भारत के पूर्वी भाग में वामपंथी उग्रवाद के निर्धारक क्या हैं? प्रभावित क्षेत्रों में खतरों के प्रतिकारार्थ भारत सरकार, नागरिक प्रशासन एवं सुरक्षा बलों को किस सामरिकी को अपनाना चाहिए? (250 words) [UPSC 2020]
भारत में वामपंथी उग्रवाद (Left-Wing Extremism, LWE) में हुई कमी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। सबसे पहले, सरकार द्वारा उठाए गए कड़े सुरक्षा उपायों ने इस समस्या पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय, खुफिया जानकारी का प्रभावी उपयोग, और आधुनिक तRead more
भारत में वामपंथी उग्रवाद (Left-Wing Extremism, LWE) में हुई कमी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। सबसे पहले, सरकार द्वारा उठाए गए कड़े सुरक्षा उपायों ने इस समस्या पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय, खुफिया जानकारी का प्रभावी उपयोग, और आधुनिक तकनीक का अपनाना LWE के खिलाफ अभियान में मददगार साबित हुआ है।
दूसरा, सरकार द्वारा आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना भी एक प्रमुख कारक है। सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आजीविका के साधनों में सुधार ने इन क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। इससे स्थानीय जनता का समर्थन उग्रवादियों से हटकर सरकार की ओर स्थानांतरित हुआ है।
तीसरा, उग्रवादियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा चलाए गए पुनर्वास कार्यक्रम भी इस कमी में योगदानकारी रहे हैं। इन कार्यक्रमों ने उग्रवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने और समाज के पुनर्निर्माण में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।
हालांकि, यह कहना कि LWE की समस्या का निकट भविष्य में पूरी तरह से अंत हो जाएगा, शायद समयपूर्व होगा। LWE का प्रभाव भले ही घट रहा हो, लेकिन इसके जड़ें अभी भी कई क्षेत्रों में मौजूद हैं। सरकार को सतत् विकास, सामाजिक न्याय, और सुरक्षा बलों के प्रभावी संचालन को बनाए रखना होगा ताकि LWE का प्रभाव पूरी तरह समाप्त हो सके। निकट भविष्य में LWE की समस्या को समाप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार अपनी रणनीति में निरंतरता बनाए रखे और नए उभरते खतरों के प्रति सतर्क रहे।
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भारत के पूर्वी भाग में वामपंथी उग्रवाद के निर्धारक 1. सामाजिक और आर्थिक विषमताएँ: गरीबी और बेरोजगारी: झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गरीबी और उच्च बेरोजगारी दर वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देती हैं। छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में, अदिवासी जनसंख्या की आर्थिक और सामाजिक स्थRead more
भारत के पूर्वी भाग में वामपंथी उग्रवाद के निर्धारक
1. सामाजिक और आर्थिक विषमताएँ:
2. ऐतिहासिक बहिष्कार:
3. कमजोर प्रशासनिक संरचना:
4. राजनीतिक अस्थिरता:
प्रभावित क्षेत्रों में खतरों के प्रतिकारार्थ रणनीतियाँ
1. समन्वित सुरक्षा और विकास दृष्टिकोण:
2. सुधारित खुफिया और समन्वय:
3. समुदाय की भागीदारी और विकास:
4. भूमि और संसाधनों का न्यायसंगत वितरण:
5. शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण:
इन रणनीतियों को अपनाकर, भारत सरकार, नागरिक प्रशासन और सुरक्षा बल वामपंथी उग्रवाद के प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और प्रभावित क्षेत्रों में स्थिरता स्थापित कर सकते हैं।
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