मुंबई, दिल्ली और कोलकाता देश के तीन विराट नगर हैं, परंतु दिल्ली में वायु प्रदूषण, अन्य दो नगरों की तुलना में कहीं अधिक गंभीर समस्या है। इसका क्या कारण है ? (200 words) [UPSC 2015]
भारतीय महानगरों में शहरीकरण का गरीबों पर प्रभाव अक्सर पृथक्करण और हाशिए पर जाने की स्थिति को बढ़ा सकता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: आवासीय असमानता: शहरीकरण के साथ, शहरों में आवास की मांग बढ़ जाती है, जिससे महंगे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और हाई-इनकम वाले इलाकों का विस्तार होता है। गरीबों को अकRead more
भारतीय महानगरों में शहरीकरण का गरीबों पर प्रभाव अक्सर पृथक्करण और हाशिए पर जाने की स्थिति को बढ़ा सकता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- आवासीय असमानता: शहरीकरण के साथ, शहरों में आवास की मांग बढ़ जाती है, जिससे महंगे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और हाई-इनकम वाले इलाकों का विस्तार होता है। गरीबों को अक्सर इन क्षेत्रों से दूर, झुग्गियों और स्लम क्षेत्रों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस प्रकार, आवासीय असमानता और सामाजिक विभाजन बढ़ जाता है।
- सेवा और सुविधाओं की कमी: झुग्गियों और गरीब बस्तियों में बुनियादी सेवाओं जैसे कि स्वच्छ पानी, sanitation, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती है। ये क्षेत्रों प्रायः उपेक्षित रहते हैं, जिससे निवासियों के जीवन स्तर में गिरावट आती है और वे विकास की मुख्यधारा से बाहर रह जाते हैं।
- आर्थिक अवसरों की कमी: शहरीकरण के साथ, नौकरी के अवसर आम तौर पर उच्च कौशल और शिक्षा वाले लोगों के लिए ही होते हैं। गरीब और अशिक्षित आबादी के लिए, रोजगार के अवसर सीमित होते हैं, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होता।
- सामाजिक और सांस्कृतिक भेदभाव: शहरीकरण के चलते सामाजिक भेदभाव और सांस्कृतिक विभाजन भी बढ़ता है। गरीब और प्रवासी समुदाय अक्सर सामाजिक भेदभाव का शिकार होते हैं, जिससे उनकी सामाजिक एकीकरण की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- नागरिक सुविधाओं की असमानता: शहरीकरण के साथ, शहरों में नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता भी असमान होती है। उच्च आय वर्ग के लोग बेहतर सुविधाओं का लाभ उठाते हैं, जबकि गरीब क्षेत्रों में इन सुविधाओं का अभाव होता है।
इस प्रकार, शहरीकरण अक्सर गरीबों को और अधिक हाशिए पर ले जाता है और उन्हें विकास के लाभों से वंचित करता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए, शहरी नीति और योजनाओं में समावेशिता, बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, और गरीबों के लिए विशेष कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
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दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या मुंबई और कोलकाता की तुलना में अधिक गंभीर है, जिसके कई प्रमुख कारण हैं: भौगोलिक स्थिति: दिल्ली एक स्थल-बद्ध शहर है, जबकि मुंबई और कोलकाता तटीय क्षेत्र में स्थित हैं। तटीय क्षेत्रों में समुद्री हवाएँ प्रदूषकों को फैलाने में मदद करती हैं, जबकि दिल्ली में हवा की यह गतिRead more
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या मुंबई और कोलकाता की तुलना में अधिक गंभीर है, जिसके कई प्रमुख कारण हैं:
इन कारणों के संयोजन से दिल्ली में वायु प्रदूषण अन्य महानगरों की तुलना में अधिक गंभीर हो जाता है।
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