटना की पुष्टि 1995 में की गई, जिससे क्वांटम यांत्रिकी की समझ में क्रांति आई।
- क्वांटम यांत्रिकी और ठोस-राज्य भौतिकी पर प्रभाव:
- बोस-आइन्स्टीन सांख्यिकी का परिचय क्वांटम यांत्रिकी और ठोस-राज्य भौतिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति का कारण बना, जो लेजर और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों के विकास को प्रभावित करता है।
प्रो० बोस का यह अग्रणी काम भौतिकी के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने आधुनिक भौतिकी पर गहरा प्रभाव डाला।
See less
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यहRead more
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ
सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान
सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के लिए एक स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में सफल रही। हाल ही में, उनकी डिजाइन सिद्धांतों को नमामि गंगे जैसे कार्यक्रमों में लागू किया गया है, जिससे गंगा नदी की सफाई और जल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार हुआ है।
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के कृषि विज्ञान में योगदान
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन (जन्म 1925) ने कृषि विज्ञान में क्रांतिकारी योगदान दिया। उनके नेतृत्व में हरित क्रांति के दौरान उच्च-उपजाऊ फसलों के विकास ने भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाया। हाल ही में, उनके दृष्टिकोण को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और आत्मनिर्भर कृषि पहल में अपनाया गया है, जिससे फसल की विविधता और उत्पादन में सुधार हुआ है।
निष्कर्ष
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदान ने भारत के जल संसाधन प्रबंधन और कृषि उत्पादन को स्थायी रूप से सुदृढ़ किया, जिससे देश की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
See less